म.प्र.: लटेरी में हुई घटना के विरोध में वनकर्मियों ने सुरक्षा के लिए मिले शस्त्र को किये जमा

भोपाल, सिवनी, 16अगस्त। स्टेट फॉरेस्ट रेंज आफीसर्स (राजपत्रित) म.प्र. सहित अन्य वन कर्मचारी संगठनों ने मंगलवार को विदिशा जिले के लटेरी वन क्षेत्र में 09 अगस्त 22 को हुये घटनाक्रम में वन क्षेत्र में पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों पर हत्या का प्रकरण दर्ज कर जेल भेजे जाने की कार्यवाही का विरोध करते हुए शासन द्वारा आत्मरक्षा के लिए दिए गए आग्नेय शस्त्र (12 बोर बंदूक और 12 बोर पंप एक्शन गन और रिवाल्वर ) मध्यप्रदेश के 16 वन वृत्त के करीब 50 से ज्यादा वनमंडल कार्यालय में जमा कर विरोध जाहिर किया है। यह बात स्टेट फॉरेस्ट रेंज आफीसर्स (राजपत्रित) म.प्र. के संरक्षक व एसोसियेशन के वन वृत सिवनी के जिलाध्यक्ष अमित सोनी ने मंगलवार की दोपहर को कही है।


उन्होनें बताया कि सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी के अलावा दक्षिण-उत्तर सामान्य वनमंडल व अन्य वनमंडल कार्यालय में पदस्थ सभी अधिकारियों-कर्मचारियों ने मंगलवार को वनमंडल कार्यालय में अपनी बंदूक व अन्य आग्नेय शस्त्र जमा कर दिए हैं। अधिकारियों को दिए गए ज्ञापन में लटेरी में वन अधिकारियों पर की गई कार्यवाही पर विरोध जताया गया है।


वन क्षेत्र में जंगल की सुरक्षा के दौरान वन विभाग में लकड़ी तस्करों से वन अमले की हुई मुठभेड़ में हवाई फायर के दौरान एक अपराधी की मौत हो गई थी। इस मामले में वन अधिकारियों व वनकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर जेल अभिरक्षा में बिना मजिस्ट्रियल जांच के निरुद्ध कर दिया गया है। इस पक्षपात पूर्ण कार्रवाई का विरोध करते हुए सभी वन अधिकारियों-कर्मचारियों ने जिला स्तर से भोपाल मुख्यालय स्तर पर 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर उत्कृष्ट कार्याे के लिए मिलने वाले पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र लेने से इंकार कर दिया है। स्टेट फारेस्ट रेंज आफिसर्स (राजपत्रित) एसोसिएशन म.प्र. के आव्हान पर मंगलवार कोे मैदानी अमले को सुरक्षा के लिए प्रदाय किए गए सभी शासकीय हथियार भी अपने वनमंडल कार्यालय में जमा कर दिए गए हैं।
अमित सोनी ने बताया कि मध्यप्रदेश के 16 वन वृत्त के करीब 50 से ज्यादा वनमंडल के वन अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा प्रशस्ति पत्र के तौर पर मिलने वाले सम्मान का बहिष्कार करते हुए अपने हथियार कार्यालय में जमा कर दिए हैं।

स्टेट फॉरेस्ट रेंज आफीसर्स (राजपत्रित) म.प्र. के प्रवक्ता रूचि पटेल ने बताया कि बीते दिन 9 अगस्त 22 को विदिशा जिले के परिक्षेत्र लटेरी अंतर्गत बीट तिलोनी के कक्ष क्रमांक पी 387 वन अपराधी लकडी चोरी करते हुए पाये गये थे। इस दौरान वन अमले द्वारा की गई हवाई फायर में एक वन अपराधी की मौत हो गई थी जिसकी बिना जांच करते हुए पुलिस द्वारा वन कर्मियों पर अपराध दर्ज करते हुए जेल में निरूद्ध कर दिया गया है। वहीं वन अपराधों में लिप्त मृतक के परिजनों को 25 लाख रूपये की मुआवजा राशि दी गई है एवं सरकारी नौकरी देने को कहा गया है। जिसके विरोध में आज एसोसियेशन पूरे मध्यप्रदेश में स्थित वनमंडलों में वनकर्मी सुरक्षा के लिये मिले शस्त्रों को संबंधित वनमंडल में जमा कर सांकेतिक रूप से अपना विरोध प्रदर्शन कर रहा है। यदि हम अपनी आत्मरक्षार्थ में गिरफ्तार होते है प्राथमिकी दर्ज की जाती है तो वनकर्मी वन्यप्राणी और वनों की सुरक्षा कैसे कर पायेगें और जंगल कैसे बचा पायेगें। हमें जो आग्नेय शस्त्र मिले है उन्हें उपयोग करने का हमें कोई अधिकार नही दिये गये है। ऐसे हथियारों को हम सोपीस की तरह नही रखना चाहेगें। जिन्हें हम जमा करके सांकेतिक रूप से अपना विरोध प्रदर्शन कर लटेरी में हुये घटनाक्रम में वनकर्मियों को न्याय दिलाने के लिये मजिस्ट्रियल जांच की मांग की जा रही है।

