मोहन मंत्रिमंडल में  झाबुआ- रतलाम संसदीय सीट से 3 मंत्री बनाए गए, जावरा, सुवासरा एवं जावद की उपेक्षा

(जगदीश राठौर )

 विधायक डॉक्टर पांडेय ने 2008 में कैबिनेट मंत्री को हराया था

रतलाम ,25 दिसंबर। मोहन यादव मंत्रिमंडल  में जावरा सुवासरा एवं जावद विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा की गई है। पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा के पुत्र ओम प्रकाश सकलेचा को इस मर्तबा कैबिनेट में जगह नहीं दी गई है । केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास समर्थक सुवासरा सीट से विधायक हरदीप सिंह डंग को लोगों का कहना है कि नजर अंदाज किया गया है । सर्व धर्म समभाव की नगरी जावरा विधानसभा क्षेत्र से चौथी मर्तबा जीते हुए उन्होंने वर्ष 2008 में कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह कालूखेड़ा को 9851 मत के अंतर  से हराया था, उस समय डॉ. पांडे दो मर्तबा ही जीते थे इसलिए उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था ।  विधायक डॉ राजेंद्र पांडेय के लिए लाखों लोग और सैकड़ो कार्यकर्ता आस लगाए बैठे थे इस बार तो राजू भैया  मंत्री बनेंगे, लेकिन यह आशा निराशा में बदल गई ।

इधर नवगठित कैबिनेट में  विशेषता यह रही की झाबुआ संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत झाबुआ, रतलाम एवं अलीराजपुर विधानसभा से 3 मंत्री बनाए गए।
इतिहास साक्षी रहा है कि 8 मर्तबा लगातार मंदसौर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीत चुके डॉ लक्ष्मी नारायण पांडेय को भी  केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था। जावरा विधानसभा से डॉक्टर कैलाश नाथ काटजू मुख्यमंत्री (1962) रहे हैं जबकि भारत सिंह ( वर्ष 80 एवं वर्ष 85) और महेंद्र सिंह कालूखेड़ा (वर्ष 1998 एवं वर्ष 2008) एक नहीं दो- दो मर्तबा कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। जावरा विधानसभा का इतिहास है कि कांग्रेस 8 मर्तबा वर्ष 1957, 1959, 1972, 1980, 1985, 1993, 1998 एवं 2008 चुनाव जीत चुकी है । जबकि भारतीय जनसंघ, जनता पार्टी एवं अब भारतीय जनता पार्टी क्रमशः वर्ष 1962 ,1977, 1990,  2003, 2013, 2018 एवं 2023  इस प्रकार 06 मर्तबा चुनाव जीती है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि जावरा विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ है । अफसोस यह है कि क्यों एक बार भी जावरा से निर्वाचित विधायक को कैबिनेट मंत्री का दर्जा नहीं दे सकी ।
follow hindusthan samvad on :

You may have missed