आप विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में आतिशी के घर पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी नेताओं द्वारा भाजपा पर आप विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। अब इन आरोपों की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद रविवार को सुबह क्राइम ब्रांच की टीम मंत्री आतिशी के सरकारी निवास पर नोटिस देने पहुंची। दिल्ली पुलिस की टीम शुक्रवार शाम को भी आतिशी के घर गई थी, लेकिन वह घर में नहीं थी। इसके बाद शनिवार को टीम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर नोटिस देने पहुंची, जहां काफी हंगामा हुआ। इस बीच आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और मीडिया हेड जैस्मिन शाह और क्राइम ब्रांच के एसीपी पंकज अरोड़ा के बीच काफी बहस हुई थी और करीब पांच घंटे तक क्राइम ब्रांच की टीम मुख्यमंत्री आवास पर रहने के बाद लौट गई थी।
रविवार सुबह करीब 10 बजे क्राइम ब्रांच की टीम विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में ही मंत्री आतिशी के घर नोटिस देने पहुंची। इससे पहले गत 27 जनवरी को आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री आतिशी ने पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर ऑपरेशन लोटस को लेकर भाजपा पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी की चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास कर रही है। पिछले कुछ दिनों में आम आदमी पार्टी के सात विधायकों से भाजपा ने संपर्क किया है और कहा है कि हम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने वाले हैं। उसके बाद हम आम आदमी पार्टी के विधायकों को एक-एक कर तोड़ेंगे। अभी हम आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों के संपर्क में है और उन 21 विधायकों के माध्यम से दिल्ली की चुनी हुई सरकार को गिरा देंगे। भाजपा ने इन सात विधायकों को आम आदमी छोड़कर भाजपा में शामिल होने के लिए 25-25 करोड़ रुपये का ऑफर देने का आरोप लगाया था।
आतिशी ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा था कि ये ऑपरेशन लोटस भाजपा पहली बार नहीं कर रही है। ऑपरेशन लोटस भाजपा का तरीका है कि जिन-जिन राज्यों में इनकी सरकार नहीं बनती है, वहां ये पैसे देकर, डरा-धमकाकर या सीबीआई-ईडी का केस करवाकर चुनी हुई सरकारों को गिराने की कोशिश करती है। भाजपा का ये ऑपरेशन लोटस कई राज्यों में चला है। इसमें महाराष्ट्र, गोवा, कर्णाटक, अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में इन्होंने चुनी हुई सरकार को गिराया है और सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि कुछ राज्यों में कई-कई बार विधायकों को खरीदकर या डरा-धमका कर चुनी हुई सरकारों को गिराया है।
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