Seoni: दुराचार एवं हत्या का आरोपित आजीवन कारावास की सजा से दंडित

सिवनी, 14 दिसंबर। जिला न्यायालय के चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश की न्यायालय ने बुधवार को थाना कान्हीवाडा में वर्ष 2017 में दर्ज एक दुराचार एवं हत्या के मामले में आरोपित को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।


अभियोजन अधिकारी एवं मीडिया सेल प्रभारी प्रदीप कुमार भौरे ने बुधवार की शाम को जानकारी दी कि आरोपित और मृतिका का ग्राम एक ही है इसलिए उनका नाम नही दिया जा रहा है। जिले के कान्हीवाडा थाने में मृतिका के पति ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 07 अप्रैल 2017 को उसकी पत्नी का शव बाडी के पीछे घूडे में मिला है। जिस पर पुलिस ने मर्ग कायम कर शव पंचनामा कार्यवाही करने के बाद मृतिका के शव का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों द्वारा मृतिका की मृत्यु, गला घोटने से होना लेख किया गया। जिस पर पुलिस ने अज्ञात आरोपित के विरूद्ध भादवि की धारा 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया। विवेचना के दौरान शंका के आधार पर एक व्यक्ति को को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई जहां उसने अपने मेमोरेण्डम कथन में बताया कि 06 अप्रैल 17 की रात्रि में वह मृतिका के घर टीवी देखने गया था इस दौरान अकेला पाकर उसने मृतिका के साथ जोर-जबरदस्ती की जिस पर मृतिका द्वारा चिल्लाने पर उसने मृतिका को जमीन पर पटका जिस पर मृतिका ने उसके हाथ दांत से काटे ओर घटना की जानकारी बताने पर गुस्से में आरोपित ने मृतिका को सुरिया से मारा और गला दबाकर हत्या कर मृतिका के शव को मृतिका की बाड़ी में रख दिया। जिस पर पुलिस ने आरोपित के कब्जे से घटना में उपयोग किया सुरिया जब्त कर आरोपित को गिरफ्तार कर उसका मुलाहिजा कराया मृतिका की वैजाइनल स्लाइड एवं अभियुक्त की सीमेन स्लाइड परीक्षण हेतु क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला, जबलपुर भेजे जाने पर धनात्मक रिपोर्ट प्राप्त होने पर आरोपित का रक्त नमूना सुरक्षित कर वैजाइनल स्लाईड से डी.एन.ए. मिलान हेतु ड्राफ्ट तैयार कर एफ.एस.एल. सागर भेजा गया, प्रकरण की संपूर्ण सी.डी., फोटोग्राफ तैयार किये गये, प्रकरण में पटवारी नक्शा प्राप्त किया गया।
आगे बताया गया कि आरोपित के विरूद्ध भादवि की धारा 302, 201, 376 का अपराध पाये जाने पर अभियोग पत्र चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश की न्यायालय में बुधवार को प्रस्तुत किया गया। जिसमें अभियोजन के तर्को के आधार पर चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश की न्यायालय ने आरोपित को दोषी पाते हुए भादवि की धारा 302 में आजीवन कारावास एवं 1000 रूपये अर्थदंड, धारा 376 में 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये अर्थदंड, धारा 201 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये अर्थदंड से दंडित किया है।
हिन्दुस्थान संवाद

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