मासूम के साथ बलात्कर कर गर्भपात करने वाले आरोपित को आजीवन कारावास
सिवनी, 16 दिसंबर। महिला थाना सिवनी अंतर्गत वर्ष 2023 में दर्ज प्रकरण को पुलिस अधीक्षक ने जघन्य सनसनी खेज की श्रेणी में रखा था। दर्ज प्रकरण की विवेचना अधिकारी द्वारा की गई। इस मामले में सोमवार को जिला न्यायालय के विशेष पाक्सों न्यायालय ने आरोपित को आजीवन कारावास से दंडित किया है।
जिला न्यायालय के मीडिया सेल प्रभारी प्रदीप कुमार भौरे ने सोमवार को बताया कि महिला थाना के अंतर्गत प्रकरण को पुलिस अधीक्षक सिवनी द्वारा जघन्य सनसनी खेज की श्रेणी में रखा गया जिसकी विवेचना विवेचना अधिकारी के द्वारा की गई थी।
मीडिया सेल प्रभारी ने बताया कि 20 जून 2023 को नाबालिग पीडिता ने अपनी माता के साथ महिला थाना उपस्थित होकर एक लिखित आवेदन प्रस्तुत किया कि रामवीर(36) पुत्र रामस्वरूप साक्य निवासी कस्तुरबा वार्ड जिला सिवनी ने उसके साथ 31जनवरी 23 से 12.अप्रैल 23 तक लगातार बहला फुसलाकर अपने घर ले जाता था और उसके साथ जबरदस्ती गलत काम(बलात्कार) करता रहा, उसने आरोपी के डर के कारण किसी को कुछ नही बताया।12 अप्रेल 2023 की सुबह 08 बजे करीब पीडिता के साथ फिर जबरदस्ती अपने घर ले जाकर सबंध बनाया जिसके बाद से पीडिता की माहवारी नही आई तो पीडिता के माता ने उसको डाक्टर के पास लेकर गई जिससे पता चला कि वह ढाई महिने की गर्भवती है, उसके गर्भवती होने की सूचना जब आरोपित को लगी तो आरोपित ने अपनी पत्नि के साथ मिलकर पीडिता का गर्भपात करवाने के लिए पीडिता को दवाईया लाकर दी और उसको खाने के लिए कहा पीडिता ने डर के कारण उन दवाईयो को खा लिया जिससे उसकी तबीयत खराब हो गई, उक्त घटना की रिपोर्ट पीडिता ने अपनी माता के साथ महिला थाना उपस्थित होकर दर्ज करवाई।
उक्त् शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपित रामवीर शाक्य एंव उसकी पत्नि आरती शाक्य के विरूद्ध अपराध क्रमांक 32/2023 पर अन्तर्गत धारा 313, 376, 376(2) (एन), 376(3) 34 भा.द.वि. तथा 5j (ii), 5l, 6, लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया एवं विवेचना उपरांत अभियोग पत्र जिला न्यायालय के विशेष पाक्सों न्यायालय सिवनी में प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन के तर्को के आधार पर विशेष पाक्सों न्यायालय की न्यायालय ने आरोपित को दोषी पाते हुए धारा 313 भा.द.वि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपये के अर्थदंड तथा लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 में क्रमश: 4(2) , सहपठित धारा 6, के आरोप मे आजीवन कारावा एवं 3000 रूपये अर्थदंड , धारा 5(एल )सहपठित धारा 6, के आरोपी में आजीवन कारावास एवं 3000 रूपये , धारा 5(जे)(ii) सहपठित धारा 6 में आजीवन कारावास एवं 3000 रूपये अर्थदंड से दंडित किया है।