संजय सिंह के बाद केजरीवाल-सिसोदिया की जमानत का क्‍या? यहां छुपा है जवाब

नई दिल्‍ली । एक तरफ अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal)तिहाड़ जेल नंबर दो में बंद हैं तो वहीं दूसरी तरफ 181 दिन बाद संजय सिंह (Sanjay Singh)जेल नंबर पांच से जमानत (Bail)मिलने पर बाहर आ सकेंगे। शराब घोटाले (liquor scam)के इस मामले में अब जब तक निचली अदालत में ट्रायल(trial in lower court) चलेगा, तब तक संजय सिंह बेल पर बाहर रहेंगे और उन्हें सिर्फ कोर्ट की सुनवाई के दौरान अदालत में पेश होना होगा। सुप्रीम कोर्ट में संजय सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी ने आपत्ति नहीं जताई। इसके बाद जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने अपना फैसला सुनाया।

संजय सिंह की जमानत की शर्तें ट्रायल कोर्ट द्वारा तय की जाएंगी। संजय सिंह को जमानत तो मिल गई लेकिन मंगलवार को वह बाहर नहीं आ सके। संजय सिंह को लीवर में कुछ शिकायत थी, जिसके लिए डॉक्टरों ने कुछ जांच करने के कहा है, इसलिए वह अस्पताल में हैं। डॉक्टर जब अस्पताल से जाने की इजाजत देंगे तब संजय सिंह तिहाड़ जेल वापस जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट का लिखित आदेश आ गया है। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि हमने ED की ओर से दायर केस की मेरिट पर अपनी कोई राय व्यक्त नहीं की है। ED की ओर से ASG एसवी राजू ने बयान दिया है कि संजय सिंह को अगर ज़मानत दी जाती है तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। इसके मद्देनजर संजय सिंह को जमानत दी जा रही है।

कोर्ट ने साफ किया है कि संजय सिंह को मिली राहत को नजीर की तरह ना समझा जाए। ये वाक्य लिखने का सीधा और साफ मतलब यही है कि इस आदेश के आधार पर दूसरा आरोपी ऐसी ही राहत का दावा नहीं कर सकता। संजय सिंह के वकील ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि वो इस केस में अपनी भूमिका को लेकर जमानत पर रहने के दौरान कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।

उधर, संजय सिंह का बेल ऑर्डर भी मंगलवार शाम तक तिहाड़ जेल नहीं पहुंचा था। अब सवाल उठता है कि क्या संजय सिंह की जमानत से केजरीवाल और सिसोदिया को भी राहत मिलेगी?

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा है कि संजय सिंह को दी गई जमानत को ‘नजीर’ के तौर पर नहीं लिया जाएगा। इसका आशय हुआ कि इस जमानत आदेश से अरविंद केजरीवाल समेत जेल में बंद अन्य आप नेताओं को ज्यादा राहत नहीं मिलने वाली है। पीठ ने इससे पहले सुबह के सत्र में राजू से इस बारे में निर्देश प्राप्त करने को कहा था कि क्या ईडी को सिंह की और हिरासत की जरूरत है। इसके बाद उन्होंने संजय सिंह की जमानत का विरोध भी नहीं किया। लोकसभा चुनाव से पहले संजय सिंह तो बाहर आ जाएंगे लेकिन केजरीवाल और सिसोदिया को लेकर सस्पेंस अब भी बरकरार है।

जमानत देते समय कोर्ट ने हालांकि ईडी के वकील के अनुरोध के बाद स्पष्ट किया कि रियायत को ‘नजीर’ के रूप में नहीं माना जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसका अनिवार्य रूप से मतलब यह होगा कि इस मामले के अन्य आरोपियों को इससे राहत नहीं मिलने वाली है। कोर्ट के आदेश के आधार पर ईडी किसी भी तरह से अन्य आरोपियों को समान रियायत देने के लिए बाध्य नहीं होगी। अन्य अदालतें भी इस आदेश से आरोपियों को राहत देने के लिए बाध्य नहीं होंगी। सुप्रीम कोर्ट की इस अहम टिप्पणी ने कहीं न कहीं आम आदमी पार्टी की टेंशन बढ़ा दी है।

केजरीवाल और सिसोदिया को SC के आदेश का नहीं मिलेगा लाभ!

