प्रदेश में तेजी से सामान्य हो रही है ऑक्सीजन की सप्लाई : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ की बैठक
भोपाल, 17 अप्रैल।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शुक्रवार को हमें 350 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली, जबकि खपत 335 मीट्रिक टन हुई है। ऑक्सीजन की सप्लाई अब प्रदेश में तेजी से सामान्य हो रही है। स्थानीय तौर पर व्यवस्था कर जिलों में 1,293 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स लगाए जा चुके हैं। केन्द्र सरकार से 20 अप्रैल तक 445 मीट्रिक टन, 25 अप्रैल तक 565 मीट्रिक टन और 30 अप्रैल को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति पर सहमति प्राप्त हो गई है। ऑक्सीजन की इतनी मात्रा अप्रैल अंत तक अनुमानित मरीजों के लिए पर्याप्त होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। कोरोना-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सुबह से फोन पर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
केन्द्रीय मंत्रियों से निरंतर संपर्क और जिलों पर निगरानी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन, इंजेक्शन और अन्य सुविधाओं के पूर्ति के लिए केन्द्रीय मंत्रियों सहित व्यवस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण सभी व्यक्तियों से वे निरंतर फोन पर संपर्क में हैं। जिला स्तर पर आवश्यक सुविधाओं और व्यवस्थाओं के लिए जिला अधिकारियों से संवाद जारी है।
अब तक 42 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन प्राप्त, आज और मिलेंगे 9,788
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अब तक 42 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की शासकीय सप्लाई आ चुकी है। आज शनिवार को 9,788 इंजेक्शन और प्राप्त हो रहे हैं। 50 हजार इंजेक्शन की सप्लाई का आर्डर दिया गया है, जिसकी शीघ्र ही डिलीवरी प्राप्त होगी।
40 हजार 276 बिस्तर उपलब्ध, निरतंर बढ़ रही है संख्या
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बिस्तरों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। शासकीय और निजी अस्पतालों में 14 अप्रैल को कुल 37 हजार 719 बिस्तर उपलब्ध थे, जो अब बढ़कर 40 हजार 276 हो गए हैं। प्रदेश के 50 जिलों में 109 कोविड केयर सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं, जिनमें 6 हजार 153 बिस्तर उपलब्ध हैं। भोपाल में प्रशासन अकादमी में 150, हमीदिया अस्पताल में 300, चिरायु अस्पताल में 300 और एम्स में 500 बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है। इस क्रम में कल छतरपुर में 58 बिस्तर के नर्मदा – अपना हास्पिटल का शुभारंभ हुआ है।
हिन्दुस्थान संवाद
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