M.P.: उच्चतर पद का प्रभार प्रदान किये जाने पीसीसीएफ को मध्यप्रदेश वन एवं वन्यप्राणी संरक्षण कर्मचारी संघ भोपाल ने सौंपा ज्ञापन
सिवनी, 20 सितम्बर। मध्यप्रदेश के वन विभाग में प्रतीक्षा सूची में पात्र वनरक्षकों को कार्यवाहक वनपाल व वनपाल को कार्यवाहक उपवनक्षेत्रपाल के रूप में उच्चतर पद का प्रभार प्रदान किये जाने हेतु मध्यप्रदेश वन एवं वन्यप्राणी संरक्षण कर्मचारी संघ भोपाल ने बीते दिन प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख भोपाल को छह सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन सौंपा है।
मध्यप्रदेश वन एवं वन्यप्राणी संरक्षण कर्मचारी संघ भोपाल के प्रान्ताध्यक्ष रामयश मौर्या ने बुधवार को बताया कि वन कर्मियों से संबंधित छह सूत्रीय मांगों को लेकर बीते दिन प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख भोपाल को कर्मचारी संघ द्वारा ज्ञापन सौंपा गया है।
दिये गये ज्ञापन में बताया गया कि अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (प्रशासन 2) म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक / 2510 25 अप्रैल 23 से वनरक्षकों को कार्यवाहक वनपाल के रूप में उच्चतर पद का कार्यवाहक प्रभार एवं मध्यप्रदेश शासन वन विभाग भोपाल का आदेश 11 अगस्त 23 से वनपाल को कार्यवाहक उपवनक्षेत्रपाल के रूप में उच्चतर पद का कार्यवाहक प्रभार दिये जाने के संबंध में जारी निर्देशों के अनुसार प्रदेश में लगभग सभी वृतों उच्चतर पद का पदभार दिया जा चूका है, जिससे कर्मचारीयों में हर्ष व्याप्त है। चूकि शासन द्वारा सर्वप्रथम वनरक्षक से कार्यवाहक वनपाल के उच्चतर पद का आदेश किये जाने के फलस्वरूप जूलाई 2023 तक वनपाल के रिक्त पदों के अनुसार वनरक्षकों को कार्यवाहक वनपाल के उच्चतर पद का पदभार दिया है। तत्पश्चात शासन द्वारा वनपाल से कार्यवाहक उपवनक्षेत्रपाल का उच्चतर पद का पदभार दिये जाने के आदेश किये जाने के फलस्वरूप वनपाल से कार्यवाहक उपवनक्षेत्रपाल का उच्चतर पद का पदभार भी जूलाई 2023 तक रिक्त पदों पर दिया है। जिस कारण वनपाल के पद व्यवहारिक ,काल्पनिक रूप से रिक्त हो गयें है।
जिसके संबंध में वन वृत बालाघाट के वनरक्षकों का संयुक्त आवेदन संघ को प्राप्त हुआ है जिसमें 37 वनपाल से कार्यवाहक उपवनक्षेत्रपाल के पद पर उच्च पद का पदभार दिये जाने के फलस्वरूप व्यवहारिक ,काल्पनिक रूप से रिक्त वनपाल के पदों पर इसी डी.पी.सी. वर्ष 2023 के पात्र ,प्रतीक्षा सूची में रखे गये वनरक्षकों को कार्यवाहक वनपाल एवं वनपाल को कार्यवाहक उपवनक्षेत्रपाल के उच्चतर पद का पदभार दिये जाने का संघ अनुरोध करता है। जिसमें इन बातों का समावेश हो। शासन के आदेशानुसार कार्यवाहक उच्ततर पद का पदभार दिये जाने की यह प्रक्रिया न्यायालय के निर्णय , नयी पदोन्नती नीति आने तक लगातार चलना है। वनपाल, कार्यवाहक उपवनक्षेत्रपाल के रूप में पदोन्नत होने पर वह बीट एवं सर्किल दोनों स्थानों पर एक साथ कार्य नही कर पायेगा। इस प्रकार वनपाल के पद रिक्त होगें एवं वनपाल स्तर का कार्य निश्चित रूप से प्रभावित होगा। शासन को पृथक से कोई अन्य आर्थिक भार नहीं पड़ेगा। शासन को विकल्प के तौर पर बिना आर्थिक भार के अन्य दक्ष, प्रशिक्षित कर्मचारी उपलब्ध होंगे एवं विभागीय आवश्यकता अनुसार बिना किसी अतिरिक्त , अन्य आर्थिक लाभ ( दोहरा लाभ ) दिये कार्यवाहक प्रभार के साथ-साथ बीट का भी अतिरिक्त प्रभार दिया जा सकेगा। वनरक्षक को वनपाल एवं वनपाल को उपवनक्षेत्रपाल के रूप में उच्चतर पद का कार्यवाहक प्रभार दिये जाने के संबंध में स्वीकृत पद के विरूध्द आहरण संबंधित किसी भी प्रकार की कोई बाध्यता नहीं।
आगे बताया कि विभाग को कर्मचारियों की कुशलता एवं दक्षता के आधार पर दोहरा कार्य एवं उत्तरदायित्व निर्वहन करने के कारण भविष्य हेतु अनुभवी वनपाल प्राप्त होगे जिसे वनपाल बनने पर शासकीय कार्य उच्च कुशलता से कार्य सम्पादित कर सकेगा । उपवनक्षेत्रपाल पद की कार्यवाहक एवं वनपाल पद की मूल द्विस्तरीय जिम्मेदारी से कार्यक्षमता प्रभावित होने की स्थिति में उपवनक्षेत्रपाल स्तर का कार्य लिया जाना है, इस स्थिति में परिणामत जब उच्चतर पद कर पदोन्नत वनपाल, कार्यवाहक उपवनक्षेत्रपाल स्तर का कार्य करेंगे तब वनपाल स्तर का कार्य निश्चित रूप से प्रभावित होगा।
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