स्टेट फॉरेस्ट रेंज आफीसर्स (राजपत्रित) म.प्र. के संरक्षक अमित सोनी ने बताया कि बीते 09 अगस्त 22 को विदिशा जिले के परिक्षेत्र लटेरी अंतर्गत बीट तिलोनी के कक्ष क्रमांक पी 387 में हुये घटनाक्रम में वन अमले को जेल में निरूद्ध किया गया है। इस घटनाक्रम के विरोध में मंगलवार को मध्यप्रदेश के सारे वनमंडलों में वनकर्मियों को आत्मसुरक्षा के लिये प्रदाय किये गये आग्नेय शस्त्रों को जमा किया जा रहा है। जब इन आग्नेय शस्त्र का सदउपयोग कर ही नही सकते है तो इनको रखकर क्या करेगें। ये खिलौने के तरह है जो हमारे पास रखे हुए है। जिन्हें हम जमा करके सांकेतिक रूप से अपना विरोध प्रदर्शन कर लटेरी में हुये घटनाक्रम में वनकर्मियों को न्याय दिलाने के लिये मजिस्ट्रियल जांच की मांग की जा रही है।


इस दौरान पेंच टाइगर रिजर्व , उत्तर सामान्य वनमंडल, दक्षिण सामान्य वनमंडल के समस्त वनक्षेत्रपाल, मैदानी अमला एवं वन कर्मचारी संगठन सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।


राज्य कर्मचारी संघ जिला सिवनी के वन प्रकोष्ठ के अध्यक्ष नरेश कुमार बघेल ने बताया कि बीते 09 अगस्त 22 को वन अमला विदिशा जिले के परिक्षेत्र लटेरी अंतर्गत बीट तिलोनी के कक्ष क्रमांक पी 387 पहुंचा जहां वन अमले का सामना मोटरसाइकिल में सवार 50-60 सागौन चोरों से हुआ। इस दौरान चोरो ने वन अमले को घेर कर हमला कर दिया। वन अमले ने आग्नेय शस्त्र का उपयोग आत्मरक्षा के लिए किया और हवाई फायर करते हुए अपनी जान बचाते हुए थाना लटेरी में जाकर शरण ली। जहां वन अमले प्राथमिकी दर्ज करने का निवेदन किया किंतु थाने में वन अमले की प्राथमिकी न लिखकर कहा गया गया कि तुम्हारे द्वारा गोली चलाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है और वन अमले पर बिना मजिस्ट्रियल जांच किये 302,307 का मामला दर्ज कर दिया गया। पुलिस की इस गतिविधि से वन अमला शक्ते में है उनका मनोबल पूरी तरह टूट चुका है और वह स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहा है। वहीं मृतक चैनसिंह और उसके साथी आदतन वन अपराधी है जिन पर लकडी चोरी के कई प्रकरण लंबित है। इसके बावजूद भी मृतक को 25 लाख रूपये की मुआवजा राशि और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की घोषणा से वन कर्मचारी हताश हुआ है।
राज्य कर्मचारी संघ ने मांग की है कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक को जब वन बल प्रमुख का दर्जा प्राप्त है तब उसी आधार पर उनके अधीनस्थ मैदानी वन कर्मचारियों को तत्काल वन बल घोषित किया जाये। आईपीसी के तहत वनक्षेत्रों में घटित समस्त अपराध को रोकने की शास्तियाँ शक्तियाँ प्रदान किया जाये। सच सामने आ सके इसलिए सन्दर्भित पत्रों और सीआरपीसी की धारा 197 के अनुसार गोली चलाने की घटना में वन कर्मचारियों के विरूद्ध की जाने वाली एफआईआर में गिरफतारी के पहले मजिस्ट्रियल जाँच करायी जाये। वर्तमान में इन पत्रों / नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। जिनका इसका पालन करने हेतु कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को तत्काल निर्देशित किया जाये।
हिन्दुस्थान संवाद

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