मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विश्व रेडियो दिवस पर रेडियो जॉकी के साथ किया पौध-रोपण
रेडियो आज भी लोगों तक पहुँचने का सबसे प्रभावशाली माध्यम – मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री चौहान से रेडियो जॉकी ने की पौध-रोपण, पर्यावरण-संरक्षण, सौर ऊर्जा पर विस्तृत चर्चा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उनके घर आए पहले रेडियो के प्रभाव को किया याद
मुख्यमंत्री श्री चौहान को सर्वाधिक पसंद हैं स्वर कोकिला लता मंगेशकर के देशभक्ति गीत
युवाओं को पर्यावरण के महत्व एवं पेड़ों की उपयोगिता के संबंध में शिक्षित करना आवश्यक
युवा अपने स्वभाव में सम्मिलित करें पौधे लगाना
रेडियो जॉकी, रेडियो के माध्यम से चलाएँ पौध-रोपण और ऊर्जा संरक्षण के लिए विशेष अभियान
स्मार्ट उद्यान में केसिया और गुलमोहर के पौधे लगाए
भोपाल, 13 फरवरी।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज विश्व रेडियो दिवस पर स्मार्ट उद्यान में आकाशवाणी तथा भोपाल के एफएम रेडियो चैनलों के रेडियो जॉकी (आरजे) के साथ पौध-रोपण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ माय एफएम की आरजे मानसी, बिग एफएम की आरजे अनादि, रेड एफएम की आरजे पायल, रेडियो मिर्ची के आरजे आकाश और आकाशवाणी की सुश्री मेघा तिवारी ने गुलमोहर और केसिया के पौधे लगाए। इस अवसर पर माय एफएम के श्री दीपेंद्र सक्सेना, बिग एफएम के श्री असलम तथा रेड एफएम के श्री प्रतीक उपाध्याय भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उपस्थित रेडियो जॉकी को विश्व रेडियो दिवस की बधाई दी तथा उनसे विस्तृत संवाद किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रेडियो आज भी लोगों तक पहुँचने का सबसे प्रभावशाली माध्यम है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग जानकारियों के लिए रेडियो पर निर्भर हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रेडियो के माध्यम से जन-जन को पौध-रोपण के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। मैं पेड़-पौधों में भी अपने भांजे-भांजियों का स्वरूप देखता हूँ। पेड़-पौधे जीवन देते हैं। यह केवल मनुष्य के लिए ही नहीं अपितु पशु-पक्षियों, कीट-पतंगों के लिए भी जीवन का स्त्रोत हैं। पौध-रोपण का कार्य हम मानव जीवन के लिए ही कर रहे हैं, जो धरती के उपकार को चुकाने का भी एक तरीका है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पर्यावरण बचाने के लिए हम प्रदेश को सौर ऊर्जा की ओर ले जाना चाहते हैं। सूर्य, ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। यदि हम सौर ऊर्जा का सही तरीके से उपयोग कर लें तो भविष्य में थर्मल पावर प्लांट लगाने की आवश्यकता ही नहीं होगी। हमें यह समझना होगा कि कोयला धरती में सीमित मात्रा में है। इसके साथ ही कोयले से बिजली बनाने से पर्यावरण बिगड़ता है, कार्बन गैसों का उत्सर्जन होता है। इसलिए हम लोगों ने निजी क्षेत्र के साथ मिलकर कई जगह सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का अभियान आरंभ किया है। रीवा और नीमच में प्लांट लगाए जा चुके हैं। शाजापुर, आगर, नीमच, मुरैना, छतरपुर में भी प्लांट लगाए जा रहे हैं। ओंकारेश्वर का डैम सोलर एनर्जी उत्पादन के लिए उपयुक्त है। अतः पानी की सतह पर सोलर पैनल बिछाकर सौर ऊर्जा उत्पादन की योजना है। इससे पानी वाष्प बनकर उड़ने से बचेगा और सोलर बिजली की उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार बड़े सोलर प्लांट के अलावा छोटे निवेशकों और किसानों को भी दो मेगावाट तक के सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। निवेशक और किसान जितनी बिजली उत्पादित करेंगे, राज्य सरकार उनसे 3 से 3 रुपए 15 पैसे तक की दर से बिजली क्रय कर ग्रिड में डालेगी। इससे हमारा किसान अन्नदाता के साथ ऊर्जा दाता भी हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विंड एनर्जी और बायोमास से ऊर्जा उत्पादन की दिशा में भी राज्य सरकार कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित ऊर्जा साक्षरता अभियान को जनता का अभियान बनाना है। कई बार हम अनावश्यक बिजली खर्च करते हैं। बिजली बचाना बिजली बनाने जैसा ही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं भी मुख्यमंत्री निवास में बिजली बचाने के लिए सक्रिय और सजग रहते हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम सब ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज के खतरों से परिचित हैं। धरती की सतह का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। पर्यावरण के विनाश के परिणाम हम सबके सामने हैं। इससे यदि हमें स्वयं को और धरती को बचाना है तो सभी को सजग और सचेत होना पड़ेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपील करते हुए कहा कि हम सभी व्यापक पैमाने पर वृक्षा-रोपण करें एवं उनका संरक्षण भी करें। जिन भूमियों पर वृक्षारोपण किया जा सकता है, वहाँ अधिक से अधिक पौधे लगाये। साथ ही क्लीन एनर्जी ग्रीन एनर्जी के उपयोग को प्रोत्साहित करें। अनावश्यक ऊर्जा का व्यय न करें, जितनी बिजली बच सकती है उसे बचाया जाए। धरती से भी जिस मात्रा में खनिज निकाला जा रहा है, उसके प्रति संवदेनशील रहना आवश्यक है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि प्रकृति का दोहन हो शोषण नहीं और यह धरती आने वाली पीढ़ियों के रहने लायक बनी रहे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवा, पर्यावरण के प्रति जागरूक रहें। युवाओं को पर्यावरण के महत्व, पेड़ों की उपयोगिता के संबंध में शिक्षित करना आवश्यक है। यह भी प्रयास होना चाहिए कि युवा विशेष अवसरों पर पौध-रोपण करें। पौधा लगाने को युवा अपने स्वभाव का अंग बना लें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चर्चा में स्मरण करते हुए बताया कि गाँव में उनके घर फिलिप्स का रेडियो आया था। घर पर रेडियो आने की प्रसन्नता अद्भुत थी। उस समय समाचारों के साथ बिनाका गीतमाला के लिए विशेष रुचि थी। लता जी के गीतों से विशेष लगाव था। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लता जी का गीत – “ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आँख में भर लो पानी” मेरा सबसे प्रिय गीत है। इस गीत से देश भक्ति का भाव जागृत होता है, हम सब को प्रेरणा मिलती है तथा देश की सीमाओं की रक्षा के लिए कुर्बानी देने वाले सैनिकों के प्रति श्रद्धा का भाव उत्पन्न होता है
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उपस्थित सभी रेडियो जॉकी को पर्यावरण संरक्षण के लिए पौध-रोपण और ऊर्जा संरक्षण के लिए रेडियो के माध्यम से निरंतर विशेष मुहिम चलाते रहने की आवश्यकता बताई।
हिन्दुस्थान संवाद
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