म.प्र.: विदेशी पर्यटकों को भाता है पेंच टाइगर रिजर्व का कोर क्षेत्र, 346672 भारतीय एवं 9874 विदेशी पर्यटकों ने उठाया लुफ्त
कोविड के बाद 346672 भारतीय एवं 9874 विदेशी पर्यटकों ने किया पेंच पार्क के वन्य प्राणियों के दीदार, विदेशी पर्यटकों को लुभा रहा कोर क्षेत्र
सिवनी, 04 जुलाई। विश्व विख्यात पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी में वन्य प्राणियों को देखने व प्रकृति का अनुभव करने के लिए देशी व विदेशी पर्यटकों का साल भर आना-जाना लगा रहता है और पार्क के भ्रमण के बाद आनंदमयी होकर नए-नए अनुभव के साथ वापिस होते है।
पेंच टाईगर रिजर्व के उपसंचालक रजनीश सिंह ने हिस को बताया कि बीते 18 माह में विश्वविख्यात पेंच नेशनल पार्क के कोर क्षेत्र में 206881 भारतीय पर्यटक एवं 9044 विदेशी पर्यटक तथा बफर क्षेत्र में 139791 भारतीय पर्यटक एवं 830 विदेशी पर्यटक कुल 346672 भारतीय पर्यटक एवं 9874 विदेशी पर्यटकों आए जिनका स्वागत पेंच पार्क प्रबंधन द्वारा किया गया। पेंच टाईगर रिजर्व अपनी विशेषताओं के कारण अन्य राज्यों से अलग और वन्यप्राणियों के लिए अलग पहचान बनाने के लिए उभरा है।
आंकड़ों पर नजर डाले तो प्रतिवर्ष माह मई व जून में सबसे ज्यादा देशी व विदेशी पर्यटक पेंच पार्क में आते है।
आगे बताया कि पेंच टाईगर रिजर्व अंतर्गत कोर क्षेत्रों में 01 अक्टूबर 2021 से लेकर 30 जून 2022 तक कुल 09 माहों में 107514 भारतीय पर्यटक और 1798 विदेशी पर्यटक आए है। इसी प्रकार 01 अक्टूबर 2022 से लेकर 30 जून 2023 तक कुल 09 माहों में 99367 भारतीय पर्यटक और 7246 विदेशी पर्यटको ने वन्यप्राणियों के दर्शन किए।
कोर क्षेत्र में बढ़ता रूझान
उल्लेखनीय है कि बीते 18 माहों मे पेंच टाईगर रिजर्व में विदेशी पर्यटकों का कोर क्षेत्रों में रूझान बढा है। जहां पर उन्होनें लेंटाना के क्षेत्र भी शाकाहारी एवं मांसाहारी वन्यप्राणियों के प्रमुख रहवास स्थल और पेंच नदी के क्षेत्र में भी प्राकृतिक गुफाएं को करीब से देखा है पेंच पार्क में मांसाहारी वन्यप्राणी में शेर, तेन्दुआ, जंगली बिल्ली, जंगली कुत्ते, लकड़बग्घा, सियार, लोमड़ी, भेड़िया, नेवला, सिवेट केट इत्यादि पाये जाते है। शाकाहारी प्रजातियों में गौर, नीलगाय, सांभर, चीतल, चौसिंगा, चिंकारा, जंगली सुअर इत्यादि को देखा और उनकी तस्वीरें को अपने कैमरे में कैद किया है।
पर्यटकों के लिए आकर्षण के केन्द्र
मध्यप्रदेश में वन विभाग के अंतर्गत मौजूद 6 टाइगर रिजर्व में से सबसे छोटा और विश्वविख्यात पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी जिले में मौजूद हैं। यह 1179.633 वर्ग किलोमीटर (एक लाख 17 हजार 963 हैक्टेयर) में फैला है।
टाइगर रिजर्व में लगभग 80 वयस्क बाघ और 24 शावक की मौजूदगी पर्यटकों को लुभा रही है। इन बाघों के अलावा यहाँ तेन्दुआ, काला तेन्दुआ, गौर, भालू, साभर, चीतल नीलगाय, भेड़की जंगली सुअर, सोन कुत्ता भेडिया, लंगूर, सेही, मोर आदि वन्य जीवों की उपलब्धता पर्यटकों को टाइगर क्षेत्र में आने के लिए बाध्य करती है। कर्माझिरी कोर, जमतरा कोर, टिकाड़ी कुभपानी बफर तेलिया बफर, रूखड़ बफर, अरी बफर का क्षेत्र पर्यटकों के लिए आकर्षण के केन्द्र है।
कोविड काल के बाद बढ़ा आंकडा
वही प्रदेश में कोरोना जैसी महामारी के बीच वर्ष 2020-21 में 97 हजार 631 पर्यटकों ने पेंच टाइगर रिजर्व में उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने 3.50 करोड़ रूपये भी शुल्क के रूप में अदा किए। इसके पहले वर्ष 2019-20 में सामान्य स्थिति में 71 हजार 339 पर्यटकों ने टाइगर क्षेत्र में अन्य जीवों को निहारने के लिए 2.46 करोड़ रूपये खर्च कर राज्य शासन की आय में अपना हिस्सा दिया।
पेंच टाइगर क्षेत्र अन्य टाइगर क्षेत्र की तुलना में भले ही छोटा हो किन्तु पिछले 2 वर्ष में पर्यटकों की आवा-जाही में बढ़ोत्तरी से इस क्षेत्र की महत्ता को जरूर रेखांकित करती है। 05 साल पहले पेंच टाइगर रिजर्व को बेहत्तर प्रबंधन के लिए संयुक्त रूप से प्रथम स्थान पर रहने का गौरव हासिल हुआ है।
