कुनबे से निकलकर कुनबे में जायें तो दुर्गति हो जाती है, लेकिन यदि हम गृहस्थ आश्रम से साधना करते हुये यदि संन्यास लें तो हमारी सद्गति होती है-शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानद सरस्वती
सिवनी 22 फरवरी। सुरूचि और सुनिति दो बहनें हैं, हमें सुनिति के आधार पर चलना चाहिये। गृहस्थ आश्रम साधना के...