सरकारी रिकॉर्ड में मौतों की संख्या अलग, आयोग ने मांगा जवाब

भोपाल, 30 अप्रैल । मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज कोरोना से हो रही मौतों और अंतिम संस्कारों के आंकड़ों में अंतर पर संज्ञान लिया है।

म.प्र. मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने इस मामले में मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, अपर मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मंत्रालय तथा प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं प्रशासन विभाग, मंत्रालय, भोपाल से 10 मई 2021 तक प्रतिवेदन मांगा है। आयोग अध्यक्ष ने इन अधिकारियों से उपरोक्त भ्रमात्मक स्थिति पर टिप्पणी/प्रतिवेदन देने को कहा है।

आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों के अनुसार राज्य और केन्द्र सरकार के रिकार्ड में पिछले एक साल में कोरोना से प्रदेश में कुल 5424 मौत होना दर्ज है, लेकिन प्रदेश के 19 जिलों में पिछले 15 दिन में कोविड प्रोटोकॉल के तहत पांच हज़ार से ज़्यादा अंतिम संस्कार हो चुके हैं। यह खुलासा प्रदेश के अलग-अलग जिलों के मुक्तिधामों से एक प्रतिष्ठित प्रादेशिक दैनिक समाचार पत्र के रिपोर्टर्स द्वारा जुटाये आंकड़ों से हुआ है, जिसके रिकार्ड भी उपलब्ध हैं। समाचार पत्र ने प्रदेश भर के मुख्य मुक्तिधामों का प्रबंधन देखने वाली संस्थाओं से सम्पर्क कर वहां सामान्य और कोविड प्रोटोकॉल से हुये अंतिम संस्कार की पड़ताल की है। इसमें 19 जिलों के मुक्तिधामों की ओर से उन्हें आंकड़े उपलब्ध कराये गये हैं।

दरअसल, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि मार्च 2020 से 28 अप्रैल 2021 तक पूरे प्रदेश में 5424 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। जबकि मुक्तिधामों का रिकार्ड बताता है कि इसी महीने 11 से 25 अप्रैल के बीच 19 जिलों में कुल 12389 अंतिम संस्कार किये गये हैं। इनमें से 5484 मृतकों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल से हुआ है। इस अवधि में अकेले भोपाल में ही 1663 मृतकों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल से किया गया है, जो प्रदेश भर में सबसे ज़्यादा है।

इनपुट- हिन्दुस्थान समाचार

follow hindusthan samvad on :