Seoni: प्राकृतिक खेती देसी गाय के गोबर व गौमूत्र पर आधारित-मोरिश नाथ
आत्मा योजनांतर्गत एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का आयोजन
सिवनी, 03 अगस्त। जिले के सिवनी विकासखण्ड में प्राकृतिक खेती पोर्टल पर पंजीकृत कृषकों एवं अन्य इच्छुक कृषको के लिये बुधवार को प्राकृतिक खेती पद्धति को सुनियोजित ढंग से अपनाने और बढावा देने के लिये आयोजित प्रशिक्षण में कृषि कल्याण एवं कृषि विकास विभाग एवं उप संचालक सह परियोजना संचालक आत्मा मोरिस नाथ ने कृषकों को बताया कि प्राकृतिक खेती कैसे खेती की लागत को कम कर सकती है, प्राकृतिक खेती देसी गाय के गोबर एवं गौमूत्र पर आधारित है।
प्राकृतिक खेती पद्धति को सुनियोजित ढंग से अपनाने और बढावा देने के लिये कृषि कल्याण एवं कृषि विकास विभाग द्वारा सतत रूप से प्रशिक्षण आयोजित किये जा रहे है।
मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर डॉ.राहुल हरिदास फटिंग द्वारा प्रदत्त निर्देशों के परिपालन में प्राकृतिक खेती पद्धति को सुनियोजित ढंग से अपनाने और बढावा देने के लिये जिले के सिवनी विकासखण्ड मे प्राकृतिक खेती पोर्टल पर पंजीकृत कृषकों एवं अन्य इच्छुक कृषको का बुधवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ।
उक्त कार्यक्रम में उप संचालक सह परियोजना संचालक आत्मा श्री मोरिस नाथ द्वारा कृषकों को बताया कि प्राकृतिक खेती कैसे खेती की लागत को कम कर सकती है, प्राकृतिक खेती देसी गाय के गोबर एवं गौमूत्र पर आधारित है। एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डा. निखिल सिंह द्वारा कृषको को जीवांमृत, घनजीवामृत, बीजामृत, नीमास्त्र आदि का उपयोग बताया। जवाहर लाल नेहरु कृषि विश्व विद्यालय के प्रमंडल सदस्य श्री ओम ठाकुर द्वारा बताया गया कि रासायनिक उर्वरको, कीटनाशको के उपयोग से किसानो की उत्पादन लागत बढ़ रही है। जो मानव स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। यदि किसान प्राकृतिक खेती करे तो लागत कम होने के साथ-साथ रसायन मुक्त उत्पादन प्राप्त होगा।
आत्मा योजना अंतर्गत आयोजित जीराशंकर धान प्रदर्शन एवं अन्य धान एवं सोयाबीन की फसल का भ्रमण एवं अवलोकन किया गया। जिसमे धान की फसल मे पीलापन का तुरत निदान बताया गया एवं सोयाबीन फसल मे वर्तमान मे पीला मोजिक रोग के नियंत्रण हेतु सलाह दी गई। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम मे जवाहर लाल नेहरु कृषि विश्व विद्यालय के प्रमंडल सदस्य श्री ओम ठाकुर, जिले के उप संचालक सह परियोजना संचालक आत्मा श्री मोरिस नाथ, कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डा. निखिल सिंह, अनुविभागीय कृषि अधिकारी प्रफुल्ल घोड़ेश्वर, श्रीमति निधि भावे बी.टी.एम. एवं कृषक भाई उपस्थित रहे।
उक्त आशय का प्रशिक्षण विकासखण्ड बरघाट एवं कुरई मे भी आयोजित किया गया। विकासखण्ड बरघाट मे नितिन कीर्ति गनवीर एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक जी.के.राणा उपस्थित रहे। विकासखण्ड कुरई मे उमाशंकर मेश्राम बी.टी.एम. आत्मा द्वारा कृषको को प्राकृतिक खेती की जानकारी दी गई।
हिन्दुस्थान संवाद