seoni news : कोरोना काल में माताजी को खोया फिर भी कार्य पर उपस्थित हुई श्रीमति तुलसी गुरूंग

सिवनी, 07 जून। जिला चिकित्सालय में पदस्थ प्रभारी इंचार्ज, महिला ओपीडी में कार्य करने वाली श्रीमति तुलसी गुरूंग ओपीडी में कार्य करने के दौरान कोरोना से संक्रमित हुई और यह संक्रमण उनके परिवार में भी फैल गया जिससे उनकी माता की मृत्यु हुई और पति के कोरोना संक्रमित होने के बाद स्वस्थ होने के बाद वह पुनः अपने कार्य पर उपस्थित हो गई।


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.के.सी.मेशराम ने बताया कि श्रीमति तुलसी गुरूंग जिला चिकित्सालय सिवनी में विगत 30 वर्षो से पदस्थ है। तथा वर्तमान में प्रभारी इंचार्ज, महिला ओपीडी का कार्य देख रही है। महिला ओपीडी में आने वाली समस्त गर्भवती, दूध पिलाने वाली माताएं एवं अन्य महिलाओं की डॉक्टरों के द्वारा उपचार पश्चात समस्त जांच एवं औषधि वितरण संबंधी कार्य इनकी देखरेख में संपादित किया जाता है। एवं परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत अस्थाई साधन जैसे- इंटरवल आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी का फॉलोअप, अंतरा इंजेक्शन आदि कार्यो में इनकी भूमिका महत्वूपर्ण रहती है। साथ ही ओपीडी में आई महिलाओं को परिवार नियोजन, पौष्टिक आहार, स्वच्छत तथा गंभीर बीमारियों के बारे में काउन्सलिंग की जाती है। महिला ओपीडी सुबह से शाम तक संचालित होती है जिसमें बाहर से आने वाली समस्त महिलाओं को सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है।
श्रीमति तुलसी गुरूंग ने बताया कि कोविड महामारी के दौरान महिला आपीडी में कार्य करते हुए मैं स्वयं कोरोना से संक्रमित हो गई थी। धीरे-धीरे यह संक्रमण मेरे घर में भी फैल गया था जिसमें मेरी माताजी कोरोना पॉजिटिव हो गई। माताजी की हालत खराब होने लगी जिसके चलते उन्हे जिला चिकित्सालय के कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया था जहां उपचार के दौरान उनका दुखद निधन हो गया। माताजी का गम अभी मिटा भी नही था कि मेरे पति भी कोरोना से संक्रमित हो गए। ऐसी विषम परिस्थिति में मुझे तथा मेरे पति को कोविड आई.सी.यू. में भर्ती होकर उपचार कराना पड़ा। उस समय देखभाल करने के लिए कोई नही था तब मेरे बेटे ने हमारी बहुत अच्छे से देखभाल की। तथा कुछ दिनो पश्चात हम दोनो पूर्णतः स्वस्थ होकर वापस घर आ गए।

उन्होने बताया कि मैंने आत्मविश्वास नही खोया तथा संयम रखते हुए पुनः ड्यूटी ज्वाईन की। ऐसे समय में जब लोग कोविड पॉजिटिव होने के बाद ड्यूटी करने में घबरा रहे थे तब उन्होनें धैर्य और आत्मविश्वास के साथ पूरी निष्ठा से मरीजो की देखभाल की। मुझे ऐसा लगता है कि मैने कोविड के दोनो डोज लगवा लिए थे इसलिए मै जल्दी स्वस्थ हो गई। किंतु माताजी का हमारे बीच से चले जाना एक अपूर्णीय क्षति है।

हिन्दुस्थान संवाद

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