बांग्लादेश में हिन्दु समाज पर जो अत्याचार हो रहे है वह निंदनीय -सनातन चेतना मंच

सिवनी, 04 दिसंबर।  बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे उत्पीडऩ को लेकर सनातन चेतना मंच सिवनी के तत्वाधान में बुधवार को सिवनी नगर के ह्रदय स्थल शुक्रवारी में धरना प्रदर्शन कर रैली के रूप में कचहरी चौक पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया। इस आयोजन में सनातन चेतन मंच के आह्वान पर अनेक सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक, समाजसेवी एवं जाति समाज के संगठनों ने अपना शामिल होकर बंगलादेश में हो रही घटनाओं पर अपना विरोध जताया और कहा है कि बांग्लादेश में हिन्दु समाज पर जो अत्याचार हो रहे है वह निंदनीय है ।

राष्ट्रपति के नाम सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि भारत के नागरिक और सकल हिंदू समाज के प्रतिनिधि, बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों पर हो रहे अत्याचारों के प्रति अपनी गहरी चिंता और विरोध व्यक्त करते हैं। बांग्लादेश में वर्तमान में जो अत्याचार चल रहे हैं, वे न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं, बल्कि इनसे हमारे साझा सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्य भी आहत हो रहे हैं।

इस में उल्लेख किया गया है कि वर्तमान बंगलादेश में निरंतर हिन्दुओं की संख्या कम हो रही है । बांग्लादेश में बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय को लक्ष्य बनाकर, उनकी हत्याएं की जा रही है। उनके घर लूट जा रहे हैं। उनकी जवान बेटियों पर अत्याचार किए जा रहे हैं। 5 अगस्त से अब तक कुछ हजार हिंदुओं की हत्या की गई हैं। हिंदुओं पर हमले की 6,000 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं। हिन्दुओं को सरकारी और प्राइवेट नौकरियों से निकाला जा रहा है, मंदिरों को तोड़ा जा रहा है ।

24 नवंबर 2024, बगेरहाट: एक हिंदू लड़की को जबरन धर्मातरण कर आतंकी संगठन में शामिल किया गया, जो एक गंभीर अपराध है और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों का प्रतीक है।

20 नवंबर 2024, बरिसाल: हिंदू समुदाय के घरों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया, जिससे उनकी संपत्ति और

सम्मान को नष्ट कर दिया गया।

19 सितंबर 2024, सिलहट: बौद्ध और हिंदू मंदिरों को तोड़-फोड़ कर आग लगा दी गई, जो धार्मिक असहिष्णुता और सांस्कृतिक धरोहर को नष्ट करने का एक प्रयास था।

इन घटनाओं में हजारों हिंदू, बौद्ध और ईसाई परिवारों को विस्थापित किया गया है और उनके धार्मिक स्थलों को तोड़ा गया है। उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमले किए जा रहे हैं, जो न केवल बांग्लादेश के संविधान और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं, बल्कि हमारे समग्र मानवता के लिए भी एक खतरा हैं। इस प्रकार की बात का उल्लेख करते हुये सनातन चेतना मंच ने महामहिम राष्ट्रपति से प्रमुख से चार मांगे की है ।
इन मांगो में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश सरकार पर दबाव डाला जाए ताकि वहां अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और धार्मिक स्वतंत्रता को कायम रखा जा सके एवं हिन्दू संत स्वामी चिन्मय प्रभु की बिना शर्त रिहाई की जा सके।
संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से बांग्लादेश सरकार को इन अत्याचारों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस गंभीर मुद्दे की ओर आकर्षित किया जाए।

अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की निष्पक्ष और स्मृतंत्र जांच कराई जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। इस प्रकार के अपराधों की पुनरावृत्ति न हो।
. जिन हिंदू परिवारों को उनकी जमीन और घरों से बेदखल किया गया है, उन्हें उनके मूल स्थानों पर पुनस्र्थापित किया जाए और उनकी संपत्तियों को वापस दिलाया जाए।

ज्ञापन में कहा गया है कि यह केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं है, बल्कि यह हमारी साझा सांस्कृतिक धरोहर, धार्मिक अस्मिता और पारस्परिक सम्मान पर भी हमला है। हम आपसे निवेदन करते हैं कि इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल और ठोस कदम उठाए जाएं ताकि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों को सुरक्षा मिल सके और इन अत्याचारों को रोका जा सके। हम आशा करते हैं कि भारत सरकार इस विषय में सकारात्मक हस्तक्षेप करेगी और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाएगी।

सनातन चेतना मंच के आह्वान आयोजित इस कार्यक्रम में पंतजली योग संस्थान की ओर से डां. गजेन्द्र डहरवाल, राष्ट्रसेविका समिति से श्रीमती शुभांगी पटेवार, पुजारी समाज की ओर भागवताचार्य पं. राजेन्द्र पांडे, गायत्री परिवार से बसंत कटरे, इस्काँन परिवार से गोपालदास जी एवं सिख समाज से  प्रतिनिधि के रूप में मंचासीन रहे और इन्होंने बंगलादेश की हिन्दु विरोधी घटनाओं का विरोध किया और संपूर्ण हिन्दु समाज से आग्रह किया कि यदि इन घटनाओं पर हम चुप रहे तो इसके भयंकर दुष्परिणाम भविष्य में हमारे लिये घातक सिद्ध हो सकते है । मंच संचालन श्री नरेश मिश्रा के द्वारा किया गया । कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मातृशक्ति एवं गणमान्य तथा आमजन उपस्थित रहे ।

मंचीय संबोधन के पश्चात उपस्थित प्रबुद्ध नागरिक, व्यापारिक, सामाजिक, धार्मिक संगठनो जाति बिरादरी के  प्रमुखों एवं आम नागरिक, मातृशक्ति ने बंगलादेश की  हिन्दु विरोधी घटनाओं एवं महिला उत्पीडऩ की घटनाओं के विरोध में बनी तख्तियाँ लेकर रैली के रूप शुक्रवारी से नेहरू रोड होते हुये नगर पालिका चौक, बस स्टैंंड से कचहरी चौक पहुँचे तथा महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा ।

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