इसका मतलब है कि सीएम अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया समेत अन्य आरोपियों को इस आदेश का फायदा नहीं मिल सकेगा। हालांकि, यह ध्यान देना जरूरी है कि संजय सिंह के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उठाए गए मुद्दों को केजरीवाल के वकीलों ने भी उनके मामले में उठाया था। इसलिए सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों को केजरीवाल की लीगल टीम केस में इस्तेमाल कर सकती है। वहीं सिसोदिया के केस में भी इसका इस्तेमाल हो सकता है।

 

संजय सिंह की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा कि उन्हें इस बात पर विचार करना होगा कि सरकारी गवाह बने आरोपी ने पहले 9 बयानों में संजय सिंह का नाम नहीं लिया था। अरविंद केजरीवाल की दलीलें भी ऐसी ही हैं, जहां उनके वकीलों ने दावा किया है कि आरोपी से सरकारी गवाह बने शरत रेड्डी और राघव मगुंटा द्वारा दिए गए शुरुआती बयानों में उनका नाम नहीं था।

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को यह भी बताया कि संजय सिंह के मामले में कोई पैसा बरामद नहीं हुआ है। अरविंद केजरीवाल के वकीलों ने भी दावा किया है कि उनसे कोई पैसा बरामद नहीं हुआ है। इसलिए भले ही संजय सिंह को मिली रियायत को केजरीवाल की जमानत के लिए एक मिसाल के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, लेकिन उनकी टीम अपने मामले को मजबूत बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों का हवाला दे सकती है। हालांकि, इसका कितना लाभ मिल सकेगा, यह देखने वाली बात है।

केजरीवाल की याचिका पर होगी सुनवाई

केजरीवाल ने बेल नहीं बल्कि सीधे गिरफ्तारी को चैलेंज कर रखा है। बुधवार दिल्ली हाईकोर्ट में अरविंद केजरीवाल पर अहम सुनवाई है। हाईकोर्ट के जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा मामले की सुनवाई करेंगे। केजरीवाल ने अरेस्ट ऑर्डर और स्पेशल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध और गैरकानूनी बताया है।

रिहाई को लेकर अरविंद केजरीवाल की दलीलें भी लगभग वैसी ही हैं, जैसे संजय सिंह के लिए रहीं। अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट में कहा था कि मनीष सिसोदिया पीए सी।अरविंद ने बयान दिया कि मेरी उपस्थिति में कुछ दस्तावेज सिसोदिया को दिए। मेरे घर रोज विधायक आते हैं, क्या ये बयान एक मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए काफी है? राघव मंगूटा के सात बयान हैं। छह बयान में मेरा नाम नहीं। सातवें में वो मेरा नाम लेता है और उसे बेल मिल जाती है। शरत रेड्डी ने गिरफ्तार होने के बाद 55 करोड़ का चंदा बीजेपी को दिया। 100 करोड़ का शराब घोटाला है तो वो पैसा कहां गया?

केजरीवाल पर ईडी ने हाईकोर्ट में दाखिल किया जवाब

ईडी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अपना जवाब दाखिल किया है। केजरीवाल एक्साइज पॉलिसी घोटाले के किंगपिन और मुख्य साजिशकर्ता हैं। ED ने अपने जवाब में लिखा है कि अरविंद केजरीवाल कुछ व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए आबकारी नीति 2021-22 तैयार करने की साजिश में शामिल थे और उक्त नीति में लाभ देने के बदले में शराब व्यवसायियों से रिश्वत मांगने में भी शामिल थे। अरविंद केजरीवाल ने इन पैसों का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी के लिए गोवा चुनाव अभियान में किया।

केजरीवाल ने हवाला लेनदेन को खुद नहीं संभाला: ED

वहीं ED ने अपनी ओर से दाखिल जवाब में यह भी कहा है कि साउथ ग्रुप को दिए जाने वाले लाभों को ध्यान में रखते हुए इस शराब नीति का मसौदा तैयार किया था और इसका गठन विजय नायर, मनीष सिसोदिया और साउथ ग्रुप के सदस्य प्रतिनिधियों की मिलीभगत से किया गया था। अरविंद केजरीवाल ने उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में लाभ देने के बदले में साउथ ग्रुप से रिश्वत की मांग की थी। केजरीवाल ने हवाला लेनदेन को खुद नहीं संभाला। सबसे जरूरी सबूत जो घोटाले में उनकी भूमिका को दर्शाता है, वह है साजिश के बारे में उन्हें मालूम था।

सिसोदिया को भी राहत मिलने का इंतजार

उधर, फरवरी 2023 से मनीष सिसोदिया भी जेल में हैं। उन्हें भी राहत मिलने का इंतजार है। वह कई बार बेल की अर्जी डाल चुके हैं। लेकिन बार-बार खारिज होती रही हैं। अबकी बार सिसोदिया की बेल अर्जी में वकील ने कहा है कि जांच एजेंसी यह साबित नहीं कर पाई है कि पैसा सिसोदिया तक पहुंचा है। मुकदमे के ट्रायल में देरी के लिए सिसोदिया तो जिम्मेदार है नहीं। सिसोदिया की तरफ से कहा गया कि अब वो प्रभावशाली भी नहीं हैं, डिप्टी सीएम भी नहीं हैं। 6 अप्रैल को उनकी याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होनी है।

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