सिवनीः 11को एक दीप जलाकर दिव्य लोक, महाकाल लोक के लोकार्पण के साक्षी बने हम सभी-आलोक दुबे

धर्म अध्यात्म और आस्था की संरक्षक है प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकारें
सिवनी, 09 अक्टूबर। केंद्र और राज्य की सत्ता में भाजपा के आने के बाद राष्ट्र आधारभूत संरचनाओ के साथ सांस्कृतिक क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर रहा है। धार्मिक आस्था के केन्द्र और ऐतिहासिक महत्व वाले स्थानों को संरक्षित करने का काम प्रदेश और केन्द्र की सरकार द्वारा प्राथमिकता से किया जा रहा है । सरकार का यह कार्य हमारे गौरव की कीर्ति को बढाने के साथ पर्यटन को चार चाँद लगाने वाले सिद्ध होगा । निरंतर केंद्र की मोदी और राज्य की शिवराज सरकार जनहित राष्ट्रहित एवं संस्कृति हित के कार्य कर रही है। भारत की सांस्कृतिक विरासत को सहेजा कर संवर्धन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हमारे समृद्ध विरासत को सजोने के साथ स्थलों को पुनरस्थापित करने का भी गौरवशाली कार्य किया जा रहा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, केदारनाथ धाम,श्रीराम जन्मभूमि में सुंदर गगनचुम्बी मंदिर निर्माण,श्रीकृष्ण जन्मभूमि का सौंदर्यीकरण, सोमनाथ मंदिर प्रांगण का सौंदर्यीकरण एवं तीर्थ क्षेत्रो का कायाकल्प हो रहा है।


भाजपा जिला सह मीडिया प्रभारी मनोज मर्दन त्रिवेदी ने जानकारी देते हुये बताया है कि सौंदर्यीकरण एवं विकास के क्रम में देश के हृदय स्थल मध्यप्रदेश में स्थित महाकाल मंदिर प्रांगण का भी अपने दिव्य भव्य और ओजस्वी रूप में बनकर लोकार्पण के लिए तैयार है जो महाकाल लोक के नाम से जाना जाएगा । 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस दिव्य भव्य लोक का लोकार्पण करेंगे। आइए हम सभी इस स्वर्णिम अवसर को अद्भुत अविस्मरणीय यादगर बनाए।
भाजपा जिला अध्यक्ष आलोक दुबे एवं कार्यक्रम के जिला प्रभारी आनंद शर्मा एवं जिला सह प्रभारी दीपक नगपुरे ने सभी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि 11 अक्टूबर को हम सभी अपने पास के मंदिर जाए इस हेतु अपने मित्रों से भी आग्रह करें साथ ही मंदिर में हनुमान चालीसा,सुंदर कांड एवं रामायण पाठ का सामूहिक आयोजन करे। शाम को अपने घरों मे रंगोली बनाए एक दीपक जलाकर आदिशक्ति श्रीमहाकाल सरकार का स्मरण करे। इस दिव्य भव्य पल को अविस्मरणीय बनाना है। अवंतिका नगरी सज संवर रही है। हमें अपने घरों से ही दीपदान करना है। अतरू 1 दीपक महाकाल सरकार के नाम जलाकर अपनी चौखट में ,छत में या पूजा घर मे रखना है। हम सभी मिलकर सामूहिक रूप से घर के पास की मंदिर में भी 1-1 दीप जलाकर कार्यक्रम को दिव्य भव्य बनाकर महाकाल सरकार का आशीष प्राप्त कर सकते है।
