म.प्र.: वन बल और समुदाय साथ खडे हो तो कोई भी प्रयास छोटा नही और कोई भी चुनौती बडी नही- रजनीश कुमार सिंह

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सिवनी, 30 जुलाई। पेंच टाईगर रिजर्व में यहां पर बच्चा-बच्चा बाघों को बचाने का प्रण लेता है और हर नौजवान एक बेहतर कल में कदम रख रहा है। पेंच टाईगर रिजर्व की टीम ने यह सिद्ध कर दिया है कि वन बल और समुदाय साथ खडे हो तो कोई भी प्रयास छोटा नही और कोई भी चुनौती बडी नही।

https://www.youtube.com/watch?v=I_ve5kItTQ4


बाघ बढ रहे है और इसमें हमारा मध्यप्रदेश सबसे आगे है बाघों के बढते कुनबे के साथ कुछ चुनौतिया भी आई है। खास तौर पर जंगल के आसपास जब इंसानी आबादी हो , इन्ही चुनौतियों को अवसर में बदला है एक नई सोच ने सोच जिसमें स्थानीय समुदाय उस एक चीज को बचाने के लिए जागरूक हो रहा है जो हमें जिंदा रखती है जंगल यह प्रयास ये पहल इस लक्ष्य के साथ कि हमारी विरासत ही हमारी प्रगति की लौ बने, अब यहा सुबह होती है सयाने मोगली की साइकिल से और शाम होते-होते बाघ चौपाल पर चर्चा।
पेंच के जंगलों में एक खूबसूरत बदलाव आकार ले रहा है। यह छोटी सी फ़िल्म आपको उस प्रेरणादायक सफर पर ले जाती है, जहाँ पेंच प्रबंधन सिर्फ बाघों की रक्षा नहीं कर रहा,बल्कि उनके सबसे क़रीबी रहने वाले लोगों के दिलों में सम्मान और भरोसा भी जगा रहा है।
जागरूकता अभियानों, आपसी संवाद और नवीन पहलों के ज़रिए यह संदेश दिया जा रहा है बाघ हमारे पड़ोसी, हमारे मित्र और हमारी साझी प्राकृतिक विरासत के प्रतीक हैं।
जब ग्रामीण डर की जगह गर्व से बाघों को देखने लगते हैं, तब एक ऐसा बंधन बनता है जो जंगलों की रक्षा करता है,आजीविका को सुरक्षित करता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बाघों की दहाड़ सुनिश्चित करता है।
देखिए यह 2 मिनट की सूक्ष्म रील पेंच टाइगर रिज़र्व से, जो बदलाव, साहस और सह-अस्तित्व की मिसाल है।