हिट एण्ड रन कानून के खिलाफ चालक-परिचालक हड़ताल पर , बस व ट्रकों के पहिये थमेंगे, होगा चक्काजाम

सिवनी 31 दिसंबर। केन्द्र सरकार द्वारा नये कानून के तहत लागू हुए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्रायवर हड़ताल पर चले गए हैं। भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन के मामलो ंमें दोषी ड्रायवर पर सात लाख रुपये तक का जुर्माना और दस साल तक कैद का प्रावधान है।
प्रायवेट बस एसोसिएशन के अध्यक्ष तेजबली सिंह ने रविवार बताया कि इस हड़ताल का आम आदमी पर सीधा असर देखने को मिलेगा. ट्रकों की हड़ताल होने से दूध, सब्जी और फलों की आवक नहीं होगी और कीमतों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा. वहीं पेट्रोल-डीजल की सप्लाई रुक जाएगी जिससे लोकल ट्रांसपोर्ट और आम लोगों को आवाजाही में दिक्कत होगी।
इस संबंध में चालक-परिचालक कल्याण संघ सिवनी के अध्यक्ष दीनू डहेरिया ने बताया कि ट्रक एवं सभी बस चालकों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है वैसे इस हड़ताल को लेकर किसी से जोर जबरदस्ती नहीं की गयी है मगर इस मामले को लेकर चालक- परिचालक एकजुट हैं।
तेजबली सिंह ने कहा है कि बस एवं ट्रकों के लिए नए प्रावधान को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हिट एण्ड रन के मामलों में कड़े कदम उठाने की जरुरत जरुर है. इस नए कानून के पीछे सरकार का इरादा अच्छा है लेकिन प्रस्तावित कानून में खामियाँ हैं, इस पर दोबारा सोचने की जरुरत है।
इस संबंध में उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान परिवहन क्षेत्र और ट्रक चालकों का है. इस समय वाहन चालकों की कमी भी है पर सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. ऐसे में लंबी सजा का प्रावधान के बाद अब ट्रक ड्रायवर नौकरी छोड़ने को मजबूर हो गये हैं.
गौरतलब है कि देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन का अभाव है ऐसे मामलों में जब कोई एक्सीडेंट होता है तो बिना किसी जाँच के बड़े वाहन चालक की गलती करार दी जाती है यह नहीं देखा जाता की गलती बड़े वाहन की है या छोटे वाहन की. दुर्घटना के दौरान ड्रायवर बचने के लिए नहीं भागता बल्कि बेकाबू भीड़ से खुद की जान बचाने के लिए भागता है. ऐसे में उस पर सजा का प्रावधान और जुर्माना लगाना ठीक नहीं है.
इनसेट
प्रायवेट बस आपरेटर संघ के अध्यक्ष तेजबली सिंह ने कहा है कि इस संबंध में यह कानून 01 अप्रैल से लागू होना है और नियम दोपहिया, चार पहिया वाहन से लेकर हर वाहन पर लागू होगा ऐसी स्थिति में इसका असर हर व्यक्ति पर पड़ेगा इस संबंध में केन्द्र सरकार से विचार-विमर्श एवं चर्चा जारी है. देखना यह है कि चर्चा के संतोषजनक नतीजे ना निकलने पर यह आंदोलन को गति दी जायेगी।

 

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