सिवनीः जिंदल हॉस्पिटल में कवरेज के दौरान वरिष्ठ पत्रकार पर हमला, संचालक सहित 3 पर एफआईआर
सिवनी, 28 दिसंबर। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के भैरोगंज स्थित जिंदल हॉस्पिटल में पत्रकारिता पर सीधा हमला सामने आया है। रविवार को कवरेज के दौरान यहां एक वरिष्ठ पत्रकार के साथ मारपीट, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी दी गई। पीड़ित पत्रकार की शिकायत पर पुलिस ने अस्पताल संचालक सहित कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है।

पुलिस के अनुसार, यह घटना रविवार सुबह लगभग 10 बजे की है। जिंदल हॉस्पिटल में एक मरीज की मृत्यु के बाद शव सौंपे जाने को लेकर परिजनों और अस्पताल प्रबंधन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई थी। इसी सूचना पर पत्रकार मौके पर कवरेज के लिए पहुंचे थे।
शिकायत के मुताबिक, कवरेज के दौरान अस्पताल कर्मचारी विशाल दुबे ने पत्रकार पर कैमरा बंद करने का दबाव बनाया। जब पत्रकार ने इसका विरोध किया तो विवाद बढ़ गया। आरोप है कि कुछ ही देर बाद अस्पताल संचालक सुनील अग्रवाल मौके पर पहुंचे और पत्रकार के साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट की।
एफआईआर में उल्लेख है कि पत्रकार के साथ हाथापाई की गई, कैमरा स्टैंड और माइक को क्षतिग्रस्त किया गया तथा उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। मौके पर मौजूद अन्य कर्मचारियों द्वारा भी गंभीर आपराधिक धमकी दिए जाने का आरोप है।
घटना के बाद पीड़ित पत्रकार थाने पहुंचे, जहां उनकी शिकायत पर सुनील अग्रवाल, विशाल दुबे एवं यशवंत उपाध्याय के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धाराओं 296(बी), 115(2), 351(2), 324(4) एवं 3(5) के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और साक्ष्यों के आधार पर आगे की वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
इधर, इस घटना को लेकर जिले के पत्रकारों में भारी आक्रोश है। पत्रकार संगठनों ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई एवं पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स में कहा कि आष्टा में पत्रकार प्रमोद शर्मा और कैमरा मैन पर पुलिस की कथित मारपीट और सिवनी जिंदल हॉस्पिटल में पत्रकार सतीश मिश्रा से अस्पताल संचालक द्वारा मारपीट व कैमरा तोडने की घटना -ये घटनाएं बताती है कि मध्यप्रदेश में सच दिखाने वालो पर हमले बढते जा रहे है। जब प़त्रकारों को लाठियों और धमकियों से चुप कराने की कोशिश हो , तो यह प्रेस की आजादी और लोकतंत्र पर सीधा हमला है। मै इन घटनाओं की कडे शब्दों में निंदा करता हूं और मांग करता हूं कि दोषियों पर तत्काल , संख्त कार्रवाइ्र हो ओर पत्रकारो की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
