सेबी ने निवेशकों को दी डिस्क्लेमर पढ़ने के लिए सलाह, न घबराएं न भ्रम में फंसे

नई दिल्‍ली. अमेरिकी शॉर्ट सेलर रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग के आरोपों पर सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने बयान जारी किया है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए सेबी पर लगे सभी आरोप झूठे बताए हैं. निवेशकों के बीच भी रिपोर्ट को लेकर किसी तरह का तनाव न रहे इसके लिए उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि वह बिलकुल भी न घबराएं. उन्हें हिंडनबर्ग रिपोर्ट के भ्रम में आने की जरूरत नहीं है. सेबी ने निवेशकों से अपील की है कि इस तरह की रिपोर्ट को पढ़कर कोई भी निर्णय लेने से पहले छानबीन करने की अपील की है. जिससे उन्हें किसी तरह का नुकसान न हो.

सेबी ने सोमवार को मार्केट खुलने से पहले जारी अपने बयान में कहा कि चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच समय-समय पर सभी जरूरी जानकारियां देती रही हैं. उन्होंने चेयरपर्सन बनने से पहले ही संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग कर लिया था. ऐसे में निवेशकों को रिपोर्ट को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में आने की जरुरत नहीं है और निवेशकों को हिंडनबर्ग द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर को जरूर पढ़ना चाहिए. दरअसल हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट में एक डिस्क्लेमर भी दिया है, जिसका जिक्र सेबी ने निवेशकों से किया है.

सेबी ने कहा कि हमने पिछले साल अडानी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बाद 24 में से 23 जांच पूरी कर ली हैं. इनमें पिछली बार की रिपोर्ट में लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए हैं. अब ब्लैकस्टोन को लेकर लगाए जा रहे आरोप भी गलत हैं. सेबी ने निवेशकों से कहा कि उन्हें ऐसी रिपोर्टों को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्हें हिंडनबर्ग रिपोर्ट के डिस्क्लेमर को भी पढ़ना चाहिए. सेबी ने कनफ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट से जुड़े मसलों पर पूरा ढांचा तैयार किया हुआ है. इसमें सिक्योरिटीज की होल्डिंग और ट्रंसफर की जानकारी देनी होती है. सेबी चीफ ने इन सभी नियमों का पालन किया है.

सेबी ने पिछली रिपोर्ट के बाद शुरू की गई जांचों के बारे में बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेश में स्थिति साफ कर दी थी. सिर्फ एक जांच अभी भी जारी है, जो जल्द ही पूरी हो जाएगी. हमने 100 से ज्यादा समन जारी किए थे. साथ ही 1,100 पत्र और ईमेल भी भेजे थे. इसके अलावा 100 बार से ज्यादा घरेलू और विदेशी रेगुलेटर एवं एजेंसियों से इस मसले पर मदद मांगी थी. साथ ही पिछली बार के आरोपों की जांच के लिए 12 हजार पेजों के 300 से ज्यादा दस्तावेज खंगाले गए थे.

सेबी ने निवेशकों से शांत रहने की अपील की है. सेबी ने निवेशकों से अपील की है कि वे इस तरह की रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देने से पहले शांत रहें. पूरी सावधानी बरतें. उसने निवेशकों से यह भी कहा है कि वे रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर को ध्यान से पढ़ें. इसमें कहा गया है कि पाठकों को यह मान लेना चाहिए कि रिपोर्ट में शामिल प्रतिभूतियों में हिंडनबर्ग रिसर्च की शॉर्ट पोजीशन हो सकती है.

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के डिस्क्लेमर में लिखा है, यह रिपोर्ट सिक्योरिटीज पर कोई सलाह नहीं है. यह जांच-पड़ताल पर आधारित रिपोर्ट है. हम हर पाठक को सलाह देते हैं कि वे खुद से जांच-पड़ताल करें. हिंडनबर्ग रिसर्च के शोध का इस्तेमाल करना आपके अपने जोखिम पर है. किसी भी स्थिति में हिंडनबर्ग रिसर्च या इससे जुड़ी कोई भी पार्टी इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी के कारण हुए किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष व्यापारिक नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी. आप इस बात से सहमत हैं कि आप खुद से रिसर्च और जांच-पड़ताल करेंगे और किसी भी निवेश का फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय, कानूनी और कर सलाहकार से सलाह लेंगे.

The post सेबी ने निवेशकों को दी डिस्क्लेमर पढ़ने के लिए सलाह, न घबराएं न भ्रम में फंसे appeared first on aajkhabar.in.

follow hindusthan samvad on :