सिवनीः पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए शिक्षकों ने किया धरना, रैली निकाल कर सौपा ज्ञापन

सिवनी, 25 सितम्बर। जिला मुख्यालय में रविवार की दोपहर को राज्य शिक्षक संघ द्वारा पेंशन सत्याग्रह न्याय यात्रा निकाल कर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संपूर्ण देश से कर्मचारी विरोधी एनपीएस योजना को बंद कर ओपीएस योजना की बहाली और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम जिला कलेक्टर डॉ.राहुल हरिदास फांटिग को 13 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा है।

राज्य शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष विपनेश जैन ने रविवार की रात्रि बताया कि राज्य शिक्षक संघ मप्र के प्रांतीय अध्यक्ष जगदीश यादव ने पुरे मप्र में पुरानी पेंशन बहाली कराने हेतु पेंशन सत्याग्रह न्याय यात्रा निकाल कर शिक्षकों कों जागरूक किया है। प्रांतीय आह्वान पर 25 सितम्बर कों जिला स्तर पर एक दिवसीय धरना किया गया जिसमे पुरे जिले के आठो ब्लॉक के ब्लॉक अध्यक्ष के नेतृत्व में हजारो की संख्या में शिक्षकों ने धरना दिया। धरना के बाद रैली निकाल कर मुख्य मंत्री के नाम ज्ञापन देकर पुरानी पेंशन की मांग की गई!
कार्यकारी अध्यक्ष गजेंद्र बघेल ने बताया की मप्र सरकार शिक्षकों की समस्याओ कों लेकर गंभीर नहीं है,जिससे पुरे शिक्षक जगत में आक्रोश पनप रहा है.!
बघेल ने आगे बताया की 1998 में तत्कालीन सरकार ने सहायक शिक्षक /शिक्षक /व्याख्याता के पद विरुद्ध क्रमश शिक्षा कर्मी वर्ग 1/वर्ग 2/वर्ग 3 की नियक्ति स्थानीय निकायों के माध्यम से की! उस समय की तत्कालीन समस्यायो और शिक्षा विभाग में संविलियन के लिए शिक्षा कर्मियों ने सरकार के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन किया और परिणाम स्वरूप ततकालीन सरकार कों सत्ता से हाथ धोना पड़ा।
2003 में पहली केबिनेट में शिक्षा विभाग में संविलियन का वादा करके सत्ता में आई सरकार ने भी शिक्षकों का सिर्फ शोषण किया। गुरूजी, शिक्षा कर्मी, संविदा शिक्षक जैसे नाम से भर्तियां की गई और 2007 में अध्यापक संवर्ग का गठन करके शिक्षकों के साथ धोका किया गया. शिक्षकों के अनवरत चलने वाले आंदोलनों से उनकी आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार तो हुआ मगर उनकी समस्याए जस की तस बनी हुई है.।
2018 में सरकार ने पुनः राज्य शिक्षा सेवा के अंतर्गत नविन पदों का सृजन कर प्राथमिक शिक्षक /माध्यमिक शिक्षक /उच्च माध्यमिक शिक्षक के पदों पर 20-20 सालो से नौकरी कर रहे शिक्षकों का संविलियन ना करते हुए उन्हें नियुक्ति प्रदान की जिस सभी शिक्षकों की 1जुलाई 2018 के पहले की सेवा शून्य हो गई.वरिष्ठता के आभाव में दिवंगत शिक्षकों के परिजनों कों ग्रेजुटी की राशि भी नहीं मिल पाई है.
आगे बताया गया कि राज्य शिक्षक संघ ने ज्ञापन के माध्यम से एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन,प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता, सभी पात्र शिक्षकों कों प्रथम/द्वितीय कमोन्नति वेतनमान, पदोन्नति,6 वे एवं 7 वे वेतनमान की विसंगीतियों में सुधार,अनुकम्पा नियमों में शिथिलता, ग्रीन कार्ड धारी शिक्षकों कों अतिरिक्त वेतन वृद्धि लाभ, शिक्षकों कों बी एल ओ के कार्य से मुक्त रखने की मांग मप्र शासन से की गई है ।
इस दौरान एनएमओपीएस के प्रांताध्यक्ष परमानन्द डहेरिया, राज्य शिक्षक संघ जिला अध्यक्ष विपनेश जैन, टीडब्ल्यूए के प्रान्त अध्यक्ष डी के सिंगोर,महेन्द्र पंड्या,कपिल सनौड़िया,शिक्षक संघ के विजय शुक्ला, नरेंद्र मिश्रा,डी बी नायर, कृष्णा साहू, अरुण सैनी, कोमल गडपाल,श्रावण डहरवाल,डी पी राज पाल लिपिक वर्ग,गजेंद्र बघेल,ब्लॉक अध्यक्ष सिवनी बृजमोहन सनोड़िया,कमलेश परिहार,राकेश दुबेे, चितौड़ सिंह कुशराम ,शकील अंसारी, पूजा पांडे, आरती पांडे,परसराम देशमुख, राजेश तिवारी,नितिन बघेल,मनोज दुबे, भोजराम बघेलिया, नारायण ठाकुर, नीरज दुबे, रोशन नामी, विजय उपध्याय, नीलेश जैन, मुकेश बघेल,रघुवंशा पन्द्रे, राजकुमार आमदे, सी के बघेल, संतोष पारधी, रामकृष्ण दुबे, पंकज तिवारी, मनीष जाँघेला,मेहफूज खान,सुनील तिवारी,गुमान बघेल,सुरेन्द्र दुबे, हेमंत मरावी, राजेश राय,समसुन्न निशा,आरती पांडे,स्नेहलता डहेरिया, कुसुम पाटिल,रेवता राहंगडाले, प्रेमलता शुक्ला, मुक्ता जैन, कीर्ति डहेरिया, संगीता मिश्रा, कल्पना उपाध्याय, रंजना चौहान, संध्या राय,सफीना खान , सायरा खुर्शीद, सुनीता ओसवाल,रेखा शर्मा, सीमा सोनी और हजारों शिक्षक/कर्मचारी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान संवाद

follow hindusthan samvad on :