आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश: प्रदेश के 2 लाख परिवारों को खेती, उद्यानिकी फसलों के रोजगार से जोड़ा जायेगा

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बजट में 75 हजार हेक्टेयर ऊबड़-खाबड़, अनउपजाऊ भूमि को उपजाऊ बनायेंगे

बजट में किया गया प्रावधान – राज्य मंत्री श्री कुशवाह

भोपाल, 04मार्च। उद्यानिकी, खाद्य प्र-संस्करण (स्वतंत्र प्रभार) एवं नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री श्री भारत सिंह कुशवाह ने बताया कि उद्यानिकी विभाग के बजट में 75 हजार हेक्टेयर ऊबड़-खाबड़ एवं अनउपजाऊ भूमि को विकसित कर उपजाऊ बनाने का प्रोजेक्ट शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे लगभग 2 लाख परिवारों को खेती, उद्यानिकी फसलों के रोजगार से जोड़ा जायेगा। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की कार्य-योजना में कृषि क्षेत्र के अल्पकालीन कार्यक्रमों के तहत यह प्रोजेक्ट वर्ष 2021-22 के बजट में शामिल किया गया है। राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के अतिरिक्त उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग के लिये बजट में 698 करोड़ का मद वार प्रावधान कियागया है।

राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने बताया कि फलदार वृक्षों और औषधीय पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने, प्रमाणिक बीज पैकिंग पर होलोग्राम लगाने को अनिवार्य करने, छोटे अनाजों के मूल्य संवर्धन के लिये विशेष योजना को लागू करने आदि के कार्यों को भी बजट में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के तहत उद्यानिकी नर्सरियों का सुदृढ़ीकरण, टिश्यू कल्चर लैब सुविधा, कृषि और उद्यानिकी उत्पादों के जैविक प्रमाणीकरण प्रक्रिया के प्रोटोकॉल बनाने के कार्य को भी बजट में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि चिन्हित कृषि उपज मण्डियों में फल, सब्जियों की सफाई, ग्रेडिंग, पैकेजिंग और कोल्ड-स्टोरेज सुविधाओं को बजट में लिया गया है।

राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने बजट में उद्यानिकी विभाग के लिये किये गये प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि एक जिला-एक उत्पाद कार्यक्रम में खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों को प्रोत्साहित करने के साथ प्र-संस्कृत तैयार उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने की कार्य-योजना को भी लिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही उद्यानिकी किसानों की सुविधा के लिये खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों के साथ-साथ कोल्ड-स्टोरेज की सुविधा भी मण्डियों और किसानों के खेतों तक उपलब्ध कराने की कार्य-योजना को बजट में शामिल किया गया है।

हिन्दुस्थान संवाद

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