रेल रोक किसानों ने मानवता की मिसाल दे इतिहास रचा-राजेश पटेल

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सिवनी, 18 फरवरी। तीन असंवैधानिक लाए गए कानूनों की वापसी व न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून बनाए जाने की मांग को लेकर राजधानी दिल्ली में 87 दिनों से किसानों का आन्दोलन अनवरत चालू है जो अगले अक्टूबर माह तक चलने की सभांवना बन रही है। गुरूवार को किसान आंदोलन के राष्ट्रीय आह्वान पर देश भर के किसानों ने रेल की पटरियों में बैठकर जहाँ 12 बजे से 4 बजे तक रेल सेवाओं को बाधित रखा वही रेल में बैठे यात्रियों को फल,फूल चाय दूध बांटकर इतिहास में आज तक हुए आंदोलनों से हटकर एक नई मिशाल रच दिया। उक्ताशय की बात अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन के मीडिया प्रभारी राजेश पटेल ने गुरूवार को कही है।
मीडिया प्रभारी ने कहा कि किसानों के आंदोलन के चेहरा बने राकेश टिकैत के आह्वान अपील पर गुरूवार को किसानों ने उनके परिपालन में रेल रोकी व यात्रियों को स्वल्पाहार भोजन पौष्टिक आहार के साथ यात्रियों से विलंब के लिए क्षमा याचना की यात्रियों ने भी मंत्रमुग्ध होकर किसानों की मांगो का समर्थन करते हुए हर्ष के साथ आंदोलनरत किसान भाइयों को शुभकामनाएं व्यक्त करते नजर आए।
बताया कि गुरूवार को सिवनी में बर्षा के कारण आंदोलनकारियों ने मानव निर्मित श्रखंला की रेल बनाकर नही रोक पाए। वही बर्षा के बाबजूद भी आंदोलन चलते रहा। गाजीपुर बॉर्डर में सेवा दे रहे 1 दर्जन से अधिक साथियों के नेतृत्व कर रहे सुरेंद्र सनोडिया ने उन्हें बताया कि गाजीपुर वार्डर में विगत दिनों से इंटरनेट काम नही कर रहा है वहाँ उपस्थित किसानों के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई बाधित हो रही है। किसान नेता पूरे देश मे किसान महापंचायत में लग गए है।


हिन्दुस्थान संवाद

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