पत्रकार बीमा योजना मेरे लिए कोरोना बीमारी में संजीवनी बनी- वरिष्ठ पत्रकार राधा वल्लभ शारदा

भोपाल, 14 मई। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा  प्रारंभ हुई पत्रकार बीमा योजना मेरे लिए ही नहीं अन्य मित्रों के लिए भी संजीवनी साबित हुई होगी,  मेरे लिए तो यह संजीवनी की तरह साबित हुई है। यह कहना है प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार भोपाल निवासी श्री राधा वल्लभ शारदा का।

 “मैं व्यक्तिगत रूप से आभारी हूं सरकार और मुख्यमंत्री श्री शिवराज  का”   श्री राधावल्लभ शारदा ने बताया कि परिवार में जब कोई बीमार होता है तो सभी सदस्य चिंतित होते हैं और होना भी चाहिए। मैंने बच्चों से कहा कि चिंता मत करो दो लाख रुपए तक तो बीमा कंपनी देगी अधिक लगने पर देखा जायेगा। ईश्वर की कृपा रही कि एक लाख रुपए तक का ही खर्च आया।    

 श्री शारदा कहते है कि मुझसे मेरे एक परमप्रिय मित्र ने आपबीती लिखने का कहा और मन में पूरा घटनाक्रम आया और मैंने लिख दिया।    श्री शारदा ने बताया कि  पहले कोरोना काल में घर से बाहर नहीं निकले, सभी नियमों का पालन किया, जब मन से भय समाप्त हो गया तो जिंदगी पुराने ढर्रे पर चलने लगी। घर पर मित्रों का आना-जाना लगा रहा और मैं भी भोपाल से बाहर जाने लगा।  

उन्होंने बताया कि एक कार्यक्रम के बाद भोपाल आ रहा था।भोपाल पहुंचने पर रात्रि करीब दो बजे अचानक ठंड लगी दो रजाईयों के बाद ठंड कम हुई। दूसरे दिन बेटे से बात कर परिवार के सदस्यों की जांच कराने का फैसला लिया। जयप्रकाश नारायण चिकित्सालय में लाईन में लगें इसी बीच मैं बैंच पर बैठे हुए गिर गया।    दूसरे दिन के लिए तय किया गया कि सिटी स्कैन कराना चाहिए। दूसरे दिन मेरी रिपोर्ट पाज़ीटिव आई, सिटी स्कैन में फेफड़े में इन्फेक्शन की पुष्टि हुई। मैंने तत्काल प्रभाव से अपने एक दोस्त एमडी इंडिया बीमा के श्री आशीष शुक्ला को सारी बात बताई और किस अस्पताल में भर्ती होना है तो उनके अनुसार भर्ती हो गया तत्काल आक्सीजन लगाया गया।शरीर की कमजोरी कम करने के लिए बाटले लगी।  

उन्होंने बताया कि मेरे पेट में इंजेक्शन लगा तो मैंने नर्स से पूछा कि यह काहे के लिए उसका कहना था कि  खून पतला करने के लिए, जिज्ञासा बढ़ी हर दवा के बारे में जानकारी प्राप्त करता रहा। मुझे 6 इंजेक्शन रेमडेसिविर के लगे ही साथ में खांसी की दवा, पेरासिटामाल, बीपी, शुगर फिर मैंने अपने आप को डाक्टर एवं नर्स के हवाले कर दिया। हर एक घंटे में डाक्टर देखने आते रहे। भाप दिन में दो बार। प्राइवेट वार्ड में भी मास्क जरुरी, निबुलाइजेशन  दो बार यही प्रक्रिया चलती रही। 

 वे बताते है कि अस्पताल में सुबह चाय, नाश्ता, दोनों टाइम भोजन,चार बजे चाय मिलती। अंत में यदि समय पर उपचार नहीं कराते तो यह आत्म कथा नहीं लिख पाता।   

श्री शारदा ने सभी नागरिकों से अपील करते हुए कहा है कि यदि हमें थोड़ी भी शंका है तो देर नहीं करनी चाहिए तत्काल डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इतना ही नहीं बल्कि पुरानी बीमारी भी है तो उसे भी बताना चाहिए जिससे डॉक्टर को आसानी होगी जैसे मैं श्वास का मरीज हूं मैंने बताया।   इस बीमारी में कमजोरी आती है। बीमारी के शुरुआती दिनों में हमारा खाना बंद हो जाता है कारण टेस्ट बिगड़ जाता है। दवा की गर्मी से जीभ लाल रंग की हो जाती है। उन्होंने कहा कि निगेटिव होने के बाद बहुत भूख लगती है हर दो घंटे में कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए। नारियल पानी, संतरा, नींबू, आम, अनानास जैसे फल, हरी सब्जियां दाल आहार में लेना चाहिए।  

अंत मे भी श्री शारदा मध्यप्रदेश शासन का धन्यवाद करते हैं।

हिन्दुस्थान संवाद

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