महाकाल लोक का नजारा बिल्कुल देवलोक में बदल गया है। अब इस परिसर में शिव पुराण में मौजूद भोलेनाथ के अनेक रूपों की प्रतिमाएं देखने को मिलेंगी। इनके अलावा महाकाल लोक के भीतर सप्तर्षियों की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं जिनमें महर्षि कश्यप, महर्षि भारद्वाज, अत्रि, महर्षि गौतम, महर्षि विश्वामित्र, जमदग्नि और महर्षि वशिष्ठ की प्रतिमाएं हैं। नवनिर्मित महाकाल लोक भारत की सनातन संस्कृति की पौराणिकता और नूतनता का अद्भुत संगम है। इसकी भव्यता आज उज्जैन को स्वर्ग लोक में बदल रही है।
2019 में प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी
2019 में प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के नेतृत्व में इस प्रोजेक्ट का बजट दोगुने से भी अधिक कर किया जा चुका है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के कुशल नेतृत्व में ही सिंहस्थ-2016 में उज्जैन में विश्व स्तरीय अधो-संरचना का विकास किया गया था। अब उनके अथक प्रयासों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन से महाकाल लोक के माध्यम से उज्जैन को देश और दुनिया में नई पहचान मिल रही है। पहले चरण में हुए कार्याे को मानसरोवर, मध्यांचल,त्रिवेणी मंडपम,कमल सरोवर,सांध्य वाटिका,त्रिपथ एवं भैरव मंडपम, अवंतिका कनक श्रृंगा नाम से जाना जाएगा। महाकाल के आंगन में छोटे एवं बड़े रूद्र सागर, हरसिद्धि मन्दिर, चार धाम मन्दिर, विक्रम टीला आदि का विकास किया गया है। महाकाल मंदिर प्रांगण में हुआ नवनिर्माण सबका ध्यान अनायास ही खींच रहा है जिसका निर्माण संस्कृत के महाकवि कालिदास के महाकाव्य मेघदूत में महाकाल वन के वर्णन और चित्रण के आधार पर किया गया है। इन सबके अलावा मंदिर परिसर कार, बाइक पार्किंग सुविधाओं का विकास भी किया गया है, जिनमें एक समय में कई वाहनों को पार्क किया जा सकता है। यहां पर पद यात्रियों के लिए मार्ग बनाया गया है। इसमें 25 फीट ऊंची एवं 500 मीटर लंबी म्युरल वॉल बनाई गई है। शिव स्तंभ, शिव की मूर्तियां अलौकिक छटा बिखेर रहे हैं। यहां पर मानसरोवर,मध्यांचल, कमल सरोवर, त्रिवेणी मंडपम, सांध्य वाटिका,अवंतिका,कनक श्रृंगी, फ्रंट एरिया और ई-रिक्शा एवं आकस्मिक वाहनों के लिए मार्ग भी बनाए गए हैं। बड़े रूद्र सागर की झील में साफ पानी भरा गया है। महाकाल थीम पार्क में महाकाल की कथाओं से युक्त म्यूरल वॉल, सप्त सागर के लिए डैक एरिया एवं उसके नीचे शॉपिंग और बैठक क्षेत्र सुविधाएं विकसित की गई हैं। इसी तरह त्रिवेणी संग्रहालय के समीप कार, बस और दोपहिया वाहन की मल्टीलेवल पार्किंग बन चुकी है। इस क्षेत्र में धर्मशाला एवं अन्न क्षेत्र भी हैं। रोड क्रॉसिंग के जरिए अब बेहतर कनेक्टिविटी विकसित की गई है। मध्यांचल में पूजन सामग्री की दुकानें, फूड कोर्ट, लेक व्यू रेस्टोरेंट, लेक फ्रंट डेवलपमेंट, जन-सुविधाएं और टॉवर सहित निगरानी एवं नियंत्रण केन्द्र की स्थापना भी की गई है, जो इस परिसर के बदलते रूप की कहानी को बयां कर रहा है।
