MP Vidhan Sabha Election 2023 : लखनादौन विधानसभा में 61 वर्षो से काबिज कांग्रेस , चुनावी वर्ष में निर्णायक बनेगी गोंगपा
प्रदेश की सबसे बडी विधानसभा में रहेगी नजर, 61 वर्षो के काबिज है कांग्रेस
सिवनी, 28 अगस्त। मध्यप्रदेश में सिवनी जिले की लखनादौन महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है। यह प्रदेश में सबसे बडी 407 पोलिग बूथों वाली सीट है। लखनादौन विधानसभा सीट में. पिछले 10 सालों से कांग्रेस का कब्जा है. हालांकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी यहां पर अहम भूमिका निभाती है लेकिन निर्णायक भूमिका हमेशा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी निभाती है। 2023 के विधानसभा चुनावों में अब एक बार फिर से कांग्रेस में चेहरा बदलने की मांग उठी है। लखनादौन विधानसभा के इतिहास पर गौर करे तो 71 वर्षो (1952 विधानसभा चुनाव) में कांग्रेस के प्रत्याशियों ने 13 विधानसभा चुनाव में अपनी जीत का परचम लहराते हुए 61 वर्ष तक राज किया हैै वहीं भाजपा के प्रत्याशियों ने इन वर्षो में दो विधानसभा चुनाव में जीत का परचम लहराया है और 10 वर्षो तक राज किया है। वही प्रदेश सरकार द्वारा लाडली बहना योजना एवं रसोई गैस के दामों में कमी करने से लखनादौन सीट पर कब्जा जमाने के लिए भाजपा की राह आसान हो गई है।
सिवनी जिले का समीकरण
सिवनी जिले में चार विधानसभा सीट बरघाट, सिवनी, केवलारी और लखनादौन हैं. इनमें दो विधानसभा सीट बरघाट, सिवनी, बालाघाट लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं. जबकि केवलारी और लखनादौन मंडला लोकसभा क्षेत्र के तहत आती है।. बरघाट विधानसभा सीट से कांग्रेस के अर्जुन काकोडिया, सिवनी से भाजपा विधायक दिनेश राय, केवलारी से भाजपा के राकेश पाल और लखनादौन से कांग्रेस के योगेंद्र सिंह बाबा विधायक हैं। बरघाट और लखनादौन विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित है।
51 वर्ष का रिकार्ड किया था ध्वस्थ भाजपा ने
लखनादौन विधान सभा सीट सन् 1952 से अस्तित्व में आई, जहां 1952-2003 तक कांग्रेस का कब्ज़ा रहा। 1998 में रणधीर सिंह ने इस सीट पर आखिरी बार कांग्रेस को जीत दिलाई थी, लेकिन 2003 के विधानसभा चुनाव में श्रीमति शशि ठाकुर ने 36313 मत प्राप्त कर गोगपा की राजेश्वरी उइके (34617 मत प्राप्त) को 1696 वोटो से हराकर यह सीट भाजपा की झोली में डाल दी। इसके बाद वर्ष 2008 में भी भाजपा की श्री मति शशि ठाकुर ने 46209 मत प्राप्त कर कांग्रेस के बेनी कुंदन परते को (41211 मत प्राप्त) 4998 मतों से पराजित कर जीत हासिल की। लखनादौन विधानसभा में जहां 1952 से 2003 तक 51 वर्षो तक कांग्रेस का कब्जा रहा वहां 2003 से 2013 तक भाजपा में 10 वर्षो तक अपना परचम लहराया।
2008 से अब तक ये रहे यहां के समीकरण
लखनादौन विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,89,322 मतदाता हैं, जिसमें पुरुष 1,47,552 तो वहीं 1,41,765 महिला मतदाता हैं. जबकि 5 अन्य हैं।. साल 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस को लगातार जीत मिल रही है। 2008 के चुनाव में गोंडवाना की सक्रियता के चलते भाजपा ने यहां से जीत हासिल की थी। साल 2018 के चुनाव में लखनादौन विधानसभा से कांग्रेस ने मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रह चुकी और हिमाचल प्रदेश की पूर्व राज्यपाल उर्मिला सिंह के बेटे योगेंद्र सिंह बाबा को मैदान में उतारा था. इन्हें यहां पर 82951 वोट मिले थे. वहीं बीजेपी ने विजय कुमार ऊइके को टिकट दिया जिन्हें 70675 वोट मिले थे. इस प्रकार कांग्रेस यहां पर 12276 वोटों से जीती थी। साल 2013 के नतीजे में भी यहां पर कांग्रेस के योगेंद्र सिंह बाबा को 77928 वोट मिले थे तो वही बीजेपी की शशि ठाकुर को 65147 वोट मिले कांग्रेस यहां पर 12781 वोटों से चुनाव जीती थी।
