सिवनीः आपसी विवाद में पुत्र ने मारा पिता को आंगन में लगा खूंटा , उपचार के दौरान हुई मौत , आरोपित पहुंचा जेल

सिवनी, 20 अगस्त। जिले के बरघाट पुलिस ने शनिवार को थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पांढरवानी में एक हत्या के अपराध का खुलासा किया है।


बरघाट थाना प्रभारी निरीक्षक प्रसन्न शर्मा ने शनिवार की शाम को जानकारी दी कि थाना बरघाट क्षेत्रांतर्गत ग्राम पांढरवानी निवासी खुमानसिंह (56) पुत्र पूनाराम भलावी की पत्थर पर गिरने से सिर में चोट लगना बताकर सिवनी में इलाज कराने उसके पुत्र लालसिंह उर्फ लाला भलावी द्वारा 11 अगस्त 22 को ले जाया गया था जहां जिला चिकित्सालय सिवनी में उपचार के खुमानसिंह की मौत हो गई थी। मृतक के पोस्टमार्टम के बाद थाना कोतवाली में धारा 174 जाफौं के तहत मर्ग कायम किया गया जिसकी जानकारी बरघाट थाना को दी गई जिस पर बरघाट पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया।
आगे बताया गया कि ग्रामीणों द्वारा खुमान की मौत के संबंध में संदेह व्यक्त किया गया जिस पर थाना प्रभारी बरघाट ने इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक सिवनी श्रीरामजी श्रीवास्तव को दी। जिस पर पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में एसडीओपी बरघाट द्वारा मर्ग जांच करने के लिए बरघाट थाना प्रभारी को टीम गाठित के आदेश दिये गये। गाठित पुलिस टीम द्वारा जांच के दौरान पाया गया कि 10 अगस्त 22 को ग्राम पांढरवानी निवासी ख्यालसिंह कोरचे, राजेश मर्सकोले, फागूलाल उइके एवं ग्राम कोटवार टेकचंद मेश्राम ने आपसी विवाद पर खुमानसिंह को उसके लड़के लालसिंह भलावी द्वारा घर के सामने लगा लकड़ी का खूंटा से सिर पर मारते देखना जिससे खुमानसिंह को घायल होकर गिरकर बेहोश जैसे हो जाना काफी खून बहना जो लालसिंह के द्वारा उसके पिता खुमानसिंह का डॉक्टर को झूठ बताकर ईलाज कराना नागपुर ले जाते समय मृत्यु होना बताया गया।
जिस पर पुलिस ने आरोपित लालसिंह उर्फ लाला (22) पुत्र खुमानसिंह भलावी निवासी पांढरवानी के विरुद्ध भादवि की धारा 302 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लालसिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की जहां उसने अपने पिता खुमानसिंह को 10 अगस्त 22 को सिर पर लकड़ी का खूंटा मारना स्वीकार किया तथा पुलिस ने आरोपित के कब्जे से खूंटा बरामद कर शनिवार को जिला न्यायालय के समक्ष पेश किया जहां से आरोपित को जेल भेज दिया गया।
इस कार्यवाही में निरीक्षक प्रसन्न शर्मा थाना प्रभारी बरघाट, सउनि सत्येन्द्र उपाध्याय, सउनि संतोष शर्मा, प्र.आर. 147 बालचंद घोरमारे, आर.546 सुकदेव, आर. 575 नेपेन्द्र, आर. 524 रजनीकांत, आर. 249 राजेन्द्र, आर. 783 केशरीनंदन का सहयोग रहा।
हिन्दुस्थान संवाद

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