पहले मंदिर का परिसर 2.2 हेक्टेयर था, लेकिन अब नवनिर्मित परिसर लगभग 20 हेक्टेयर से भी अधिक का हो गया है। अब महाकाल मंदिर का परिसर इतना बड़ा हो चुका है कि लाखों श्रद्धालु एक साथ दर्शन कर सकते हैं। महाकाल लोक के निर्माण से भगवान शिव की जिन कथाओं का महाभारत, वेदों तथा स्कंद पुराण के अवंती खंड में उल्लेख है, वे कथाएं अब धर्मनगरी उज्जैन में जीवंत हो उठेंगी। साथ ही देश और दुनिया से महाकाल का दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचेंगे, जिससे उज्जैन शहर में पर्यटन नई ऊंचाइयों पर होगा। महाकाल लोक, विकास योजना के दूसरे चरण श्श् में महाराजवाड़ा परिसर का विकास किया जाएगा। इस चरण के कार्य वर्ष 2023-24 में पूर्ण होंगे। इसमें ऐतिहासिक महाराजवाड़ा भवन का हैरिटेज के रूप में फिर से उपयोग, पुराने अवशेषों का समावेश कर भवन का आंशिक उपयोग कुंभ संग्रहालय के रूप में करते हुए इस परिसर का महाकाल मन्दिर परिसर से एकीकरण किया जाएगा। स्थानीय कला एवं संस्कृति को दर्शाते हुए सांस्कृतिक हाट का भी यहां निर्माण होगा। रामघाट फसाड ट्रीटमेंट के घटक में रामघाट की ओर जाने वाले पैदल मार्ग का कायाकल्प, फेरी एवं ठेला व्यवसायियों के लिए अलग व्यवस्था, वास्तु कलात्मक तत्वों के प्रयोग द्वारा गलियों का सौन्दर्यीकरण, रामघाट पर सिंहस्थ थीम आधारित डायनेमिक लाइट शो किया जाएगा। पार्किंग, धर्मशाला, प्रवचन हॉल एवं अन्न क्षेत्र का भी निर्माण होगा।
छोटा रूद्र सागर लेक फ्रंट विकास योजना में लैंडस्केपिंग सहित मनोरंजन केंद्र, वैदिक वाटिका एवं योग केन्द्र, मंत्रध्वनि स्थल एवं पार्किंग का विकास भी सरकार की प्राथमिकताओं में है। रूद्र सागर को क्षिप्रा नदी से जोड़ा जाएगा। हरि फाटक ओवर ब्रिज की चारों भुजाओं को चौड़ा किया जाएगा और जयसिंहपुरा के समीप रेलवे अंडरपास बनाया जाएगा। महाकालेश्वर थाने के पास स्थित महाकाल द्वार का संरक्षण किया जाएगा और यहां हेरिटेज कॉरिडोर विकसित होगा। इसी तरह बेगमबाग क्षेत्र का विकास एवं सौन्दर्यीकरण भी होगा। रूद्र सागर पर 210 मीटर लम्बा पैदल पुल बनाया जाएगा, जो पीएचई की पानी की टंकी से महाकाल थीम पार्क को जोड़ेगा। इस चरण में महाकाल मन्दिर परिसर के आगे के भाग का लगभग 70 मीटर तक विस्तार किया जाएगा। इस क्षेत्र में बैठने का स्थान, लैंडस्केपिंग एवं पैदल मार्ग भी प्रस्तावित हैं।
11 अक्टूबर को समस्त जनताजनार्दन से एक दीप जलाने की अपील
इस प्रकार महाकाल लोक की निराली महिमा यहां के कण-कण में समायी हुई है। उज्जयिनी, अवंतिका, कनकशृंगा, प्रतिकल्पा, विशाला और अवन्ति आदि नामों से पूजनीय महाकाल की नगरी का स्मरण अक्षय फल प्रदान करने वाला है।
भाजपा की समस्त जिला कार्यकारणी, समस्त मोर्चाे के जिला अध्यक्ष, प्रकोष्ठों एवं मंडलों के अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों ने समस्त जिले के कार्यकर्ता श्रद्धालु बंधु भगिनी से आग्रह किया है कि 11 अक्टूबर को सभी लोग एक दीपक धर्म अध्यात्म और आस्था के नाम पर जरूर जलाएं ।
हिन्दुस्थान संवाद

follow hindusthan samvad on :