कृति वसुंधरा करती है समाज की विसंगतियों पर प्रहार



सिवनी,04 अप्रैल। जिनके मुख पर दाग लगे है,ठाठ कर रहे संसद में। बकरे सी मिमयाती सी जनता काट रहे ये संसद में। राजनीति पर कड़ा प्रहार करने वाले सिवनी जिले के वरिष्ठ साहित्यकार रामचंद सोलंकी, आकाश की कृति वसुंधरा अपने आपमें एक ऐसा कविताओं का गुलदस्ता है, जिसमें आध्यात्म से लेकर वर्तमान परिवेश तक के तमाम बिंदुओं पर उन्होंने मन को झंकझोरने वाले विषयों पर अपनी कलम चलाई है।
हाल ही में उनकी कृति में लगभग 66 कविताऐं है। जिसमें कुछ गजलें, कुछ गद्द कविताऐं तो कुछ दोहें,छंद का समावेश किया गया है। साथ ही बहुत सारी खुबियाँ इनकी कृति में है। मूलत: सिवनी में ही उपपंजीयक विभाग में रहते हुए सेवा निवृत्त हुए तथा पाथेय प्रकाशन जबलपुर से प्रकाशित इस कृति को अभिव्यक्ति डॉ.राजकुमार सुमित्र एवं नरेन्द्र चट्टान,संजय समर्पित अशांत, अरूण चैरसिया ने दी है। निश्चित ही समाज को नई दिशा देने में यह कृति मील का पत्थर साबित होगी। सभी साहित्यकारों ने कृति की भूरी-भूरी प्रशंसा की है:

हिन्दुस्थान संवाद

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