ग्रामीण उद्यानिकी कार्य अनुभव लेने छात्राओं ने सीखा पपीते से टूटी फ्रूटी बनाना
सिवनी 26 सितंबर। जिला मुख्यालय स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र में उद्यानिकी महाविद्यालय छिंदवाडा एवं रहली की छात्राओं ने पपीते से टूटी-फ्रूटी बनाने का प्रायोगिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस आशय की जानकारी कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ.एन.के.सिंह ने सोमवार को दी है।
उन्होनें बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र सिवनी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. एन.के.सिंह के मार्गदर्शन मे बीते दिन 23 सितम्बर 22 को ग्रामीण उद्यानिकी कार्य अनुभव का प्रायोगिक अनुभव लेने आई उद्यानिकी महाविद्यालय छिन्दवाड़ा और रहली की छात्राओं ने सीखा पपीते से टूटी फ्रूटी बनाने का प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया गया। जिससे पपीता उत्पादक किसान पपीते की टूटी फ्रूटी बनाकर उसका व्यवसाय शुरू करते हुए अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं। पपीते से बनाए जाने वाली टूटी फ्रूटी में जहां पपीते के कच्चे फलों का इस्तेमाल होता है। वही पपीते के कच्चे और पके हुए फलों की बिक्री की तुलना में पपीते से बनी टूटी फ्रूटी से किसानों को अधिक आय भी अर्जित कर सकते है। केंद्र के खाद्य विज्ञान विशेषज्ञ श्री जी.के.राणा ने छात्राओं को पपीते की टूटी फूटी बनाना सिखाया, ताकि छात्रायें अपने प्रयोगिक अनुभव के दौरान किसानों को यह जानकारी देकर उनकी आय बढ़ाने में मदद कर सके। उन्होंने कहा कि पपीते से बनाया उत्पाद किसानों की आय को सुरक्षित तो करता है बल्कि उसकी कीमत में भी इजाफा करता है। टूटी फ्रूटी के उत्पादन में पपीते के तुड़ाई के दौरान क्षतिग्रस्त हुए फलों का भी प्रयोग आसानी से किया जा सकता है।
हिन्दुस्थान संवाद