किसानों के काम का एन. पी. एस. एस. ऐप- एक फोटो से समस्याओं का समाधान
ऐप द्वारा कृषकों की फसलों हेतु कीट व्याधि समस्याओं का त्वरित समाधान
कृषि विज्ञान केंद्र सिवनी में राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली ऐप के विषय में व्यावहारिक प्रशिक्षण का आयोजन
खेत में खडे होकर एप के माध्यम से फसलों की समस्याओं का मिलेगा तुरंत समाधान
सिवनी 25 नवंबर । कृषि विज्ञान केंद्र सिवनी के दर्पण सभागार में केंद्रीय एकीकृतनासी जीव प्रबंधन विभाग, भारत सरकार कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और आई.सी.ए.आर. की माध्यम से एक ऐप बनाया गया है। जिसे राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (NPSS) इस ऐप में कीट निगरानी प्रणाली से पहचान के लिए यदि हम ऐप पर जाते हैं तो त्वरित ही हमें कीट की पहचान एवं प्रबंधन की विस्तार से जानकारी मोबाइल में तुरंत प्राप्त हो जाती है।
इस हेतु कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ शेखर सिंह बघेल के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, इस दौरान वैज्ञानिक डॉ एन के सिंह, श्रीमती प्रिया चैकसे ने प्रशिक्षण प्रदान किया, एनपीएसएस (नेशनल पेस्ट सर्विलांस सिस्टम) जिसे राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली कहा जाता है, इसका ऐप किसानों को अपने मोबाइल पर प्ले स्टोर के माध्यम से डाउनलोड करना होगा। यह बडा ही काम का ऐप है, जो हमारे किसानों की फसलों में कीटों की समस्या का समाधान तुरंत करेगा। डॉ शेखर सिंह बघेल ने जानकारी देते हुए बताया कि इसे डाउनलोड करने के बाद किसानों के दो ऑप्शन आते हैं हिंदी और इंग्लिश अभी यह दो भाषाओं में ही तैयार किया गया है। इसमें 61 फसलों से संबंधित कीट, व्याधि कि हम पहचान कर सकते हैं डाउनलोड करने के बाद तीन चीज आती है एक तो कीट निगरानी, दूसरा कीट का सर्विलांस एवं तीसरा सलाह, इस प्रकार किसान भाई कीटों की अपनी फसलों में होने वाली समस्याओं का प्रक्षेत्र पर ही समाधान प्राप्त कर सकते हैं एवं फसलों को होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। कृषि विज्ञान केंद्र की कार्यक्रम सहायक कंप्यूटर एक्सपर्ट श्रीमती प्रिया चैकसे ने ऐप से संबंधित संपूर्ण जानकारी किसानों को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रदान की आपने बताया कि मोबाइल के प्ले स्टोर में जाकर एनपीएसएस ऐप डाउनलोड करने बाद किसानों के लिए इसमें कीट निगरानी हेतु कीट पहचान के लिए अगर आप ऐप पर जाते हैं तो ऐप पर फोटो का ऑप्शन आता है। कीट पहचान के लिए जैसे ही पहचान में क्लिक करते हैं तो वहां तीन ऑप्शन आते हैं कैमरा में आपको फोटो है या कैमरा से आप खींचना चाहते हैं या रद्द करें तो अगर आप फील्ड पर हैं तो तुरंत खींच सकते हैं इसके बाद वह तुरंत यह बताता है कि इसमें कीडा क्या है फिर उसमें कीडे के सिस्टम लक्षण भी विस्तार से बताता है। लक्षण बताने की साथ ही साथ कीट से बचाव हेतु इसका प्रबंधन कैसे किया जाए की जानकारी प्रदान की जाती है। एक फोटो से समस्या का समाधान। हमारे किसान भाइयों को प्रक्षेत्र पर लगने वाले विभिन्न प्रकार कीटों का पता नहीं होता है कौन सा कीडा है क्या बीमारी है या मित्र कीट है। पहले वह जैसे ही फोटो खींचता है तो उसे तुरंत पता चलता है कि यह कीडा है, बीमारी है, या मित्र कीट है। जैसे ही उसको यह पता चल जाता है कि यह कीडा बीमारी या फिर मित्र कीट है उसके बाद अपनी इनफॉरमेशन अगर वह चाहे तो सरकार तक सूचना पहुंचाना चाहते हैं। तो दे सकता है इस ऐप की एक महत्वपूर्ण खूबी यह है कि एग्रीकल्चर के कार्यक्षेत्र मैं कार्य करने वाले अधिकारी, कर्मचारियों के लिए इसमें ऑप्शन दिया होता है क्योंकि ए आई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के आधार पर काम करता है इसलिए केवल कीडा बीमारी के स्पेसिफिक फोटो ही लेना है। इस ऐप के माध्यम से साइट पर जाकर हम एडवाइजरी प्रदान कर सकते हैं साथ ही साथ कम समय में बहुत ही क्विक रिजल्ट भी देखने को मिलता है। किसान तुरंत एडवाइजरी भी पा लेता है अगर किसान इस ऐप को चलाना जानते हैं तो किसान को किसी पर भी निर्भर रहने की जरूरत नहीं है, किसान खुद अपने खेत में खडे होकर फसल की समस्या का समाधान कर सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रक्षेत्र पर किसानों को वैज्ञानिक डॉ एन के सिंह द्वारा व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया एवं ऐप में कीट एवं व्याधियों की पहचान कैसे की जाए इसका व्यावहारिक प्रशिक्षण धान के खेत पर प्रदान किया गया इस दौरान किसानों ने अपने मोबाइल में राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली के ऐप के माध्यम से कीट व्याधियों की समस्याओं का समाधान तुरंत प्राप्त कर खुशी जाहिर की एवं किसानों ने इस महत्वपूर्ण ऐप को बहुत ही उपयोगी एवं कारगर बताया। इस दौरान कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ के के देशमुख, डॉ आर एस ठाकुर, डॉ जी के राणा, इंजी कुमार सोनी, श्रीमति आभा श्रीवास्तव, श्री शुभम झारिया, श्री हिमांशु कुमारे, श्री नीत लाहोरी उपस्थित रहे।
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