धूप,बारिश,कोहरे को पार करते हुए वॉटर वुमन शिप्रा की पैदल यात्रा पहुंची सिवनी

अपनी सर्वाधिक दूरी 45 किलो मीटर चलकर श्री राम जानकी पद यात्रा सिवनी पहुँची
सिवनी, 06 जनवरी(हि.स.)। अयोध्या से राम नाम का संकल्प लेकर निकलीं वाटर वूमेन शिप्रा पाठक की राम जानकी वन गमन पद यात्रा आज सिवनी पहुंची। दिन भर बारिश की बूंदों के बीच आज शनिवार को उनकी पद यात्रा चली। शनिवार को पड़ाव स्थल गणेशगंज से शिप्रा 45 किलो मीटर चलकर सिवनी पहुँची। वाटर वूमेन शिप्रा पाठक ने आज की पद यात्रा की दूरी घने कोहरे,तेज बारिश एवं ठंड के बीच तय की।
यात्रा की जानकारी मिलने पर समाजसेवी एवं भाजपा नेता नरेन्द्र टांक को मिलने पर परमार्थ के लिये पदयात्रा कर रही शिप्रा पाठक एवं यात्रा में साथ चल रहे यात्रियों का आत्मीय स्वागत करते हुये पंडित जानकी बल्लभ मिश्रा की उपस्थिती में वैदिक मंत्रों के साथ उनकी अगवानी की एवं यात्रा के रात्रि विश्राम की व्यवस्था की गयी।
श्री टांक सहित बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं ने भगवान राम के प्रति अगाध श्रद्धा भाव एवं सामाजिक चेतना के लिये पद यात्रा कर रही वाटर वूमेन शिप्रा का अभिनंदन एवं चरण वंदन किया गया । शिप्रा ने सिवनी पहुँचने पर छिंदवाड़ा चौक गणेश मंदिर में पूजा अर्चना की इसके पश्चात उन्हें शोभायात्रा के साथ राजश्री पैलेस लेजाया गया जहां उन्होंने उपस्थित मात़शक्ति एवं सज्जनशक्ति से चर्चा की ।
राम वनगमन पथ पर पैदल यात्रा कर रही शिप्रा ने जब सुबह गनेशगंज से शनिवार को यात्रा प्रारंभ की तो कोहरा एवं बारिश ने का उन्हें सामना करना पड़ा और ऐसा लगा मानो आज भगवान राम उनकी परीक्षा ले रहे हो। राम जानकी की आस्था को अपना संकल्प मान कर शिप्रा सब चुनौतियों को पार करके सिवनी पहुँच गयी है। शिप्रा की सरयू से सागर नाम से जानी जा रही इस 4000 किमी की पदयात्रा को पूरे भारत में भक्ति,अध्यात्म और पर्यावरण की दृष्टि से देखा जा रहा है। जहां एक तरफ अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भी पद यात्रा का उत्साहित होकर जगह जगह राम भक्त स्वागत कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्रकृति प्रेमी भी जल संरक्षण के लिए वाटर वूमेन के कार्यों से प्रभावित होकर पदयात्रा में भाग ले रहे हैं। शिप्रा अपनी पंच तत्व संस्था के माध्यम से भारत में जल,जंगल नदी संरक्षण के लिए कार्य के लिए जानी जाती है।अपनी इस कड़ी में शिप्रा मध्य प्रदेश की नर्मदा एवं शिप्रा नदी की पैदल यात्रा के अलावा उत्तर प्रदेश की आदि गंगा गोमती,सरयू,मंदाकिनी की पैदल यात्रा कर नदियों के किनारों पर समय समय पर पौधारोपण का कार्य कर उन्हें वृक्ष बनने तक संरक्षित करने का कार्य भी ईश्वरीय कार्य मानकर बड़ी श्रद्धा के साथ करती है ।
शिप्रा पाठक की इस पद यात्रा का मुख्य उद्देश्य आज के युवाओं को भगवान राम जानकी के पूजन से ज्यादा उनके कार्यों को आत्मसात करने के अलावा राम जानकी वन गमन पथ को रामायणकालीन हरा भरा करने का है। इसके लिए जगह जगह लोगों के सहयोग से राम जानकी वाटिका भी स्थापित कराएंगी। वाटर वूमेन शिप्रा ने रामभक्तों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि राम वन गमन पथ पर आज भी राम तत्व है जिसे उन्होंने स्वयं महसूस किया है उनकी इस यात्रा को भगवान राम का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त है जिसकी सहायता से ही इतना बड़ा संकल्प पूरा हो रहा है।शिप्रा के स्वागत में रामभक्तों ने जगह जगह पुष्प वर्षा से स्वागत किया।जानकी माता के प्रति शिप्रा का भक्ति भाव देखते हुए सिवनी में प्रवेश करते ही सकड़ों महिलाओं ने उनका माला पहनाकर स्वागत किया।पूछे जाने पर महिलाओं ने बताया सोशल मीडिया द्वारा उनके आने की सूचना प्राप्त होने पर दीदी से हम लोगों ने संपर्क किया तब कार्यक्रम पता चला। शिप्रा पाठक की पद यात्रा का अगला पड़ाव महाराष्ट्र की सीमा में प्रवेश कर रामटेक होगा।शिप्रा की ये पैदल यात्रा उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़,महाराष्ट्र कर्नाटक,केरल,आंध्र प्रदेश होकर रामेश्वरम तमिलनाडु के जंगलों से होते हुए निकल रही है।

 

follow hindusthan samvad on :