मध्यप्रदेश भी अन्य राज्यो की तुलना में महिला अधिकारों एवं सम्मान में अग्रणी राज्य हैं- दीपा मर्सकोले

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सिवनी, 08 मार्च। जिला न्यायालय के जिला अभियोजन कार्यालय जिले का ऐसा कार्यालय है । जहाँ पर महिला अधिकारी एवं कर्मचारी पुरुष अधिकारी से अधिक है । महिला अधिकारी कर्मचारियों ने पीड़ितों को न्याय दिलाने के अपने कर्तव्य पर नए-नए कीर्तिमान स्थापित किये है। जिले के हर तरह के आपराधिक मामलों में पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए उनकी आवाज और उनका प्रतिनिधित्व इन्ही महिला अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा बड़ी गम्भीरता और संवेदनशीलता के साथ निभाया जा रहा है।

जिला न्यायालय के मीडिया सेल प्रभारी मनोज कुमार सैयाम ने सोमवार की देर शाम को जानकारी दी कि सोमवार 08 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कार्यालय में पदस्थ जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती दीपा मर्सकोले , एडीपीओ श्रीमती शीतल सरयाम , श्रीमती कौशल्या एक्का , श्रीमती उमा चैधरी , कु. रंजीता उइके , कु. रश्मि नामदेव , कु .रक्षा राहंगडाले , श्रीमती सुखवंती परते को पुष्प और कलम देकर और मिठाई खिलाकर कर सम्मान किया और उनकी प्रतिष्ठा और गरिमा से कार्यालय को गौरवान्वित करने के लिए सभी का आभार प्रकट किया।


बताया गया कि इस अवसर पर एडीपीओ नवल किशोर सिंह ने महिला दिवस मनाये जाने के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया जिस घर मे , जिस समाज मे महिलाओं का सम्मान होता है वहाँ हमेशा तरक्की खुशहाली रहती हैं , अमेरिकन और यूरोपीय देशों में महिलाओं को बराबर का अधिकार प्राप्त है इसलिए वह विकसित देशों में आते है। श्रीमती दीपा मर्सकोले ने कहा कि हमारे देश मे भी संविधान के माध्यम से महिलाओं को समान अधिकार दिए गए है । सभी धर्मो में महिलाओं को विशेष सम्मान दिया गया है । देश मे बेंगुलुरू ऐसा शहर जहाँ की संस्कृति और सभ्यता महिलाओं के सम्मान और उनकी स्वन्त्रता की श्रेणी में अव्वल है । मध्यप्रदेश भी अन्य राज्यो की तुलना में महिला अधिकारों एव सम्मान में अग्रणी राज्य हैं। विश्व की आधी आबादी महिलाओं की है। और महिलाएं को शिक्षित होने और समाज और देश को सुंदर और सशक्त बनाने की बात कही गई।
हिन्दुस्थान संवाद

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