Seoni: 11 करोड़ 16 लाख रूपये के गबन का फरार मुख्य आरोपित सचिन दहायत गिरफ्तार
सिवनी 30 दिसंबर। जिले के केवलारी थाना अंतर्गत तहसील कार्यालय केवलारी में आर.बी.सी. 6(4) के फर्जी प्रकरण बनाकर शासकीय राशि 11 करोड 16 लाख रूपयों का गबन करने वाले मुख्य आरोपित सचिव दहायत को केवलारी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जिसका खुलासा शुक्रवार की शाम को सिवनी पुलिस ने किया है।
पुलिस के मीडिया अधिकारी देवेन्द्र जायसवाल ने पत्रकारों को शुक्रवार की शाम को बताया कि तहसीलदार केवलारी हरीश (46) पुत्र प्रभुदयाल लालवानी ने 15 नवंबर 22 को केवलारी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि सहायक ग्रेड तीन सचिव दहायत द्वारा शासकीय राशि 11 करोड 16 लाख रूपयों को धोखाधडी कर गबन किया गया है। जिस पर पुलिस ने आरोपित के विरूद्ध भादवि की धारा 408,409, 420, 467, 468, 471, के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया।
वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में आरोपित का पता लगाने के लिए टीम गाठित की गई और आरोपित के परिजनों पर विवेचना के दौरान शुरू से ही सायबर सेल सिवनी द्वारा सतत निगाह रखी गई। इस दौरान गाठित पुलिस टीम को आरोपित के जीजा मिथलेश दाहिया निवासी पिंडरई जिला मंडला पर सदेह होने पर पूछताछ की गई। पूछताछ में मिथलेश दाहिया ने आरोपित सचिन के बारे में जानकारी होना बताया जिसे पुलिस ने दबिश देकर बताये गये स्थान से पकडा।
आगे बताया गया सचिन दहायत को हिरासत मे लेकर पूछताछ की गई जहां उसने बताया कि ऑनलाइन जुआ खेलने के कारण वह लाखो रूपये के कर्जे में डूब गया था। श्रेष्ठ अवधिया व विशेष अवधिया से वह कर्जे के रूप में पैसा लेता था उनके द्वारा पैसे मांगने से वह परेशान हो गया था। एक दिन उसने यूटयूब में एडोब फिल एंड साइन नामक एप्लीकेशन को देखा, जिसमें किसी भी हस्ताक्षर को स्केन कर अन्य किसी भी दस्तावेज/ प्रपत्र / अभिलेख में मुद्रित किया जा सकता है। जिसकी मदद में उसने पहली बार
वर्ष 2019 में आर.बी.सी. 6(4) के तहत एसडीएम के हस्ताक्षर शुदा प्रकरण जिसमें पानी में डूबने से हुई मृत्यु जिससे की 4 लाख रूपये स्वीकृत राशि के आदेश को देखकर उस आदेश की तरह ही दूसरा फर्जी आदेश बनाकर एडोब फिल साईन एप्लीकेशन से एसडीएम के साईन को स्केन कर उस फर्जी आदेश में मुद्रित कर उस आदेश का बिल बनाकर ट्रेजरी सिवनी भेजा और उस बिल को पास करने के लिये सिवनी ट्रेजरी के बाबू सहायक ग्रेड 3 दुर्गेश पंवार को फोन में बात कर बिल पास करवाया जिसके एवज में उसने 10 हजार रूपये दुर्गेश पंवार दिया।
पुलिस को पूछताछ में सचिन ने बताया कि उसे आनलाईन जुआ खेलने की आदत पड़ जाने व ज्यादा कर्जा होने के कारण उसने फर्जी तरीके से बिल लगाकर पैसे कमाने की योजना बनाई। जिसकी जानकारी उसने अपने दोस्तों श्रेष्ठ अवधिया, विशेष अवधिया, ललित सरयाम, अजय यादव, मनीष बंदेवार को दी और इस काम में लगने वाले बैंक खातों को उनसे दिलाने के लिये कहा और बिल पर रूपये देने की बात कही। और आर.बी.सी. 6(4) के तहत बनाये गये फर्जी बिलों से फर्जी वेंडरों के खाते में जाने वाली राशि का 40 से 50 प्रतिशत की राशि श्रेष्ठ अवधिया व विशेष अवधिया को दी जाती थी। बाकी दोस्तो के द्वारा 30 हजार 40 हजार ऐसे रूपये रखकर शेष राशि उसे दिया जाता था।
पूछताछ में सचिन दहायत ने बताया कि शासकीय राशि को गवन करने के बाद लाभ अर्जित किये गये रुपयो से उसने सोने चांदी के आभूषण, एप्पल के 2 मोबाईल, एक एसयूवी कार, मां के नाम पर गोसलपुर में एक प्लाट, छोटे जीजा मिथलेश दाहिया के लिये एक डम्पर माडल 709 पांच लाख रूपये का , एक मोटर सायकल होण्डा साईन को दहेज में देना तथा खरीदे गये जेवरात को दोनो बहनों सोनम दाहिया व पूनम दाहिया के घर पर रखना और उनके लिये सोने-ंचांदी के जेवरात खरीदा। तथा इन रूपये से दोस्तों के साथ नागपूर, सिवनी, गोवा, मे जाकर पार्टीयां करना महंगी शराब का सेवन करना और काल गर्ल को बुलाना बताया।
पुलिस को सचिन ने बताया कि वह इन्ही पैसे से महादेव बूक बैंटिग साईट पर अपना आनलाईन रजिस्ट्रेशन कर ड्रेगन टाईगर, तीन पत्ती गेम खेलकर करोड़ो रूपये हारा है।
मीडिया अधिकारी ने बताया कि आरोपित सचिन दहायत को पुलिस रिमाण्ड में लिया गया है। आरोपित से पूछताछ कर खरीदी गई संपत्ती को जब्त किया जावेगा । पूर्व में इस प्रकरण के सात आरोपित क्रमशः श्रेष्ठ अवधिया, विशेष अवधिया, अजय यादव, ललित सरयाम, शिवम अग्रवाल, राधेश्याम बंदेवार, एवं दुर्गेश पंवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
इस कार्यवाही में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस केवलारी भगत सिंह गौठरीया, निरीक्षक किशोर वामनकर, उपनिरीक्षक आशिष खोब्रागडे, श्रोती शर्मा, स.उ.नि. लुपेश रहांगडाले, देवेन्द्र जयसवाल,आर.690 पंकज, 280 दीपक, देवेन्द्र लोधी, शरद गौतम, सुधीर ठाकूर, हुलसीराम बोवाने, आर. अजय बघेल का सराहनीय कार्य रहा।
हिन्दुस्थान संवाद
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