भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट में तेजी, 90 देशों में भेजे जा चुके हथियार
नई दिल्ली. भारत के मेक इंडिया का दम इसी बात में दिखाई देता है कि भारत अब स्वदेश में बने हथियारों को दूसरे देशों को बेच रहा है. अब देश का डिफेंस एक्सपोर्ट रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. बीते 10 सालों में भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट में 30 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. दुनियाभर में 90 से ज्यादा देश भारत में बने डिफेंस प्रोडक्ट्स भारत से खरीद रहे हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास संघर्ष के कारण कई देश के अपने शस्त्रागार को मजबूत करने में लगे हैं, इस वजह से रक्षा निर्यात में ग्रोथ आई है.
भारत लगभग 90 से ज्यादा देशों को सैन्य हार्डवेयर निर्यात कर रहा है. सरकार आसान लाइसेंसिंग सिस्टम और अप्रूवल को बढ़ावा दे रही है और घातक हथियारों की सप्लाई करने के मामले में अपनी झिझक को दूर कर रही है. अमेरिका सबसे बड़ा रक्षा निर्यात डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है. सरकार अफ्रीका और अन्य देशों पर भी डिफेंस गुड्स की सप्लाई करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसमें आसान क्रेडिट और डिप्लोमैटिक प्रयास शामिल हैं.
रक्षा मंत्रालय के डेटा से पता चलता है कि 2024-2025 की पहली तिमाही में निर्यात में भारी 78 फीसदी का उछाल आया. अप्रैल-जून में रक्षा निर्यात एक साल पहले की अवधि के 3,885 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,915 करोड़ रुपये हो गया. रक्षा निर्यात पहले से ही प्रगति पर था. इसने 2023-2024 में रिकॉर्ड 21,083 करोड़ रुपये (लगभग 2.63 अरब डॉलर) की कमाई की, जो पिछले वित्त वर्ष के 15,920 करोड़ रुपये से 32.5 फीसदी ज्यादा है.
नरेंद्र मोदी सरकार ने 2020 में अगले 5 सालों के लिए एयरोस्पेस और रक्षा गुड्स एंड सर्विस में 35,000 करोड़ रुपये (5 अरब डॉलर) का महत्वाकांक्षी निर्यात लक्ष्य निर्धारित किया था. यह 2025 तक डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में 1.75 लाख करोड़ रुपये (25 अरब डॉलर) का कारोबार हासिल करने की सरकार की योजना का हिस्सा था.
भारत वास्तव में क्या निर्यात कर रहा है? रक्षा मंत्रालय निर्यात या स्पेसिफिक देशों का विवरण नहीं बताता है. दिप्रिंट ने सरकार, इंडस्ट्री और डिप्लोमैटिक सर्कल में कई सोर्स से बात की, जिन्होंने कहा कि भारत का रक्षा निर्यात व्यापक है. सरकारी और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों द्वारा किए जाने वाले रक्षा निर्यात में गोला-बारूद, छोटे हथियार- जिसमें स्नाइपर राइफल और स्पेशलाइज्ड साइट सिस्टम शामिल हैं- बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बख्तरबंद वाहन, हल्के टॉरपीडो, सिमुलेटर, ड्रोन और तेज हमला करने वाले जहाज शामिल हैं.
म्यांमार पारंपरिक रूप से भारतीय रक्षा निर्यात खासकर फ्यूज और गोला-बारूद के लिए एक बड़ा डेस्टिनेशन रहा है. हाल के सालों में इजराइल और आर्मेनिया जैसे देश भी महत्वपूर्ण खरीदार बनकर उभरे हैं. भारत ने कुछ बड़े-टिकट वाले स्टैंडअलोन डील्स पर हस्ताक्षर किए हैं, जैसे फिलीपींस के साथ ब्रह्मोस कॉन्ट्रैक्ट और आर्मेनिया के साथ तोपखाने और एयर डिफेंस सिस्टम के लिए कॉन्ट्रैक्ट, भारतीय डिफेंस गुड्स का सबसे बड़ा आयातक अमेरिका है, जो भारत के कुल रक्षा निर्यात का लगभग 50 फीसदी हिस्सा है.
The post भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट में तेजी, 90 देशों में भेजे जा चुके हथियार appeared first on aajkhabar.in.
follow hindusthan samvad on :