interim budget 2024: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट, वित्तीय चुनौतियों को पार पाने का होगा लक्ष्य

नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अंतरिम बजट पेश करेंगी। वित्त मंत्री के रूप में यह उनका छठा और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट होगा। लोकसभा चुनाव के बाद सरकार बनने तक अंतरिम बजट देश की वित्तीय जरूरतों का पूरा करेगा। नई सरकार बनने के बाद पूर्ण बजट पेश किया जाएगा।

राष्ट्रपति ने 2023 को बताया देश के लिए ऐतिहासिक वर्ष

इससे पहले बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि 2023 देश के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष था और देश ने वैश्विक संकट के बावजूद सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने की गति को बनाए रखा है। उन्होंने कहा कि भारत ने लगातार दो तिमाहियों में लगभग 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है।

10 दिन में होगी आठ बैठकें

बता दें कि 31 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ बजट सत्र का आगाज हो गया है। लोकसभा चुनाव से पहले ये संसद का आखिरी सत्र है। इस सत्र के दौरान 10 दिनों में कुल आठ बैठकें होंगी।

सर्वदलीय बैठक में रखा सरकार का एजेंडा

बजट सत्र शुरू होने से पहले सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में 30 राजनीतिक दलों के 45 नेताओं ने हिस्सा लिया था।

संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया था कि वित्त मंत्री सीतारमण जम्मू-कश्मीर का बजट पेश करेंगी। उन्होंने कहा कि बैठक बहुत ही सौहा‌र्द्रपूर्ण वातावरण में हुई। सभी दलों ने सदन के बेहतर संचालन के लिए अपने सुझाव दिए। हालांकि, इस सत्र के दौरान आवश्यक विधायी और अन्य कार्य भी किए जा सकते हैं।

इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार के संबंध में 2023-24 के लिए अनुपूरक अनुदान मांगों पर चर्चा की जाएगी। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अंतरिम बजट और केंद्र शासित प्रदेश के अनुदानों की अनुपूरक मांगों पर भी प्रस्तुति और चर्चा की जाएगी।

क्या है अर्थव्यवस्था की स्थिति?

वित्त मंत्रालय ने एक समीक्षा रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था के लगभग 7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।
घरेलू मांग की मजबूती ने अर्थव्यवस्था को पिछले कुछ वर्षों में 7 प्रतिशत से अधिक विकास दर तक पहुंचाया है।

भारत की अर्थव्यवस्था 2022-23 में 7.2 प्रतिशत और 2021-22 में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।

इसके अलावा, मजबूत जीडीपी वृद्धि का पूर्वानुमान, प्रबंधनीय स्तर पर मुद्रास्फीति, राजनीतिक स्थिरता और केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति को मजबूत करने के संकेतों ने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए एक उज्‍जवल तस्वीर तैयार करने में योगदान दिया है।

अनुमान के अनुसार, अगले तीन वर्षों में भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है।

इसके बाद भारत अगले छह से सात वर्षों (वर्ष 2030 तक) में 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद कर सकता है।

2023-24 बजट की मुख्य बातें

मोदी सरकार 2.0 के अंतिम पूर्ण बजट में 2023-24 में पूंजीगत व्यय परिव्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया गया था, जो जीडीपी का 3.3 प्रतिशत होगा। यह 2019-20 के बजट का लगभग तीन गुना था।

इसके अलावा सरकार ने पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान केंद्रित करते हुए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव दिया था। देश का कृषि क्षेत्र पिछले छह वर्षों में 4.6 प्रतिशत की औसत वार्षिक विकास दर से बढ़ रहा है।
पिछले दो केंद्रीय बजटों की तरह केंद्रीय बजट 2023-24 भी पेपरलेस रूप में प्रस्तुत किया गया था।

केंद्रीय बजट 2023 पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.9 प्रतिशत रखा था

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का इरादा वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.5 फीसदी से नीचे लाने का है।

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