बच्चों की देखरेख और संरक्षण के लिये विकासखण्ड एवं वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन
सिवनी, 05 मार्च। जिले में बच्चों की देखरेख और संरक्षण के लिये विकासखण्ड एवं वार्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन शुक्रवार को किया गया है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी महिला एवं बाल विकास सिवनी श्रीमति लक्ष्मी धुर्वे ने शुक्रवार की शाम को जानकारी दी कि प्रदेश शासन द्वारा बच्चों की देखरेख और संरक्षण के लिये किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 एवं किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण) नियम 2016 तथा समेकित बाल संरक्षण योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। समेकित बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता की श्रेणी में आने वाले बच्चों को सुरक्षित एवं बाल मैत्री वातावरण प्रदान करने, बाल संरक्षण सेवाओं की बेहतर पहुंच एवं उनमें गुणवत्तापूर्ण सुधार के साथ-साथ सतत निगरानी करने नवाचार गतिविधियों द्वारा बाल संरक्षण के विषयक में समुदाय को संवेदनशील तथा जागरूक करने जिला बाल संरक्षण इकाई के साथ समन्वय स्थापित कर बाल अधिकार के मुद्दों पर कार्य योजना तैयार कर उनका क्रियान्वयन के लिये समुदाय एवं खण्ड स्तरीय समिति की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक विकासखण्डस्तर पर विकासखण्डस्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया है।
आगे बताया कि विकासखण्डस्तरीय बाल संरक्षण समिति में जनपद अध्यक्ष को अध्यक्ष, अनुविभागीय दंडाधिकारी (राजस्व) को सह अध्यक्ष, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस ध् जहां अनुभाग नहीं वहां संबंधित थाने का प्रभारी अथवा बाल कल्याण पुलिस अधिकारी को सदस्य, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को सदस्य सचिव, जिला बाल संरक्षण इकाई का सदस्य (जिला बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा नामित) को सदस्य, बाल विकास परियोजना अधिकारी संबंधित विकासखंड को कोषाध्यक्ष तथा विकासख्ंड शिक्षा अधिकारी, विकासखंड समग्र सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारी, अध्यक्ष पंचायत बाल संरक्षण समिति (एक सदस्य जनपद अध्यक्ष द्वारा नामांकित) , श्रम कल्याण अधिकारी, श्रम निरीक्षक जिला श्रम अधिकारी द्वारा नामित, समुदाय के दो सम्मानित सदस्य, स्वंय सेवी संस्था के प्रतिनिधि (कम से कम एक महिला) (अनुविभागीय दंडाधिकारी द्वारा नामांकित), दो बाल प्रतिनिधि (आयु 12 से 18 वर्ष एक बालक एवं एक बालिका) विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा नामांकित को सदस्य मनोनीत किये गये हैं।
बताया गया कि इसी तरह प्रत्येक नगरीय निकाय में वार्ड बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया है, जिसमें संबंधित वार्ड के पार्षद को अध्यक्ष, पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास (डी.सी.पी.यू. का प्रतिनिधि) को सदस्य सचिव, श्रम निरीक्षक (जिला श्रम अधिकारी द्वारा नामित) को कोषाध्यक्ष एवं प्रधानाध्यापक स्थानीय शासकीय विद्यालय (अध्यक्ष द्वारा नामांकित) , वार्ड से संबंधित पुलिस थाना प्रभारी द्वारा नामित आरक्षक, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, अध्यक्ष संबंधित शाला प्रबंधन समिति स्थानीय शासकीय विद्यालय, स्वास्थ्य कार्यकर्ता अध्यक्ष द्वारा नामांकित, चाइल्ड लाइन प्रतिनिधि, दो बाल प्रतिनिधि (आयु 12 से 16 वर्ष, एक बालक एवं एक बालिका ) प्रधानाध्यापक द्वारा नामित, समुदाय के दो सम्मानित सक्रिय नागरिक (कम से कम एक महिला) तथा अध्यक्ष द्वारा नामित, एक स्वंय सेवी संस्था प्रतिनिधि , सामाजिक कार्यकर्ता (अध्यक्ष द्वारा नामित) को सदस्य मनोनीत किया गया है।
हिन्दुस्थान संवाद