जिले में वर्ष 2021 में 2 मलेरिया पॉजिटिव, 1 प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम का केस, मलेरिया उन्मूलन की ओर बढ़ते कदम जनभागीदारी से जीतेंगे हम -जिला मलेरिया अधिकारी
’’मलेरिया निरोधक माह जून 2021’’
सिवनी, 14 जून। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.सी.मेशराम ने बताया कि कलेक्टर डॉ. राहुल हरिदास फटिंग के निर्देशन में राष्ट्रीय वाहक जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी मलेरिया निरोधक माह 01 जून से 30 जून तक मनाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत मलेरिया रथ का भ्रमण संपूर्ण जिले में समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो के मलेरिया प्रभावित ग्रामें में किया जा रहा है। वर्ष 2021 में शासन के निर्देशानुसार मलेरिया कीटनाशी दवा अल्फासाईपर मेथ्रिन का छिड़काव 5 ब्लॉको के 6 मलेरिया प्रभावित ग्रामे में किया जा रहा है। यह छिड़काव कार्यक्रम दो चरणो सम्पन्न होना है प्रथम चक्र 16 जनू से 5 जुलाई तथा द्वितीय चक्र 1 सितम्बर से 20 सितंबर तक सम्पन्न होना है। साथ ही जिले के समस्त् विकासखंडो के स्थायी और अस्थायी जल स्त्रोतो मे मलेरिया नियंत्रण हेतु 3 लाख गम्बूसिया मछली का संचयन किया जाएगा।
जिला मलेरिया अधिकारी स्मृता नामदेव ने बताया कि जिले में विगत 5-6 वर्षो में मलेरिया के केसों में निरंतर कमी पाई गई है। जिसके अंतर्गत क्रमश: वर्ष 2016 में 601, वर्ष 2017 मे 384, वर्ष 2018 में 483, वर्ष 2019 में 102, वर्ष 2020 में 21 तथा वर्ष 2021 में 2 मलेरिया पॉजिटिव केस पाए गए है। इसी प्रकार सबसे खतरनाक माना जाने वाला मलेरिया जिससे मस्तिष्क ज्वर हो जाता है प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के केस भी लगातार कम हुए है। जिसके अंतर्गत क्रमश: वर्ष 2016 में 212, वर्ष 2017 में 185, वर्ष 2018 में 270, वर्ष 2019 में 35, वर्ष 2020 में 09 प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम केस पाये गये है। तथा वर्तमान मे मात्र 1 केस पाया गया है।
जिला मलेरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि मलेरिया बुखार के लक्षणों वाले संभावित मरीजो की खोज कर उनकी जांच करना एवं पॉजिटिव होने पर पूर्ण उपचार प्रदान करना तथा मलेरिया ट्रांसमिशन को रोकना मलेरिया निरोधक माह का प्रमुख उद्देश्य है। ग्राम स्तर पर आशा एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा मलेरिया रैपिड किट से जांच की जा रही है। जिसके परिणाम लगभग 15 से 30 मिनट के भीतर प्राप्त हो जाता है। पॉजिटिव परिणाम के अनुसार उन्हे उम्र के अनुसार दवाईंया दी जा रही है। मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों से बचाव रोकथाम नियंत्रण व उपाय के बारे में जानकारियां लोगो के मध्य प्रचारित प्रसारित करने से जनजागरूकता बढ़ी है जिसका परिणाम है कि मलेरिया जैसे रोगो में कमी आई है।
बारिश के मौसम में जगह-जगह पानी का जल जमाव होने लगता है यह समय मच्छरों की उत्पत्ति के अनुकूल होता है। मच्छरो की पैदावार बढ़ने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियो का संक्रमण बढ़ने की संभावना रहती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.सी.मेशराम एवं जिला मलेरिया अधिकारी स्मृता नामदेव द्वारा आम जन से अपील की जाती है कि-
01. घर एवं छत पर रखी पानी की टंकियो/टाको को ढंककर रखे, जिससे मच्छर अंडे न दे पाये।
02. बेकार टायरो में पानी जमा न होने दे, पॉलीथिन से ढके या ऐसे स्थान पर रखे जहां बरसात का पानी इनमें न भरे।
03. कूलर मे भरे पानी को सप्ताह में एक बार अवश्य खाली करे एवं सूखने के बाद पानी भरे।
04. हैंड पंप तथा नल के आस-पास जमा पानी की निकासी कर मच्छर की उत्तपत्ति को रोके।
05. कुएं, तालाब एवं पोखरो में लार्वाभक्षी गंबूशिया मछली डाले।
06. टूटे बर्तन, मटके, कुल्हड़, गमले, बिना ढके बर्तन, बेकार जूते, नारियल खोल, डिस्पोजल कप नष्ट करे या उनमें पानी जमा न होने दे।
07. घर की खिड़की एवं दरवाजो पर मच्छर रोधी जाली लगाएं, फुल बांह के कपड़े पहने, सोते समय मच्छरदानी का नियमित उपयोग करे।
हिन्दुस्थान संवाद
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