पेंच टाईगर रिजर्व अंतर्गत बफर क्षेत्रों में जुलाई 2021 से लेकर जून 2022 तक 69813 भारतीय पर्यटक और 136 विदेशी पर्यटक तथा जुलाई 2022 से जून 2023 तक 69978 भारतीय पर्यटक और 694 विदेशी पर्यटकों ने पेंच के प्राकृतिक सौंदर्य सहित वन्यप्राणियों के दर्शन का लुप्त उठाया है। इस प्रकार 139791 भारतीय पर्यटक एवं 830 विदेशी पर्यटक यहां आए।
पेंच टाईगर रिजर्व के अधिकारियों की माने तो वर्ष 2012 में पर्यटकों के आने में भारी कमी आई थी वही इसके बाद कोविड काल में भी 2020 से 2022 तक भी पार्क क्षेत्र में पर्यटकों की कमी देखी गई इसके बाद लगातार उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है।
लगातार बढ़ रही पार्क प्रबंधन की आय
ज्ञात हो कि पेंच राष्ट्रीय उद्यान द्वारा जारी आंकडे अनुसार वर्ष 2000-01 में 5274 भारतीय पर्यटक एवं 14 विदेशी पर्यटक आए थे। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य एवं वन्यप्राणियों की संख्या में इजाफा व उनकी अठखेलियों के चलतेे यहां पर भारतीय और विदेशी पर्यटकों की संख्या प्रतिवर्ष इजाफा होने लगा। वहीं यह आकंडा वर्ष 2017-18 में भारतीय पर्यटक 74197 और विदेशी पर्यटक 8427 यहां आये। वहीं बीते 18 माहों के आंकडों में गौर किया जाये तो यह आंकडा 346672 भारतीय पर्यटक एवं 9874 विदेशी पर्यटकों का हो गया जहां कुल पर्यटकों की संख्या 356546 हो गई। पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ने से पेंच टाईगर रिजर्व को अच्छी खासी आय में भी वृद्धि हुई है।
वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए तैनाती
पेंच टाइगर रिजर्व क्षेत्र में उपलब्ध वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए लगभग 1000 अमले की तैनाती की गई है। इसके साथ लगभग 250 से अधिक गाईड पर्यटकों के लिए उपलब्ध हैं।
इस वर्ष आए 177285 पर्यटक
पेंच टाइगर रिजर्व के कोर जोन में सिवनी क्षेत्र में कर्माझिरी, टुरिया तथा छिंदवाडा जिले में स्थित जमतरा पर्यटन जोन है जिसमें इस वर्ष पार्क खुलने के बाद 01 अक्टूबर से 30 जून 2023 तक कुल 177285 पर्यटकों आए, जहां कोर क्षेत्र में 106613 पर्यटक तथा बफर जोन में 70673 पर्यटकों ने भ्रमण किया।
पर्यटकों की जानकारी, पेंच टाइगर रिजर्व, सिवनी
पर्यटन वर्ष 2022-2023 | पर्यटकों की संख्या | ||
भारतीय | विदेशी | योग | |
जुलाई 2022 | 2728 | 28 | 2756 |
अगस्त 2022 | 4488 | 25 | 4513 |
सितंबर 2022 | 5217 | 103 | 5320 |
अक्टूबर 2022 | 19560 | 209 | 19769 |
नवंबर 2022 | 18312 | 1096 | 19408 |
दिसंबर 2022 | 23625 | 692 | 24317 |
जनवरी 2023 | 17852 | 673 | 18525 |
फरवरी 2023 | 11232 | 1563 | 12795 |
मार्च 2023 | 12615 | 1658 | 14273 |
अप्रैल2023 | 17113 | 1444 | 18557 |
मई 2023 | 19678 | 286 | 19964 |
जून 2023 | 16925 | 163 | 17088 |
योग | 169345 | 7940 | 177285 |
रजनीश सिंह ने बताया कि पेंच टाइगर रिजर्व के कोर जोन में सिवनी क्षेत्र में कर्माझिरी, टुरिया तथा छिंदवाडा जिले में स्थित जमतरा पर्यटन जोन है जिसमें इस वर्ष कुल 177285 पर्यटकों ने पेंच टाइगर रिजर्व में भ्रमण किया।कोर क्षेत्र में 106613 पर्यटक तथा बफर जोन में 70673 पर्यटकों ने भ्रमण किया। प्रदेश के मुख्यमंत्री बफर में सफर योजना अंतर्गत क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु प्रोत्साहित करते हैं इस दृष्टि से बफर क्षेत्रों में कोर क्षेत्रों के 70 प्रतिशत के बराबर पर्यटको का आना एक बड़ी उपलब्धि है। पेंच टाइगर रिजर्वमें इस बर्ष के पर्यटन सीजन में कोर परिक्षेत्र में पर्यटन बंद हो गया है किंतु बफर जोन के रूखड,मासुरनाला, खवासा,तेलिया, टिकाडी ,कुम्पामपानी में पर्यटन अभी भी प्रांरभ है।
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