रोजगार के सुअवसर: युवा पीढ़ी वन अपराध में लिप्त न रहे, पारिवारिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए बेरोजगार युवा आगे आए – वासु कनौजिया
सिवनी,06 अगस्त। युवा पीढ़ी वन अपराध में लिप्त न रहे। युवाओ को निडरता के साथ सम्पूर्ण भारत में कश्मीर से कन्याकुमारी तक निर्माण कार्य में अपनी कार्यकुशलता का प्रदर्शन करें एवं अपने पारिवारिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए बेरोजगार युवा आगे आए। इस प्रशिक्षण से पर्यावरण सुधार एवं वन अपराध में लिप्त नौजवानो को रोजगार के सुअवसर प्राप्त हो सकेंगे।
यह बात उत्तर सामान्य वनमंडल के वनमंडलाधिकारी वासु कनौजिया ने बीते दिन राजीव गांधी, सहभागी वानिकी प्रशिक्षण संस्थान लखनादौन अंतर्गत चंदन छात्रावास वन विद्यालय लखनादौन में कौशल प्रशिक्षण केन्द्र का शुभारंभ करने के दौरान कही।
उत्तर सामान्य वनमंडल सिवनी के उपवनमंडलाधिकारी गोपाल सिंह ने शनिवार की शाम को जानकारी दी कि बेरोजगार युवाओ के लिए रोजगार का सुनहरा अवसर देने के लिए उत्तर वनमण्डल सिवनी एवं एल एण्ड टी लिमिटेड निर्माण द्वारा कौशल प्रशिक्षण केन्द्र प्रांरभ किया गया है जिसका शुभारंभ बीते दिन वनमंडलाधिकारी वासु कनौजिया ने किया है। जिसमें वन विभाग एवं एल एण्ड टी कंपनी के साथ 05 वर्षीय अनुबंध हुआ। जिससे वनांचल के बेरोजगार युवाओं को 03 माह का निःशुल्क प्रशिक्षण, आवास एवं भोजन की सुविधा प्रदान की जावेगी। यह प्रशिक्षण केवल पुरूषों के लिये ही है। प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण उपरांत 14000 से 18000 रूपये प्रतिमाह का रोजगार दिलाने का सहयोग किया जावेगा। जिससे पर्यावरण सुधार एवं वन अपराध में लिप्त नौजवानो को रोजगार के सुअवसर प्राप्त हो सकेंगे।
आगे बताया गया कि प्रशिक्षण प्रकिया में पाठ्यकम फॉमवर्क कारपेन्टर, बार बेन्डर एवं मेसन प्रशिक्षण अर्हतायें आयु सीमा 18 से 34 वर्ष, वजन-कम-से-कम 45 किलोग्राम, ऊँचाई 155 से.मी. (5 फुट 2 इंच), शैक्षणिक योग्यता 5 वीं से 12 वीं तक है। प्रशिक्षण की जानकारी बेरोजगार युवा, राजीव गांधी, सहभागी वानिकी प्रशिक्षण संस्थान लखनादौन, चंदन छात्रावास कार्यालय वन विद्यालय लखनादौन में प्रत्यक्ष रूप से सम्पर्क कर सकते है।
इस दौरान मुख्य अतिथि एवं वन मंडलाधिकारी उत्तर सिवनी बासु कनोजिया (आईएफएस, श्रीमति गीतांजली (आईएफएस), उपवनमंडल अधिकारी गोपाल सिंह, अजीत जोन बेक (एलएण्डटी), दीपक शर्मा (एलएण्डटी),शंशाक शिवाशंकर (क्वीस कोर्प), कमल चंद्रवंशी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान संवाद