सिवनीः गिफ्ट अ डेस्क पहल से घंसौर में 1111 डेस्क-बेंच उपलब्ध, कलेक्टर संस्कृति जैन ने जताया आभार

गिफ्ट अ डेस्_क घंसौर कार्यक्रम 9

सिवनी, 28 अगस्‍त। जिले में संचालित गिफ्ट अ डेस्क पहल निरंतर नई मिसालें गढ़ रही है। समाज की सक्रिय भागीदारी से प्राथमिक शालाओं की तस्वीर बदलती दिखाई दे रही है। जिले के शासकीय प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के लिए सुविधाजनक डेस्क-बेंच उपलब्ध कराने हेतु बड़ी संख्या में दानदाता आगे आ रहे हैं। इसी कड़ी में घंसौर विकासखण्ड ने उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज करते हुए गुरूवार को कृषि उपज मंडी घंसौर मे भव्य समारोह आयोजित किया गया जिसमें 1111 डेस्क-बेंच स्कूलों को प्रदान की हैं। यह बात कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन ने कही।

200 और डेस्क देने की बनी सहमति
कलेक्टर की उपस्थिति में कार्यक्रम में शामिल विभिन्न दानदाताओं ने आगे बढ़कर लगभग 200 डेस्क और देने की सहमति जताई। इस प्रकार घंसौर में अब तक का सबसे बड़ा योगदान दर्ज हुआ है। इस पहल से न केवल बच्चों को पढ़ाई के लिए सुविधाजनक वातावरण मिलेगा बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
बच्चों के चेहरों पर दिखी खुशी
डेस्क-बेंच प्राप्त कर स्कूली बच्चे अत्यंत उत्साहित और प्रफुल्लित नजर आए। बच्चों ने खुशी जताते हुए कहा कि अब वे जमीन पर बैठने की बजाय आराम से डेस्क पर बैठकर पढ़ाई कर सकेंगे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे, अभिभावक और ग्रामीण उपस्थित थे।
जनप्रतिनिधियों और विभागों की सक्रिय भागीदारी
समारोह में जनपद अध्यक्ष सरिता उइके, उपाध्यक्ष राजेन्द्र नामदेव, जिला पंचायत सदस्य शिवांगी उइके, जनपद सदस्य लाकू मरकाम, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बिसन सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधि, सरपंच, सचिव संघ, पटवारी संघ, पुलिस विभाग, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जनशिक्षक, शासकीय अधिकारी-कर्मचारी, गणमान्य नागरिक और मीडिया प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद रहे। सभी ने अपनी इच्छानुसार आगे और डेस्क देने की सहमति प्रकट की। इस प्रकार सामूहिक सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र में घंसौर ने अनूठी मिसाल पेश की है।
कलेक्टर ने जताया आभार, दी बधाई
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन ने दानदाताओं एवं ग्रामीणों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि “गिफ्ट अ डेस्क पहल सम्पूर्ण जिले में बच्चों को सुगम शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। इस अभियान में जिलेवासियों का भरपूर सहयोग मिल रहा है और यह देखकर प्रसन्नता होती है कि समाज शिक्षा जैसे पवित्र कार्य के लिए एकजुट होकर आगे आ रहा है।”
उन्होंने कहा कि घंसौर जैसे दूरस्थ अंचल में 1111 डेस्क जुटाना ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह जिले का अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है और इसके लिए घंसौर की संपूर्ण प्रशासनिक टीम तथा समाज बधाई के पात्र हैं।

शिक्षा से ही बनेगा उज्ज्वल भविष्य

  कलेक्टर सुश्री जैन ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनाती है। यदि बच्चा बेहतर शिक्षा प्राप्त करेगा तो वह आगे चलकर जिले, प्रदेश और देश के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेगा। इसके लिए हम सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि ग्राम का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, हर बच्चा नियमित स्कूल जाए और शिक्षक समय पर पहुँचकर जिम्मेदारी से पढ़ाई कराऐं।

शिक्षकों को दिए महत्वपूर्ण निर्देश
कलेक्टर ने शिक्षकों को एफएलएन गतिविधियों का प्रभावी उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता का आंकलन कर कमजोर विषयों पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि प्रत्येक बच्चा सभी विषयों में संतुलित रूप से आगे बढ़ सके।

घंसौर को बनाऐं पहला मॉडल विकासखण्ड

  कलेक्टर ने उपस्थित जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों से अपेक्षा जताई कि गिफ्ट अ डेस्क पहल के अंतर्गत शत-प्रतिशत शालाओं में डेस्क-बेंच उपलब्ध कराने वाला पहला विकासखण्ड घंसौर बने। उन्होंने कहा कि यदि समाज और प्रशासन इसी तरह मिलकर कार्य करेंगे तो घंसौर जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश स्तर पर भी आदर्श उदाहरण बन जाएगा।

बच्चों ने किया भविष्य का संकल्प

  समारोह के अंत में उपस्थित बच्चों ने अपने बेहतर भविष्य की ओर कदम बढ़ाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि अब जब उन्हें पढ़ाई के लिए बेहतर सुविधा मिली है तो वे मेहनत से पढ़ाई कर अपने माता-पिता, गाँव और जिले का नाम रोशन करेंगे।

  कलेक्टर सुश्री जैन ने सभी दानदाताओं का अभिवादन कर उनके प्रयासों को प्रेरणादायी बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा में निवेश समाज का सबसे बड़ा दान है, क्योंकि इससे भविष्य की पीढ़ी मजबूत होती है।   

इस अवसर पर कृषि उपज मंडी घंसौर में गुरुवार को भव्य समारोह आयोजित किया गया। कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन इस विशेष अवसर पर घंसौर पहुँचीं और कार्यक्रम में शामिल होकर दानदाताओं, जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों का उत्साहवर्धन किया।