एक जनवरी के बाद प्रदेश लौट रहे प्रवासी श्रमिकों का पंजीयन किया जाए
श्रम विभाग ने समस्त कलेक्टर्स को जारी किये निर्देश
भोपाल, 01 फरवरी। मध्यप्रदेश के मूल निवासी प्रवासी श्रमिक, जो एक जनवरी 2022 को या उसके बाद मध्यप्रदेश लौट रहे हैं, का प्रवासी श्रमिक पोर्टल एवं रोजगार सेतु पोर्टल पर अनिवार्य रूप से पंजीयन किया जाए। श्रम विभाग ने इस संबंध में समस्त कलेक्टर्स को निर्देश जारी किये हैं। पूर्व में एक अप्रैल 2021 या उसके बाद मध्यप्रदेश लौटे प्रवासी श्रमिकों के पंजीयन के संबंध में विभाग द्वारा निर्देश जारी किये गये थे।
प्रदेश में कोविड-19 की विपरीत परिस्थितियों के कारण मध्यप्रदेश के मूल निवासी श्रमिक, जो दूसरे राज्यों में नियोजित थे, मध्यप्रदेश वापस लौट रहे हैं या राज्य के अन्दर अन्य जिलों से लौट रहे हैं। इन सभी को शासन की विभिन्न योजनाओं का पात्रतानुसार लाभ दिया जाना है। इसके लिये इनके सर्वे, सत्यापन तथा पंजीयन की कार्यवाही तत्काल प्रारंभ की जानी है।
यह कार्य ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिवों एवं ग्राम रोजगार सहायकों द्वारा तथा नगरीय क्षेत्रों में नगरीय निकाय के वार्ड प्रभारियों द्वारा किया जाएगा। प्रवासी श्रमिक, जो मध्यप्रदेश के मूल निवासी नहीं है, उन्हें सर्वे में शामिल नहीं किया जाएगा। ऐसे सभी मूल निवासी प्रवासी श्रमिकों का सर्वे किया जाएगा, जो मुख्यमंत्री जन-कल्याण योजना (संबल) अथवा मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल योजना में पंजीयन के लिये पात्रता रखते हैं। साथ ही अन्य राज्यों में कारखानों/उद्योगों में नियोजित म.प्र. के मूल निवासी श्रमिक, जो मध्यप्रदेश लौट रहे हैं, का भी सर्वे एवं सत्यापन किया जाएगा।
रोजगार सेतु पोर्टल URL “www.RojgarSetu.mp.gov.in” पर उपलब्ध है, जिसे मध्यप्रदेश रोजगार पोर्टल से भी जोड़ा गया है। इस पर सर्वे किये गये समस्त प्रवासी श्रमिकों की जानकारी उनके कौशल एवं निवास के जिले अनुसार उपलब्ध है। प्रवासी श्रमिकों में निर्माण श्रमिकों की 43, असंगठित श्रमिकों की 40 तथा कारखानों में नियोजित श्रमिकों की 9 श्रेणियाँ अंकित हैं। पोर्टल पर उन नियोजकों की भी जानकारी प्रदर्शित रहेगी, जिन्हें श्रमिक/मजदूरों की आवश्यकता है। प्रवासी श्रमिक इन नियोजकों से रोजगार के लिए पोर्टल पर दर्ज फोन अथवा ई-मेल से स्वयं भी संपर्क कर सकते हैं।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास द्वारा सर्वे में अंकित जिन प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा में रोजगार उपलब्ध कराया गया है, उन्हें रोजगार सेतु पोर्टल पर संबंधित ग्राम पंचायत सचिव/रोजगार सहायक द्वारा अंकित किये जाने की कार्यवाही की जाएगी। जिला स्तर पर प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिये कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित होगी, जो नियमित रूप से कार्य की समीक्षा करेगी।
कलेक्टर्स को निर्देश दिये गये हैं कि प्रवासी श्रमिकों संबंधी सर्वे, सत्यापन एवं पंजीयन कार्य कोविड प्रोटोकॉल का शत-प्रतिशत पालन करते हुए सुनिश्चित किया जाए। समस्त प्रवासी श्रमिकों के आयुष्मान कार्ड भी अनिवार्यत: बनाये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
असंगठित श्रमिकों की 40 श्रेणियाँ
साईकिल रिक्शा चालक, हाथठेला चालक, शहरी घरेलू कामकाजी महिला, हॉकर, फेरीवाले, कृषि कार्य, हम्माल एवं तुलावटी, बुनकर, केश शिल्पी, मत्स्य पालक, दुकान, रेस्टोरेंट व्यापार में संलग्न, परिवहन कार्य, मनरेगा कार्य, पत्थर तोड़ने तथा दलने वाले, पक्की ईंट तथा टाइल्स बनाने वाले, सिलाई करने वाले, सुगंधित तीलीयाँ एवं अगरबत्ती बनाने वाले, पापड़ अचार जेम्स आदि बनाने वाले, खिलौने बनाने वाले, चमड़े का शोधन करने वले, जूतू तथा कपड़े की वस्तु एवं मरम्मत कने वाले, साफ-सफाई तथा झाडू बहारू करने वाले, रैगपिकर्स, कढ़ाई, कढ़ाई की सजावट तथा वस्त्र बनाने मेंनियोजित, आटा तेल दाल तथा चावल मिल में नियोजित, प्राइवेट सुरक्षा सेवा, प्लास्टिक उद्योग, बर्तन बनाने वाले, लकड़ी का कार्य करने वाले, दरी तथा कारपेट बनाने वाले, आतिशबाजी तथा माचिस उद्योग, डब्बे तथा पैकिंग कार्य, कबाड़ी, दुग्ध उद्योग, वनोपज कार्य, रेशम उत्पादन, कपड़ो की रंगाई, रेत खदान मिट्टी खदान, लदाई, उतराई, ठेर लगाई, पैकिंग करने, वहन करने, तौलने, मापने में नियोजित, खदानों में नियोजित, खादी हाथकरघा तथा पॉवर लूप उद्योगों में तथा शिप्ली जैसे – बढ़ई, लोहार, गारा बनाने वाले कुम्हार आदि।
हिन्दुस्थान संवाद
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