नेशनल लोक अदालत शनिवार को
सिवनी,08 जुलाई। जिले में आगामी शनिवार 10 जुलाई को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला मुख्यालय सिवनी पर 11 खण्डपीठों, तहसील मुख्यालय लखनादौन पर 06 खण्डपीठों इस प्रकार कुल 17 खण्डपीठों का गठन किया गया है। लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण का निराकरण होने पर कोर्ट फीस की पूर्ण वापसी हो जाती है। न्यायालय प्रक्रिया में लगने वाले समय एवं धन की बचत तथा आपसी कटुता का अंत हो जाता है।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पी.के. शर्मा, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय सिवनी श्री संजीव श्रीवास्तव एवं अपर जिला न्यायाधीश, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चंद्रकिशोर बारपेटे के मार्गदर्शन में शनिवार 10 जुलाई को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन एवं न्यायालय में लंबित प्रकरणों को निराकरण किया जायेगा जिनमें चैक अनादरण, बैंक ऋण वसूली , श्रम विवाद, , बिजली एवं पानी बिल के राजीनामा योग्य विवाद, भरण-पोषण के मामले, अन्य (आपराधिक राजीनामा योग्य, वैवाहिक एवं अन्य सिविल विवाद) एवं न्यायालयों में लंबित प्रकरण जिनमें आपराधिक राजीनामा योग्य मामले, चैक अनादरण के मामले, बैंक ऋण वसूली के मामले, मोटरयान दुर्घटना के दावे, श्रम विवाद के मामले, बिजली एवं पानी बिल के राजीनामा योग्य विवाद के मामले, वैवाहिक विवाद (विवाह विच्छेद को छोड़कर) भूमि अधिग्रहण के मामले, सेवा संबंधी प्रकरण वेतन, भत्ते सेवानिवृति लाभ के अंतर्गत, राजस्व मामले (केवल जिला न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरण) अन्य सिविल प्रकरण (किराया, सुखाधिकार, निषेद्याज्ञा, विनिर्दिष्ट अनुतोष के मामले आदि) प्रीलिटिगेशन प्रकरणों के अंतर्गत नगरपालिका, नगरपरिषद, विद्युत विभाग, बी.एस.एन.एल और बैंकों के वसूली संबंधी प्रकरणों के निराकरण हेतु शासन द्वारा विभागों के माध्यम से नियमानुसार छूट देते हुए निराकरण किया जाएगा।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने आम जनता से अपील की है कि जिन लोगों के मामलें न्यायालय में चल रहे है, संबंधित न्यायालय में एवं अपने अधिवक्ता से संपर्क स्थापित कर राजीनामा योग्य प्रकरणों में समझौते के आधार पर प्रकरण का निराकरण करवा सकते है। साथ ही छोटे-मोटे आपसी विवाद एवं मतभेद वाले मामलें जिनकी शिकायत संबंधित विभाग एवं न्यायालय तक अभी नहीं पहुंचा पाये है, ऐसे व्यक्ति भी संबंधित विभाग या न्यायालय में प्री-लिटिगेशन के माध्यम से आवेदन दे सकते हैं।
हिन्दुस्थान संवाद