गोगपा होगी निर्णायक
2023 के विधानसभा चुनाव के लिए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी पूरे दमखम से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. ऐसे में इस विधानसभा के राजनीतिक समीकरण गड़बड़ा सकते हैं. अगर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया तो कांग्रेस के लिए नुकसान साबित हो सकता है।
ये है दावेदार
विधानसभा चुनाव में दावेदारों की बात करें तो विधायक योगेंद्र सिंह बाबा के अलावा बेनी कुंदन परत है वहीं के भाजपा विजय ऊइके, संगीता बरकडे, शशी ठाकुर, अर्जुन सिंह उइके, संदीप उईके, छिद्दी लाल सरेआम , राजेश्वरी ऊइके, रविंद्र परते है तथा गोगपा के पूर्व विधायक रामगुलाम ऊइके, रावेन शाह, मनीराम काकोड़िया प्रमुख दावेदार है। इन्ही नामों के सहित दो दर्जन नाम ऐसे भी जो इस दौड में शामिल है।
एक लाख से ज्यादा है आदिवासी मतदाता
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित लखनादौन विधानसभा में अगर जातिगत मतदाताओं के आंकड़ों पर नजर डालें तो राजनीतिक दलों के हिसाब से यहां पर करीब एक लाख गोंड समाज के मतदाता हैं, तो वही 21 हजार तेली, 18 हजार लोधी, 17 हजार कलार, 14 हजार यादव, 18 हजार प्रधान और करीब 10 हजार राजपूत मतदाता हैं। 2003 के विधानसभा चुनाव में लखनादौन विधानसभा का मुख्य इलाका घंसौर अलग विधानसभा हुआ करता था। घंसौर विधानसभा से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के रामगुलाम ऊइके चुनाव जीते थे. परिसीमन के बाद घंसौर विधानसभा सीट को केवलारी और लखनादौन में समाहित कर दिया गया, लेकिन घंसौर क्षेत्र का बड़ा इलाका आज भी लखनादौन विधानसभा में है. जिसकी वजह से यहां पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का काफी प्रभाव है।
विकास की ओर ध्यान देने वाला विधायक हो
लखनादौन विधानसभा सीट मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2018 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। इस बार लखनादौन विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है।
लखनादौन से जो भी विधायक बने उसे विकास कार्यों की ओर ध्यान देना चाहिए, जो समस्याएं लंबे समय से बनी हुई है उन पर विचार करें और समस्याओं का निराकरण करवाए। इस विधान सभा में सिंचाई हेतु निर्मित नहरों का सीमेंटीकरण सहित नगर में सड़क व डिवाईडर निर्माण व अतिक्रमण जैसे मुद्दे बने हुए है। आम जनता की समस्याओं का निराकरण समय होगा तो निश्चित ही क्षेत्र की तस्वीर बदल जाएगी। यहां पर वर्तमान में लोग स्वास्थ्य ,शिक्षा , पानी की समस्या से निजात नही पाये जो दूर हो। यहां के किसान और मजदूर बाहर काम करने जाते है। यहां के प्रत्येक लोग बाहर कमाने खाने जाते हैं। इसी वजह से शिक्षा में भी हमारी आर्थिक स्थिति कमजोर है।
लखनादौन क्षेत्र वासियों की मांग है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा लखनादौन को जिला बनाने सहित अनेकों घोषणायें आज भी अधूरी है। जनजाति समुदाय, किसान, मजदूरों, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, विद्युत सहित मूलभूत सुविधाओं की भी लखनादौन विधानसभा में है आवश्यकता है। वहीं घंसौर को नगर पंचायत व लखनादौन को जिला बनाने की मांग क्षेत्रवासियों की है। वर्तमान कांग्रेस विधायक अधिकांशत भोपाल में रहते है जहां अंतिम छोर का व्यक्ति भी अपनी बात नही कह पाता है।
