संदिग्ध पर्व (रक्षाबंधन) शंका समाधान

श्रावणी उपाकर्म व रक्षा बन्धन का निर्णय 👉सुप्रसिद्ध धर्म ग्रन्थों निर्णय सिन्धु,धर्म सिन्धु,पुरुषार्थ चिन्तामणि, कालमाधव, निर्णयामृत आदि के अनुसार दिनांक 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि दो मुहूर्त से कम होने के कारण दिनांक 11 अगस्त को ही श्रावणी उपाकर्म व रक्षा बन्धन शास्त्र सम्मत हैं।भद्रा निर्णय:👉 मुहूर्त चिन्तामणि 1/45 के अनुसार मकर राशि के चन्द्रमा में भद्रा वास पाताल में होने से इस दिन मकरस्थ चन्द्रमा की भद्रा को पीयूषधारा, मुहूर्त गणपति, भूपाल बल्लभ, आदि ग्रन्थों में अत्यन्त शुभ व ग्राह्य बताया गया है। भद्रा का वास जिस लोक मे होता है वही इसका अधिक प्रभाव मान्य है मुख्य रूप से भद्रा का वास पृथ्वी पर होने पर ही इसका शुभाशुभ प्रभाव जनमानस के ऊपर अधिक देखा जाता है। (देखिए वृहद् दैवज्ञ-रंजन 26/40)फिर मुहूर्त प्रकाश में तो स्पष्ट ही कहा है कि आवश्यक कार्य में मुख मात्र को छोड़कर सम्पूर्ण भद्रा में शुभ कार्य कर सकते हैं। भद्रा का मुख ऋषिकेश के स्थानीय समय अनुसार सायं 5:51 बजे से प्रारम्भ हो रहा है अतः पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ प्रातः 10:39 बजे से सायं 05:51 बजे तक का सम्पूर्ण समय श्रावणी उपाकर्म व रक्षा बन्धन के लिए पूर्णरूपेण शुद्ध हैं।

राजकीय अवकाश व व्यवहारिक पक्ष

भारत सरकार द्वारा मूर्धन्य विद्वानों की अनुशंसा पर 11अगस्त को रक्षाबंधन का राजकीय अवकाश घोषित किया गया है ।अतः पूरे विश्व में 11 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व प्रातः 10:39 बजे से सायं 05:51 बजे तक नि:शंकोच होकर मनायें भद्रा का कोई दोष नहीं है। किसी भी हालत में पर्व दो दिन न हो यह प्रयास करें ।निर्णयामृत धर्म ग्रन्थ के आधार पर

श्रावणी उपाकर्म (जनेऊ धारण) भाद्रपद कृष्ण प्रतिपदा व धनिष्ठा नक्षत्र में नहीं हो सकता है इस कारण भी 11 अगस्त को ही प्रातः 10:39 से सायंकाल 05:51 के मध्य सम्पूर्ण समय उपाकर्म व जनेऊ धारण के लिए शुभ है यहाँ भी पूर्ववत् भद्रा का कोई दोष नहीं है।

निर्णय का सार 👉 दिनांक 11 अगस्त 2022 को प्रातः 10:39 बजे से सायं 05:51 बजे तक बिना किसी संकोच के श्रावणी उपाकर्म (जनेऊ धारण) व रक्षाबंधन निःशंकोच मनायें तथा पर्वों की एकरूपता बनाये रखें ।

श्री अवनीश सोनी
ज्योतिष एवम वास्तु शास्त्री
जिला सिवनी (म.प्र.) मो. 7869955008

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