मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में आयुष औषधि से रोग पर नियंत्रण

भोपाल, 14 मई। आयुष विभाग द्वारा प्रदेश के मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में मलेरिया नियंत्रण के लिये विशेष कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में होम्योपैथिक औषधि मलेरिया ऑफ-200 का वितरण 2 चरणों में कराया गया है।

स्वास्थ्य विभाग के सर्वेक्षण में इन ग्रामों में आयुर्वेद औषधि वितरण के बाद मलेरिया रोग काफी कम पाया गया। कुछ क्षेत्रों में तो 80 से 90 प्रतिशत की कमी पायी गयी है। आयुष विभाग द्वारा पिछले वर्ष 70 लाख आबादी को 2 चरणों में होम्योपैथिक औषधि मलेरिया ऑफ-200 सेवन कराया गया था। मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में शासकीय होम्योपैथिक महाविद्यालय भोपाल द्वारा रोगियों पर विशेष शोध भी कराया गया है।

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में हर्बल गार्डन का विकास

आयुष विभाग द्वारा सामान्यजन में औषधि पौधों के प्रति जागरूकता तथा उसका उपयोग उन्हें होने वाली सामान्य बीमारियों जैसे- बुखार, खाँसी आदि में किस प्रकार किया जाना है, इस उद्देश्य को लेकर प्रदेश में हर्बल गार्डन विकसित किये जा रहे हैं।

प्रत्येक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के हर्बल गार्डन में कम से कम 16 औषधीय उपयोग के पौधों का रोपण किया जा रहा है। साथ ही जन-सामान्य को उन पौधों को अपने घर में लगाने के लिये प्रेरित भी किया जा रहा है। प्रदेश में कोरोना काल के समय औषधीय पौधा गिलोय को घरों में लगाने के लिये नागरिकों को प्रेरित किया गया था। साथ ही गिलोय औषधि का काढ़ा बनाकर उपयोग करने के बारे में जानकारी दी गई थी। आयुर्वेद में औषधीय पौधा गिलोय मनुष्य में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढा़ने के लिये सर्वश्रेष्ठ औषधि के रूप में बताया गया है।

362 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स का संचालन

प्रदेश में इस समय 362 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स का संचालन किया जा रहा है। साथ ही आयुष विभाग द्वारा 400 नये और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन केन्द्रों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में योग, पेथालॉजी, औषधीय तथा प्राकृतिक परीक्षण कर किस प्रकार का खान-पान रखने से स्वस्थ और रोगमुक्त होने की जानकारी प्रदान की जा रही है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में संबंधित ग्राम के बच्चे और बुजु़र्ग भी योग करने के लिये इन सेंटर्स पर पहुँच रहे हैं।

हिन्दुस्थान संवाद

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