काम, क्रोध और लोभ नरक के द्वार है : श्री रावतपुरा सरकार
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हजारों भक्तों ने लिये दर्शन लाभ
सिवनी, 25 नवंबर। श्री सद्गुरू देव भगवान कहते है आप सभी भक्त राधाकृष्ण प्राण प्रतिष्ठा एवं श्री मद भागवत कथा में प्रातरू काल से प्रार्थना में सम्मिलित हुये है, आप सभी भक्तों पर संकट मोचन रावतपुरा सरकार की कृपा है।
क्रोध का मुख्य कारण अंहकार होता है, अगर हम क्रोध पर नियंत्रण चाहते है, तो अंहकार को हमें सबसे पहले कुचलना हो।
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उक्ताशय के उद्गार ग्राम भंडारपुर में चल रहे भागवत कथा ज्ञान यज्ञ एवं राधाकृष्ण प्राण प्रतिष्ठा में पधारे भगवान श्री रावतपुरा सरकार द्वारा आस्था मंच के माध्यम से व्यक्त किये गये। मनुष्य के शरीर के विनाश का कारण क्रोध होता है, जहां व्यक्ति अपना नियंत्रण खो देता है, क्रोध से दूर होने के लिये प्रेम, ज्ञान और अध्यात्म की शरण ही अंतिम उपाय है।
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जिस व्यक्ति ने प्रेम को आत्मसात कर लिया, समझो उसने परम पिता परमात्मा को पा लिया है। सद्गुरू देव भगवान ने कहा कि मैं क्रोध नहीं करूंगा, यह संभव नहीं है, परंतु क्रोध का संग्रह नहीं करूंगा, यह संभव है। स्वच्छ जीवन के लिये क्रोध पर नियंत्रण आवश्यक है, जिस प्रकार पानी में खीची गई लखीर कुछ सेंकेंड में मिट जाती है, उसी प्रकार क्रोध को भी जो तत्काल शांत कर लेता है, वह कभी दुखी नहीं होता।
क्षमा भाव क्रोध का विरोधी है और क्षमा भाव के कारण सहनशीलता, विनम्रता व्यक्ति को धैर्यवान बनाती है, क्षमा का गुण हर किसी के पास नहीं होता, जिसे प्राप्त करना ज्ञान के माध्यम से ही संभव है।
भक्तजनों को आशीर्वचन देते हुये रावतपुरा सरकार ने कहा कि स्वयं को माचिश की तीलि समझे और स्वयं को सरोवर जैसा बनाये, जिसमें अंगार फेंकने पर भी बूझ जाता है, मनुष्य कार्य से नहीं थकता, बल्कि वह क्रोध और चिंता के कारण थक जाता है। भगवान श्रीकृष्ण भी इसी बात का उल्लेख भागवत गीता में कहा था, जहां उन्होंने बताया था कि काम, क्रोध व लोभ ये तीनों नरक के द्वार है, व्यक्ति को पतन की ओर ले जाते है, इसलिये सुखी जीवन के लिये इन तीनों का त्याग कर देना चाहिये, कहने का आशय है कि क्रोध पर नियंत्रण रखे, इससे स्वयं भी बचे व दूसरों को भी बचाये, जिससे कल्याण होना तय है।
पादुका पूजन कर लिया आर्शीवाद
गुरूवार से आरंभ हुये इस धार्मिक आयोजन में प्रातरू 8 बजे आस्था मंच पर विराजमान भगवान श्री रावतपुरा सरकार का भक्तजनों ने पादुका पूजन कर आर्शीवाद लिया, जिसमें मुख्य यजमान हरलाल सनोडिया, अपूर्व सिंह बिट्टू, सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन, महेश पटेल, वि-ल पटेल, राजेश पटेल, रामेश्वर पटेल, सतीष सनोडिया, महेश सनोडिया, चुन्नीलाल सनोडिया, चिंतामन सनोडिया, मयंक बघेल, हुकम सनोडिया, बाबू मालोटिया, ओम उपाध्याय, लक्ष्मण साहू, महेश पटेल पिपरिया, अविनाश भोपाल, विजय पटेल भंडारपुर, राधेश्याम, दीपक बड़ो, चीकू डहेरिया, परसराम पटेल उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान संवाद