सिवनीः बाघ शावक का मिला शव , शव को पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर भेजा

 

सिवनी, 17 नवंबर। जिले के पेंच टाईगर रिजर्व में रविवार की सुबह 9.45 बजे पेंच पार्क के कर्मचारियों द्वारा गश्ती के दौरान मगरकठा बीट कक्ष क्रमांक आरएफ 188 स्थान गेडीघाट क्षेत्र में एक बाघ शावक का शव मिला है।

उपसंचालक पेंच टाईगर रिजर्व के रजनीश सिंह ने हिस को बताया कि रविवार की सुबह
लगभग 9.45 बजे गश्ती के दौरान मगरकठा बीट वनकक्ष क्रमांक आर एफ 188 स्थान गेडीघाट क्षेत्र में एक बाघ शावक का शव पाया गया। शावक की आयु लगभग 4 माह थी . शावक की मृत्यु लगभग 8 से 10 घंटे पूर्व होना प्रतीत हो रही थी।. शावक का पेट पिचका हुआ था एवं वह पिछले कुछ दिनों से भूखा था।
आगे बताया कि. शावक के लगभग 10 मीटर दूरी पर ही गाय का गारा था . तथा विगत दिवस कार्य पर लगाए गए कैमरा ट्रैप में एक बाघिन एवं उसके दो शावकों की फोटो आई थी। घटना स्थल का क्षेत्र संचालक पेंच टाइगर रिजर्व , उप संचालक पेंच टाइगर रिजर्व , वरिष्ठ वन्य प्राणी चिकित्सक के साथ श्वान दल एवं अन्य कर्मचारियों ने अत्यंत सूक्ष्म निरीक्षण किया एवं किसी भी प्रकार के अपराध होने के कोई साक्ष्य नहीं पाए गये। समीप पड़े गाय के गारे को भी मक्खियों एवं अन्य सूक्ष्म जीवों द्वारा उपयोग किया जा रहा था प्रथम दृष्टया यह प्रतीत हो रहा है कि इस बाघ शावक को मां ने कमजोर होने के कारण छोड़ दिया होगा ।
वरिष्ठ वन्य प्राणी चिकित्सक डॉक्टर अखिलेश मिश्रा ने बताया कि बाघों एवं अन्य बड़ी बिल्लियों में यह सामान्य व्यवहार है जब वह किसी शावक को कमजोर पाते हैं तो अन्य शावकों को स्वस्थ रखने के लिए एवं उनका भरण पोषण ज्यादा अच्छे से करने की दृष्टि से कमजोर शावक को अकेला छोड़ देते हैं . खाली पेट होने के अलावा शावक में कोई और चिह्न नहीं पाए गए थे अतः अन्य सूक्ष्म परीक्षण एवं पोस्टमार्टम के लिए शावक के शव को प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यजीव)/ मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक से अनुमति प्राप्त कर शव को आईस बाक्स में रखकर नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर भेजा गया।

 

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