M.P.: श्रेष्ठ दिव्यांगजन के रूप में उत्कृष्ट कार्य करने पर राष्ट्रीय पुरूस्कार से सम्मानित हुए जिले के अभिषेक ठाकुर

सिवनी, 03 दिसंबर। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भारत सरकार द्वारा विज्ञान भवन नई दिल्ली में शनिवार को आयोजित पुरस्कार समारोह मे देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय स्तर पर चार रोजगार मेले आयोजन करने तथा दिव्यागजनों के लिए कोविड 19 हेल्पलाईन का उत्कृष्टता पूर्वक संचालन करने पर श्रेष्ठ दिव्यांगजन के रूप में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए मध्यप्रदेश के सिवनी विकासखंड के ग्राम मारबोडी निवासी शिक्षक राजकुमार ठाकुर के छोटे पुत्र अभिषेक ठाकुर जो कि जन्म से ही दृष्टिबाधित है को राष्ट्रीय पुरूस्कार से सम्मानित किया है।


अभिषेक ने हिस को बताया कि उन्होनें अपने सतत प्रयास,हौसले, संघर्ष,कठिन, परिश्रम और त्याग से इस महान उपलब्धि को प्राप्त किया है। उन्होनें प्रारंभिक शिक्षा नागपुर ,जबलपुर एवं दिल्ली, मुंबई में पूर्ण की है वह वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के सामाजिक कार्य विभाग में वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।
उन्होनें टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई इंडिया से एमफिल और मास्टर डिग्री की है तथा वह सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र भी रहे है इस दौरान वह टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज दिल्ली से वर्ष 2011 में स्वर्ण पदक से सम्मानित हुए है। तथा टास्क फोर्स कमेटी, राष्ट्रीय कौशल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के सदस्य के रूप में , अंतर्राष्ट्रीय संस्थान के लिए रिसर्च , विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रशिक्षुता के रूप में कार्य तथा 4 रोजगार मेलो का सफल आयोजन कर विभिन्न श्रेणियो के दिव्यांगजनों को रोजगार उपलब्ध कराया है।
अभिषेक ने बताया कि उन्होंने विभिन्न मुद्दों जैसे रोजगार और विकलांगता, जल और स्वास्थ्य, कौशल विकास आदि पर भी शोध प्रकाशित किया है। सन 2011 में उन्होने सिवनी जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम पर अपना विस्तृत शोध किया जिसके तहत् उन्होने सिवनी ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों से गहन चर्चा कर उनकी समस्याओ एवम सुझावों को उपयुक्त राष्ट्रीय मंचों पर रखा। वैश्विक महामारी कोविड-19 में भी अभिषेक ठाकुर ने कोविड हेल्पलाइन का कुशल संचालन करते हुए संपूर्ण भारत में विकलांगों को दवाइयां हॉस्पिटल उपलब्ध कराने हेतु सतत कार्य किये जिसकी सराहना भारत के तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने 2021में की थी।
आगे बताया कि भारत के दो बड़े गैर सरकारी संगठन ,जो विकलांगता के क्षेत्र में व्रहत रूप से उत्कृष्ट कार्य कर रहे है। वह नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड, ब्लाइंड रिलीफ एसोसिएशन बोर्ड में सदस्य एवं दिल्ली सरकार, भारत द्वारा स्थापित विकलांगता रोजगार पर विशेषज्ञ समिति के सदस्य हैं।
उन्होनें इस उपलब्धि का श्रेय पिता राजकुमार ठाकुर एवं बड़े भाई हरिओम ठाकुर को दिया जिन्होंने हर कदम पर, हर परिस्थिति में उनका साथ दिया।
अभिषेक ने बताया कि जिले के लगभग 40 दृष्टिबाधित बच्चों को उन्होनें दिल्ली लाया और उनका अलग-अलग स्कूलों में प्रवेश दिलाया और शिक्षा पूर्ण होने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में वह सभी अच्छे पदों पर कार्य कर रहे है। वह विगत 15 वर्षाे से सिवनी जिले के दृष्टिबाधित बच्चों को आशादीप स्कूल के माध्यम से दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश दिलाकर उनकी शिक्षा पूर्ण कराकर उन्हें शासकीय सहित विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार दिलाने का प्रयास कर रहे है।
उन्होनें कहा कि सिवनी जिले के हर युवाओं में अपार क्षमताएं है बस उन्हें सही मार्गदर्शन मिले तो वह देश के हर क्षेत्र में अग्रणी कार्य में सफलता हासिल करेगें।
हिन्दुस्थान संवाद

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