मशरूम मूल्य संवर्धन अतिरिक्त आय का साधन

सिवनी, 19फरवरी। मशरूम जो कि ढिंगरी या कुकुरमुत्ता नाम से भी जाना जाता है। जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिक व रोगरोधक भी होता है। कृषि विज्ञान केंद्र, सिवनी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ एन. के. सिंह के मार्गदर्शन मे विगत 18 फरवरी को कृषि विज्ञान केंद्र, सिवनी द्वारा घंसौर विकासखंड के ग्राम गोरखपुर में मशरूम प्रसंस्करण पर प्रशिक्षण को आयोजित किया गया। जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र, सिवनी के खाद्य विज्ञान विशेषज्ञ श्री जी. के. राणा द्वारा मशरूम उत्पादन, उत्पाद तथा प्रसंस्करण पर विस्तृत चर्चा की गई साथ ही स्व सहायता समूहो से शारदा (खूपदौन), जगदम्बा (गोरखपुर) एवं गंगोत्री (बगदरी) की महिलाओं तथा पुरूषों के सम्मुख मशरूम के पकोडे, खीर व अचार को बनाने की सामग्री व विधि के बारे में बताया एवं प्रशिक्षण स्थल पर उपरोक्त व्यंजन बनाकर जायका लिया गया साथ ही अन्य मूल्य संवर्धित पदार्थ, मशरूम सूप, मशरूम मुरब्बा, मशरूम पापड, मशरूम चूर्ण, मशरूम नूडल्स, मशरूम कोफता, मशरूम लड्डू, मशरूम कटलेट, आदि बनाने के बारे में भी बताया गया तथा स्वसहायता समूहों के माध्यम से इसे वृहद व्यापार रूप में ग्रहण कर आय सृजन करने का सुदृढ माध्यम बनाने की सलाह दी गई।

हिन्दुस्थान संवाद

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