पेंच वालेःशेर खान और मोगली की धरती से वास्तविक कहानियां को लेकर कहानी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन

प्रोजेक्ट टाइगर और टाइगर संरक्षण के 50 साल पूरे होने पर पेंच वालेःशेर खान और मोगली की धरती से वास्तविक कहानियां को लेकर कहानी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन

सिवनी, 01 अप्रैल। पेंच टाइगर रिजर्व और एमपी टाइगर फाउंडेशन सोसाइटी द्वारा प्रोजेक्ट टाइगर और टाइगर संरक्षण के 50 साल पूरे होने पर पेंच वालेःशेर खान और मोगली की धरती से वास्तविक कहानियां को लेकर कहानी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। जिसमें प्रतियोगी पेंच के वन रक्षकों के साथ चर्चा करने के लिए समय बिताएंगे और फिर वन रक्षकों के जंगल के वास्तविक अनुभवों को कहानी के रूप में प्रस्तुत करेंगे। इस कहानी लेखन प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागियों की घोषणा अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई 2023 को होगी।


पेंच टाईगर रिजर्व के उपसंचालक रजनीश सिंह ने हिस को बताया कि प्रोजेक्ट टाइगर और टाइगर संरक्षण के 50 वर्ष पूरे होने पर पेंच टाइगर रिजर्व और एमपी टाइगर फाउंडेशन सोसाइटी द्वारा पेंच वालेः शेरखान और मोगली की धरती से वास्तविक कहानिया को लेकर कहानी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है यह प्रतियोगिता अंग्रेजी और हिन्दी दोनो भाषाओं में होगी। जिसमें प्रतियोगी पेंच के वन रक्षकों के साथ चर्चा करने के लिए समय बिताएंगे और फिर वन रक्षकों के जंगल के वास्तविक अनुभवों को कहानी के रूप में प्रस्तुत करेंगे।
आगे बताया गया कि इस प्रतियोगिता का पंजीकरण 01 अप्रैल 2023 से प्रांरभ हो गया है जिसकी अंतिम तिथि 30 अप्रैल 23 है। विस्तृत नियमों एवं दिशा निर्देशों के लिए भाग लेने वाली प्रतिभागी पेंच टाईगर रिजर्व के सोशल मीडिया फेसबुक पेज में दी गई जानकारी के अनुसार पर पंजीकरण कर सकते है।

भाग लेने के लिए, उपरोक्त लिंक https://bit.ly/penchstorywriting का उपयोग करके पंजीकरण करें या

क्यूआर कोड स्कैन करें। प्रतियोगिता, इसके नियमों और दिशानिर्देशों के विवरण के लिए https://bit.ly/penchstoryrules लिंक पर जाएँ।

केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण,सदस्य सचिव, एवं भारतीय वन सेवा अधिकारी सजंय शुक्ला के अनुसार भारत में बाघ संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 1 अप्रैल 1973 को शुरू किए गए प्रोजेक्ट टाइगर को आज 50 साल पूरे हो गए हैं। पिछले वर्षों में, यह पहल बाघों को विलुप्त होने से बचाने में महत्वपूर्ण रही है और व्यापक रूप से विश्व स्तर पर सबसे सफल संरक्षण प्रयासों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त की गई है।


उल्लेखनीय बात है कि परियोजना की शुरुआत में केवल 9 बाघ रिजर्व से संख्या भारत के 18 बाघ रेंज राज्यों में 53 हो गई है। देश में टाइगर रिजर्व का बढा हुआ कवरेज कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 2.23 प्रतिशत है जो दुनिया में एक अद्वितीय उपलब्धि है।
उल्लेखनीय बात यह है कि परियोजना की शुरुआत में मात्र 9 टाइगर रिजर्व से भारत के 18 टाइगर रेंज राज्यों में चुपके से संख्या बढ़कर 53 हो गई है। देश में टाइगर रिज़र्व का बढ़ा हुआ कवरेज कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 2.23ः है जो दुनिया में एक अद्वितीय उपलब्धि है।
बंगाल टाइगर (पेंथेरा टाइग्रिस), भारत का राष्ट्रीय पशु एक करिश्माई जंगली प्रजाति है, जो देश का मूल निवासी है। एक छाता प्रजाति के रूप में अपने दृश्य आकर्षण और असमान स्थिति के बावजूद, यह 1972 में विलुप्त होने के कगार पर था, जिसमें राष्ट्रीय संख्या पहले के शानदार 40,000 से 1872 व्यक्तियों के सर्वकालिक निचले स्तर तक गिर गई थी। भारत सरकार द्वारा प्रोजेक्ट टाइगर के माध्यम से जनसंख्या की रक्षा के लिए एक नई आशा का संचार किया गया था।

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