Seoni: सभी गर्भवती माताएं गर्भावस्था के दौरान 4 अनिवार्य जांच अवश्य करायें
सिवनी, 26 जुलाई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि प्रत्येक गर्भवती माता की गर्भावस्था के दौरान 4 अनिवार्य जांच की जाती है जिसमें प्रथम जांच- गर्भावस्था के प्रथम तिमाही 12 सप्ताह के अंदर, द्वितीय जांच- द्वितीय तिमाही 14 से 16 सप्ताह के अंदर, तृतीय जांच- गर्भावस्था के 24 से 28 सप्ताह के अंदर तथा चतुर्थ जांच 32 से 34 सप्ताह के अंदर की जाती है।
यदि किसी गर्भवती माता को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी या खतरे के निम्न लक्षण दिख रहे हो जिसमें खून की कमी (हीमोग्लोबिन 7 ग्राम से कम), शरीर पर सूजन (टोक्सीमिया), खून का गिरना/ रक्तसत्राव, 40 किलो ग्राम से कम वजन, ज्यादा बड़ा पेट/ अधिक वजन 60 किलोग्राम से अधिक, टेढ़ा या उल्टा बच्चा, बच्चे का न घूमना, ब्लड प्रेशर 140/90 से ज्यादा, पेशाब में एल्बुमिन व शुगर, लम्बाई 15.4 सेमी से कम, उम्र 18 साल से कम 35 साल से ज्यादा, पूर्व में प्रसव के समय बहुत ज्यादा खून बहना, पूर्व में प्रसव ऑपरेशन के द्वारा हुआ हो, चार से अधिक बार गर्भधारण किया गया, दो या अधिक गर्भस्थ शिशु, हृदय रोग, मधुमेह, पूर्व में जन्मजात विकृति वाला बच्चा, मलेरिया या पीलिया से पीडि़त होना।
उपरोक्त चिन्ह वाले खतरे की गर्भवती महिलाओं को तत्काल निकट स्वास्थ्य संस्था में ले जाकर नि:शुल्क जांच अवश्य कराएं जिससे मां एवं बच्चा दोनो स्वस्थ् रहे। सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में गर्भवती माताओं की जांच एवं प्रसव नि:शुल्क् कराये जाते है इसलिए प्रत्येक गर्भवती माता का प्रसव अनिवार्य रूप से अस्पताल में करायें और शासन की अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ उठायें।
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