लोक अदालत के लिए 21 खंडपीठों का किया गया गठन, 11407 प्रकरणों की होगी सुनवाई
नेशनल लोक अदालत का आयोजन आज
सिवनी, 10 दिसंबर।राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के आदेशानुसार, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिवनी श्री पी.के. शर्मा के दिशा-निर्देश में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिवनी द्वारा जिला न्यायालय सिवनी, व्यवहार न्यायालय तहसील लखनादौन एवं घंसौर में आगामी 11 दिसम्बर 2021 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। नेशनल लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण का निराकरण होने पर कोर्ट फीस की पूर्ण वापसी हो जाती है, न्यायालय प्रक्रिया में लगने वाले समय एवं धन की बचत तथा आपसी कटुता का अंत हो जाता है।
नेशनल लोक अदालत के आयोजन के संबंध में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिवनी श्री पी.के.शर्मा द्वारा न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं, बीमा कंपनियों के अधिकारियों, बैंक के अधिकारियों की बैठकों का आयोजन कर सुलह समझौता के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों के निराकरण किए जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। नेशनल लोक अदालत के लिए 21 खण्डपीठों का गठन किया गया। जिला न्यायालय सिवनी में 13 खण्डपीठ, व्यवहार न्यायालय तहसील लखनादौन में 07 खण्डपीठ एवं व्यवहार न्यायालय घंसौर में 01 खण्डपीठ कार्य करेंगी। प्रत्येक खण्डपीठ में एक सुलहकर्ता सदस्य की नियुक्ति की गई है। आयोजित नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायालय सिवनी, तहसील न्यायालय लखनादौन एवं घंसौर सहित पेंडिंग प्रकरणों में से आपराधिक 1047, परक्राम्य अधिनियम 782, विद्युत 40 क्लेम 713 वैवाहिक 270, अन्य सिविल 145 एम.जे.सी. से इस प्रकार कुल 3151 प्रकरणों को रखा जायेगा। इसी प्रकार प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में बैंकों के 6661, विद्युत के 725 बीएसएनएल के 545, नगरपालिका के 1170 प्रकरणों को नेषनल लोक अदालत में रखा जायेगा। जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिवनी श्री चंद्रकिशोर बारपेटे द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रकरण, आपराधिक, दीवानी, मोटरयान दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण, बैंक, नगरपालिका, विद्युत के प्री-लिटिगेशन प्रकरण, भरण-पोषण, वैवाहिक प्रकरण, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, परक्राम्य अधिनियम धारा 3151 के प्रकरण सहित अन्य समझौता योग्य प्रकरणों के संबंध में ज्यादा से ज्यादा प्रकरण निपटारा किये जाने का प्रयास किया जा रहा हैं।
’’न किसी की जीत न किसी की हार, यही है लोक अदालत का सार’’
हिन्दुस्थान संवाद
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