10 दस योजनाओं के भरोसे कांग्रेस
पार्टी नारी सम्मान, बिजली, गैस सिलेण्डर, महंगाई, बेराजगारी , किसानों का फसल कर्ज माफ, कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल, 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण का लाभ, जातिगत जनगणना का लाभ , किसान आंदोलन के मुकदमे वापस को लेकर योजनाएं बना चुकी है और ये योजनाएं सरकार आते ही क्रियान्वित होंगी। कार्यकर्त्ता आम जनता के बीच इन योजनाओं को लेकर जा रहा है और आगामी विस चुनाव में इसके अच्छे परिणाम भी सामने होंगे और परिवर्तन दिखायी देगा। लखनादौन विस में पार्टी कार्यकर्त्ता बूथ स्तर तक तैयारी पूरी कर चुका है।
पिछले चुनावों में किसके पास रही लखनादौन सीट
वर्ष नाम पार्टी परिणाम कुल वोट अंतर
2018 योगेंद्र सिंह बाबा कांग्रेस विजेता 82,951 12,276
विजय उइके भाजपा दूसरे स्थान पर 70,675
2013 योगेंद्र सिंह बाबा कांग्रेस विजेता 77,928 12,781
शशि ठाकुर (मारावी) भाजपा दूसरे स्थान पर 65,147
2008 शशि ठाकुर भाजपा विजेता 46,209 4,998
बेनी कुंदन परते कांग्रेस दूसरे स्थान पर 41,211
लखनादौन विधानसभा का 71 वर्षो का इतिहास
वर्ष दल
1952 कांग्रेस दुर्गा शंकर मेहता
1957 कांग्रेस बसंत राव उइके
1962 कांग्रेस बसंत राव उइके
1967 कांग्रेस बसंत राव उइके
1972 कांग्रेस बसंत राव उइके
1977 कांग्रेस सत्येंद सिंह
1980 कांग्रेस सत्येन्द्र सिंह
1985 कांग्रेस सत्येन्द्र सिंह
1990 कांग्रेस रणधीर सिंह
1993 कांग्रेस रणधीर सिंह
1998 कांग्रेस रणधीर सिंह
2003 भाजपा श्रीमति शशि ठाकुर
2008 भाजपा श्रीमति शशि ठाकुर
2013 कांग्रेस योगेन्द्र सिंह बाबा
2018 कांग्रेस योगेन्द्र सिंह बाबा
कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजकुमार खुराना ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस की घोषणाओं से फर्क पडेगा। भाजपा को पहले यह घोषणाएं याद नही आती चुनाव के नजदीक आते ही घोषणाएं करके भाजपा हडबडी में कदम उठा कर मतदाताओं से सौंदा कर रहे है। क्षेत्र की जनता भाजपा की रीति-नीति पहचान चुकी है। वर्तमान विधायक द्वारा क्षेत्र में जाकर हर लोगों की समस्याओं से रूबरू होकर त्वारित निराकरण का प्रयास किया गया है। भाजपा के राज में हुये भ्रष्टाचार को जनता जानती है। आदिवासी वर्ग का सबसे ज्यादा शोषण भाजपा के राज में हुआ है। इसलिए जनता बदलाव चाहती है। आगामी विधानसभा चुनाव में लखनादौन सीट से कांग्रेस प्रत्याशी भारी बहुमतों से विजयी होगें। इसके लिए कांग्रेस ने जमीनी सतह से कार्य कर चुका है।
भाजपा जिलाध्यक्ष आलोक दुबे ने कहा कि संगठन ने पूरी तैयारी कर ली है। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण बीते दिन कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान दिखा। सरकार ने गरीब कल्याण योजना के तहत पैसा एक्ट लागू किया है। एक घर में लगभग आठ योजनाओं से हर वर्ग के लोग लाभान्वित है लोककल्याणकारी योजनाओं के कारण इस बार लखनादौन सीट भाजपा के कब्जे में होगी। वर्तमान विधायक भोपाल में रहते है और जनता से रूबरू नही हो पाते है। क्षेत्र में स्वसहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
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