वृत्तिकर अधिनियम के प्रावधानों के तहत वृत्तियों, व्यापारों, आजीविकाओं और नियोजनों पर कर देयता रहती है
गुना ,22मार्च।वाणिज्यिक कर अधिकारी द्वारा दी गयी जानकारी अनुसार मध्यप्रदेश वृत्तिकर अधिनियम 1995 के प्रावधानों के तहत वृत्तियों, व्यापारों, आजीविकाओं और नियोजनों पर कर देयता रहती है। माल एवं सेवाकर अधिनियम 2017 के तहत पंजीयत व्यवसायी जिनका वार्षिक टर्न ओवर निर्धारित राशि से अधिक रहता है एवं विधि व्यवसायी, चिकित्सा व्यवसाई, तकनीकि और वृत्तिक परामर्शी जिसके अंतर्गत वास्तुविद, इंजीनियर, आर.सी.सी. परामर्शी, कर परामर्शी, चार्टर्ड एकाउटेंट और प्रबंध परामर्शी, बीमा अधिनियम 1938 के अधीन अनुज्ञाप्त अभिकर्ता, समस्त ठेकेदार, संपदा कर्मकारों से भिन्न कमीशन अभिकर्ता, समस्त मदिरा अनुज्ञप्तिधारी, निजी विद्यालय, चिट फण्ड संचालित वाली संस्थाएं या व्यक्ति, सहकारी सोसायटी, परिवहनकर्ता, कोंचिग संस्थान, जिम सेंटर, धर्मकांटा, होटल, लॉज, विवाह मण्डप, ब्यूटी पार्लर, केबल ऑपरेटर, फाईनेंस कंपनी क्लीनिक, लैब, पैथोलोजी, क्योस्क सेंटर से जुडे व्यवसाईयों जिनका वार्षिक टर्न ओवर निर्धारित राशि से अधिक रहता है तथा समस्त नियोजक वर्ष 2020-21 के संबंध में अपना वृत्तिकर अनिवार्यतः 31 मार्च 2021 तक जमा किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि यदि व्यवसाई के द्वारा पूर्व के वर्षों का वृत्तिकर जमा नही किया गया है तो 2 प्रतिशत ब्याज सहित वृत्तिकर जमा किया जाना सुनिश्चित करें।
हिन्दुस्थान संवाद
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